- गौरव चौहान
मप्र में विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से शुरू होने वाला है। जिसके लिए विधानसभा में तैयारियां शुरू हो गई हैं। खास बात यह है कि इस बार अधिकांश विधायकों ने ऑनलाइन सवाल पूछे है। पिछले पांच साल में यह पहला अवसर है ,जब विधायकों ने ऑफलाइन से अधिक ऑनलाइन सवाल पूछे है।
विधानसभा के मॉनसून सत्र में इस बार नर्सिंग घोटाले की गूंज सुनाई देने वाली है। क्योंकि विधायकों ने सबसे ज्यादा सवाल नर्सिंग घोटाले और कानून व्यवस्था को लेकर लगाए हैं। विपक्ष के विधायकों ने भी इसी मुद्दे से जुड़े सवाल पूछे हैं। बता दें कि मप्र विधानसभा का आगामी मानसून सत्र 1 जुलाई से 19 जुलाई तक रहेगा। जिसमें इस बार कई अहम बैठकें होगी। इसी सत्र में बजट भी आना है। ऐसे में बजट को लेकर भी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
विधानसभा के मॉनसून सत्र में विधायकों ने 4 हजार से ज्यादा सवाल लगाए हैं। इस बार विधायकों ने नर्सिंग, कानून व्यवस्था, कृषि, स्वास्थ्य, राजस्व विभाग से जुड़े सबसे ज्यादा सवाल पूछे हैं। विधायकों के पास विधानसभा में ऑनलाइन या ऑफलाइन सवाल लगाने का प्रावधान था। विधानसभा सचिवालय के पिछले पांच सालों से चल रहे प्रयास अब कारगर होते दिख रहे हैं। विधानसभा के बजट सत्र में पहली बार विधायकों ने ऑनलाइन प्रश्न ज्यादा पूछे हैं। ऑफलाइन सवालों की संख्या ऑनलाइन से अब कम हो गई है। इस बार विधायकों ने 4 हजार 287 सवाल लगाए हैं। इनमें ऑनलाइन सवालों की संख्या 2 हजार 386 तो ऑफलाइन की 1901 है। विधानसभा के मॉनसून सत्र में इस बार कुल 14 बैठके होंगी। जिसमें मोहन सरकार मानसून सत्र में सरकार 8 से 10 विधेयक ला सकती है। इसके लिए मोहन सरकार के कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट भी इसी सत्र में आने वाला है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा बजट पेश करेंगे। जिसके लिए भी सरकार ने जनता से भी बजट बनाने को लेकर सवाल पूछे हैं। बजट के बाद इस पर भी चर्चा होगी। जिसके लिए पक्ष और विपक्ष दोनों ने तैयारियां शुरू की हैं। विधानसभा सत्र के पहले दोनों पार्टियों के विधायक दलों की बैठकें भी होंगी।
2109 तारांकित और 2179 अतारांकित सवाल
गौरतलब है कि विधानसभा सचिवालय विधायकों को नई तकनीक के साथ कदमताल करने के लंबे समय से प्रयास कर रहा है। इसके लिए विधायकों को पूर्व में लैपटॉप भी दिए गए थे। इसके बाद सचिवालय ने विधायकों से इस बात का आग्रह किया कि वे नई तकनीक का प्रयोग करें और ऑनलाइन सवाल ज्यादा लगाएं।
इसके लिए दो बार विधायकों के प्रशिक्षण सत्र भी सदन के मानसरोवर स्थित सभागार में आयोजित किए गए। शुरुआत में इसके सार्थक परिणाम नहीं आए। इसके बाद यह तय किया गया कि विधायकों के सहायकों को प्रशिक्षण दिया जाए। सहायकों को भी प्रशिक्षण सत्र चला। विधानसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब विधायक ऑनलाइन तकनीक का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं और अधिकांश विधायक नई तकनीक का भी प्रयोग ज्यादा कर रहे हैं। तीस मई को विधानसभा सत्र का विस्तृत कार्यक्रम घोषित किया गया था। इसके बाद विधायकों ने सवाल लगाने शुरू किए थे। इस बार आए 4 हजार 287 सवालों में 2109 तारांकित और 2179 अतारांकित सवाल हैं।
