‘ईमानदार’ पर पड़ेगी बिजली की मार

बिजली की मार
  • बिजली कंपनियों का नया टैरिफ देगा बड़ा झटका

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। बिजली कंपनियों ने नए टैरिफ में दरों की बढ़ोतरी करने की याचिका नियामक आयोग में दाखिल की है, जिस पर 22 जनवरी को आयोग आम उपभोक्ताओं से दावे और आपत्तियां लेगा। जबकि केंद्र सरकार ने 14 जून 2023 को दिन में कोयले से उत्पन्न बिजली की जगह पर सस्ती और सौर ऊर्जा का उपयोग ज्यादा होने से दिन के बिजली के दाम 20 फीसदी घटाने संबंधी निर्देश संशोधित बिजली नियम के तहत लागू कर दिए थे। लेकिन बिजली कंपनियों ने इन्हें केवल औद्योगिक और गैर-घरेलू उपभोक्ताओं पर लागू करने के लिए प्रस्तावित किया है, जो कि भेदभावपूर्ण है। माना जा रहा है कि इससे ‘ईमानदार’ उपभोक्ताओं पर सबसे अधिक मार पडऩे वाली है।  
गौरतलब है कि प्रदेश में मध्यमवर्ग को ईमानदार उपभोक्ता माना जाता है। यह वर्ग ईमानदारी से अपने बिलों का भुगतान करता है। इसको देखते हुए बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं को एक और करंट लगाने की तैयारी कर रही हैं। अभी तक 100 यूनिट, 200 यूनिट और 300 यूनिट तक बिजली का घरेलू इस्तेमाल करने वालों के पे स्लैब अलग-अलग होते हैं। प्राय: घरेलू छोटे उपभोक्ता 100-150 यूनिट बिजली का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब ऐसी जानकारी मिली है कि 150 यूनिट के बाद कोई स्लैब नहीं होगा। अगर 151 यूनिट बिजली का उपयोग किया गया तो हायर स्लैब में चला जाएगा जिससे उपभोक्ताओं को अब बड़े-बड़े बिल मिलेंगे। इस समय सबसे ज्यादा आपत्ति 151 यूनिट खपत को हाइस्लैब करना है। इसमें सीधे तौर पर प्रति यूनिट दर 6.61 रुपए से बढकर 6.87 रुपए हो गई। अन्य टैक्स मिलाकर दर एक रुपया तक बढ़ी है। इसमें फिक्स चार्ज की राशि का अंश भी शामिल है। यदि बिजली कंपनी का प्रस्ताव लागू होता है तो 151 यूनिट से ज्यादा खपत करने वालों को बिजली बिल का झटका लगना तय है। क्योंकि उनका चार्ज बढने के साथ हर 15 यूनिट बढऩे पर 28 रूपए का फिक्स चार्ज भी जुड़ता जाएगा। इससे जिसकी जितनी ज्यादा खपत होगी उसका बिल उतना और ज्यादा बढ़ता जाएगा।
सबसे अधिक मध्यम वर्गीय उपभोक्ता
बिजली कंपनियों के 30 फीसदी से ज्यादा बिजली उपभोक्ता 151 से 300 यूनिट बिजली जलाने वाले होते हैं। ये वे उपभोक्ता हैं, जिनके घरों में एसी, गीजर जैसे महंगी बिजली उपकरण नहीं होते। इन बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली होने पर असर पड़ता है। 300 यूनिट से ज्यादा बिजली जलाने वाले बिजली उपभोक्ता वे हैं, जिनके घरों के हर कमरे में ऐसी सहित अन्य बिजली के उपकरण लगे होते हैं। इन बिजली उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल आने पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। वर्तमान बिजली के टैरिफ में 151 से 300 यूनिट बिजली जलाने वाले बिजली उपभोक्ताओं को 6.61 रुपए यूनिट के हिसाब से बिजली मिलती है। वही 300 यूनिट से ज्यादा बिजली जलाने वाले बिजली उपभोक्ताओ को 6.80 रुपए यूनिट के हिसाब से बिल देना होता है। प्रस्तावित टैरिफ में 151 से 300 यूनिट बिजली जलाने वालों के लिए 6.87 रुपए यूनिट के हिसाब से बिजली बिल देना होगा। यानी इनकी बिजली को 26 पैसे महंगी करने की तैयारी है। वहीं 300 यूनिट से ज्यादा बिजली जलाने वाले बिजली उपभोक्ताओं को भी 6.87 रुपए के हिसाब से बिजली दी जाएगी। यानी इनकी बिजली में सिर्फ 7 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा होगा।
3.86 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मांग
