मान, अपमान और स्वाभिमान…

  • मप्र में महा पलटी की एक और पटकथा तैयार
  • गौरव चौहान
कमलनाथ

मध्य प्रदेश की सियासत में करीब चार साल बाद एक बार फिर महा पलटी की पटकथा लगभग तैयार दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। अगर, ऐसा हुआ तो लोकसभा चुनाव से यह कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। ऐसा ही एक झटका 11 मार्च 2020 को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को दिया था, जब वे 22 विधायकों के साथ कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हो गए। इससे कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और भाजपा एक बार फिर सत्ता में आ गई थी। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है। इससे साफ है कि अगर कमलनाथ भाजपा में शामिल होते हैं तो लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए यह बहुत बड़ा झटका होगा। कहा जा रहा है कि कमलनाथ की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह है मान, अपमान और स्वाभिमान।  सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन कमलनाथ को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के तीसरे बेटे की तौर पर देखा जाता था, वह पार्टी छोड़ने  के कगार पर कैसे पहुंचे? नवंबर-दिसंबर में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया। इसके बाद अचानक उन्हें मध्य प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। पार्टी के कार्यक्रमों से भी उन्होंने दूरी बना ली और फिर अचानक उनके भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई।
कमलनाथ की नाराजगी की वजह
नाथ के करीबियों को कहना है की मान, अपमान और स्वाभिमान उनकी कांग्रेस से नाराजगी की बड़ी वजह है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। प्रदेश की 230 में से भाजपा ने 163, कांग्रेस ने 66 और भारत आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ दिया। उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। अन्य नेताओं ने भी उन्हें अलग-थलग कर दिया। विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने एका-एक प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। राहुल गांधी के करीबी रहे जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंपी गई। न तो कमलनाथ से रायशुमारी हुई और न ही उन्हें बताया गया और अचानक उन्हें बदलने का फरमान जारी हो गया। इससे भी कमलनाथ आहत हुए थे। भले ही सार्वजनिक मंच पर उन्होंने इसे छिपाया, लेकिन नाराजगी नहीं छिपा सके। कमलनाथ की सक्रियता हमेशा से केंद्रीय राजनीति में रही है। 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उन्हें मध्य प्रदेश में भेजा गया था। जब सरकार चली गई तो लगा कि उन्हें फिर से दिल्ली बुला लिया जाएगा। इसके विपरीत पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश में ही उलझाए रखा। 2023 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद कमलनाथ फिर दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं सुनी।  कमलनाथ राज्यसभा का चुनाव लडक़र केंद्रीय राजनीति का हिस्सा बनना चाहते थे। उन्होंने कांग्रेस विधायकों के लिए एक डिनर भी रखा था। तब पार्टी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए सोनिया गांधी को चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। जब सोनिया गांधी ने राजस्थान को चुना तो दिग्विजय सिंह के समर्थक अशोक सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया गया। यह पूर्व मुख्यमंत्री को अच्छा नहीं लगा। इसलिए वे कांग्रेस से नाराज हैं और भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। कमलनाथ अपने सांसद बेटे नकुलनाथ के साथ ही करीब एक दर्जन से अधिक विधायकों के साथ बीजेपी की सदस्यता लेने की तैयारी में हैं।
प्रदेश कांग्रेस ने अटकलों का किया खंडन
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इन अटकलों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को तीसरा बेटा बताया था। हम हर परिस्थिति में कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलकर रहे हैं। हर भूमिका में निडरता से अपना काम करते रहे हैं। मुझे वो समय याद है जब सिंधिया जी ने कांग्रेस की सरकार गिराई थी। तब भी कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता कमलनाथ  के साथ खड़ा था। जो खबरें हैं वे निराधार हैं। कभी सपने में भी ये विचार नहीं आ सकता है कि जिनके नेतृत्व में हमने कुछ महीने पहले चुनाव लड़ा था, वो कांग्रेस छोड़ सकता है। राज्यसभा के चुनाव में अशोक सिंह का नाम कमलनाथ ने प्रस्तावित किया था। उसी पर सभी ने मुहर लगाई। यही कारण है कि वो एक मात्र कांग्रेस उम्मीदवार हैं। पीसीसी चीफ ने कहा कि संजय गांधी और कमलनाथ की केमिस्ट्री को सबने देखा है। कमल नाथ जब चुनाव लड़े तब इंदिरा गांधी ने उन्हें तीसरे बेटे के रूप में मिलाया। मुझे याद है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की सरकार गिराई थी, तब भी कांग्रेस कार्यकर्ता कमलनाथ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा था। उन्होंने कहा कि कोई सपने में सोच सकता है कि इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कांग्रेस छोड़ सकता है।पटवारी ने कमलनाथ के बीजेपी में जाने की अटकलों को अफवाह बताया है।
दल-बल के साथ पलायन की तैयारी
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ एवं उनके छिंदवाड़ा से सांसद बेटे नकुल नाथ ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। सियासी गलियारों में उनके जल्द भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज है। संभावना है कि दिल्ली में आज उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी समेत भाजपा के कुछ और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात हो सकती है। फिलहाल दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक चल रही है, जिसमें सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित हैं। आज इस अधिवेशन का अंतिम दिन है। कांग्रेस में कमल नाथ के समर्थक विधायक और महापौर भी दिल्ली पहुंच सकते हैं। इसमें छिंदवाड़ा, बालाघाट, मुरैना सहित अन्य जिलों के विधायक शामिल बताए जा रहे हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस के लगभग 15 मौजूदा और 8 पूर्व विधायक भी कमल नाथ के साथ पार्टी को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

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