वहीं सवालों का दौर समाप्त होने के बाद 25 जून से स्थगन और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों का सिलसिला शुरू होता है। इसमें विधायक अपने क्षेत्र से जुड़े लोक महत्व के मसलों को सदन में उठाते हैं।इसी के साथ विधायक शून्यकाल में पढ़ी जाने वाली सूचनाएं भी सचिवालय को देंगे। महत्वपूर्ण यह है कि इस सत्र में सरकार इस वित्तीय वर्ष का बजट भी पेश करेगी। सूत्रों की माने तो बजट तीन या चार जुलाई को ही पेश हो सकता है। इसके बाद इस पर चर्चा होगी और सदन इसे बहुमत से पास करेगा। इसके अलावा सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश होंगे। पिछले कुछ सालों में सदन में बैठकों की संख्या लगातार कम हो रही है। इस बार बजट सत्र एक जुलाई से 19 जुलाई तक चलेगा। 19 दिवसीय इस सत्र में कुल 14 बैठकें होनी है।। पूर्व पूर्व में बजट सत्र एक महीने से अधिक समय का होता था। जिसमें कम से कम 22 से 26 दिन की बैठकें होती थी पर अब सत्र में सीमित बैठकें होती है। अधिकांश बार तो यह होता है कि हंगामे के चलते सत्र अपनी निर्धारित अवधि तक चल ही नहीं पाता।
हंगामेदार होगा सत्र
नर्सिंग मामले समेत प्रवेश परीक्षाओं में हो रही कथित अनियमितता को लेकर इस बार सदन के खासे गर्माने के आसार हैं। इस मामले पर कांग्रेस काम रोको प्रस्ताव भी ला सकती है। माना जा रहा है कि विस का सत्र शुरू होते ही इस मामले पर कांग्रेस सरकार को घेरने का प्रयास करेगी। इस कारण सदन में पक्ष-विपक्ष में टकराव के आसार हैं। विधानसभा सचिवालय के सूत्रों की मानें तो इस बार नर्सिंग घोटाले में सीबीआई अफसरों की गिरफ्तारी समेत प्रवेश परीक्षाओं में कथित तौर पर गड़बड़ी और कानून व्यवस्था से जुड़े मसलों पर विधायकों ने ज्यादा सवाल लगाए है। इसके अलावा किसानों की समस्याओं से जुड़े सवाल भी हैं। पेयजल की दिक्कत, नल जल योजनाओं को लेकर भी कई विधायकों ने सवाल लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने नर्सिंग घोटाले को लेकर एक पोस्टर जारी किया है। इसमें लिखा है कि मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले के स्तर पर नर्सिंग कॉलेजा में घोटाला हुआ है। इस घोटाले ने व्यापमं घोटाले को भी पीछे छोड़ दिया है। इसमें फर्जी कॉलेजों को मान्यता देने, फर्जी डिग्रियां बांटने और छात्रों से अवैध स्कॉलरशिप लेने में भी बड़ी गड़बड़ी हुई है। इस घोटाले में भाजपा से जुड़े कई बड़े नेताओं की संलिप्तता भी उजागर हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने जनता से अनुरोध करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में इस घोटाले को उजागर करने में मदद करें। उन्होंने आगे लिखा कि आपके पास नर्सिंग घोटाले से संबंधित जो भी जानकारी, दस्तावेज, फोटो, वीडियो, कॉल रिकॉर्डिंग और अन्य जानकारी हो तो व्हाट्सएप या ईमेल आईडी पर भेजें। उन्होंने आगे लिखा कि जानकारी देने वालों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।