बिजली कंपनियों ने बिजली का टैरिफ बढ़ाने के लिए याचिका विद्युत विनियामक आयोग में दायर कर दी है। कंपनियों ने 2046 करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए 3.86 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मांग की है। प्रस्तावित टैरिफ में बिजली कंपनियों ने अमीर बिजली उपभोक्ताओं को राहत और मध्यमवर्गीय को झटका देने की तैयारी की है। नए टैरिफ में 151 से 300 यूनिट बिजली जलाने वालों का 26 पैसे और 300 यूनिट से ज्यादा बिजली जलाने वालों का सिर्फ 7 पैसे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की इस याचिका को मंजूर कर लिया है। दावे-आपत्तियों की सुनवाई 29 जनवरी से 31 जनवरी तक होगी। इसके बाद आयोग याचिकाओं का सत्यापन करेगा और नए टैरिफ को मंजूरी देगा। नया टैरिफ प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा। बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तावित टैरिफ में इस बार मध्यम वर्गीय बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी करने की तैयारी है। एक टैरिफ स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव कंपनियों ने दिया है। इससे उन बिजली उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा झटका लगेगा, जो सबसे ज्यादा बिजली का बिल देने वाले हैं।
दिन में सस्ती और रात में महंगी बिजली
मध्य प्रदेश में दिन में सस्ती और रात में मंहगी बिजली देने की तैयारी की जा रही है। मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी (पीएमसी) ने पहली बार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नया इलेक्ट्रिसिटी टैरिफ प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दिया है। माना जा रहा है कि अप्रैल 2024 से मध्य प्रदेश के लोगों को बिजली 3.86 फीसदी महंगी मिल सकती है। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी की वित्तीय वर्ष 2024-25 की टैरिफ पिटीशन स्वीकार कर ली है। आयोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस टैरिफ पर दावे-आपत्तियां बुलाकर 29 जनवरी को जबलपुर, 30 जनवरी को भोपाल और 31 जनवरी को इंदौर में जनसुनवाई करेगा। इसके बाद अप्रैल महीने से प्रदेश के लोगों को बिजली 3.86 फीसदी महंगी मिल सकती है। कहा जा रहा है कि बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को शाम 5 बजे के बाद से सामान्य से बढ़ी हुई दर पर बिजली देगी। इसके अलावा चार्ज भी वसूला जाएगा। इस मामले में फैसला अब मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के ऊपर है। हालांकि, इस नियम को केंद्र सरकार के संशोधित विद्युत अधिनियम के तहत लागू होने का दावा किया जा रहा है। दरअसल बिजली कंपनी के नए प्रस्ताव को टाइम ऑफ डे (टीओडी) कहा जा रहा है। केंद्र सरकार के उपभोक्ता अधिकार अधिनियम में टीओडी टैरिफ लागू करने का प्रावधान है, जिसे राज्यों में लागू किया जाना है। इसमें सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाना है। दिन के समय सौर ऊर्जा भरपूर होती है। इसलिए उपभोक्ताओं को दिन में अधिक बिजली उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ लागू किया जा रहा है, ताकि दिन में सस्ती बिजली मिलने पर उपभोक्ता इंडस्ट्री और व्यावसायिक गतिविधियों को दिन में संचालित करें। कहा जा रहा है कि रात के समय की मांग पूरी करने के लिए कोयला आधारित ताप गृह से बिजली लेनी पड़ती है।  इससे पर्यावरण को भी नुकसान होता है. सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को लागू कर रही है।

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