इनका जलवा मुख्यमंत्री जैसा…

राजनीति

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कहते हैं राजनीति सेवा के लिए होती है, लेकिन समय के साथ राजनीति में भी विकृतियां आ गई हैं। फलस्वरुप नेता खुद को व्हीआईपी दिखाने और सेवा की जगह मेवा खाने में पीछे नहीं रहना चाहते हैं। प्रदेश में ऐसे कई नेता व माननीय हैं जो अपना जलवा व जलाल ऐसा रखते हैं, कि अगर कोई अनजान व्यक्ति देख ले तो उसे लगे कि कहीं नेता जी मुख्यमंत्री तो नही हैं।  ऐसे ही एक नेता जी हैं ,पूर्व मंत्री और मौजूदा भोजपुर क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र पटवा। वे उस सुविधा का जमकर उपयोग करते हैं जो, सुविधा सरकार द्वारा मंत्रियों, जेड प्लस सुरक्षा , पूर्व मुख्यमंत्री व सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को वाहन से यात्रा के समय पुलिस पायलेटिंग के रुप में दी जाती है। इस सुविधा का भरपूर दुरुपयोग पटवा द्वारा किया जाता है। वे जब भी अपने विधानसभा क्षेत्र में किसी शादी, रसोई या फिर अन्य कार्यक्रमों में जाते हैं तो उनके वाहन के आगे वाकायदा पुलिस की पायलेटिंग गाड़ी भी चलती है। जबकि विधायकों को पुलिस पायलेटिंग वाहन प्रोटोकॉल में नहीं आता है। इसी तरह के कुछ हाल भोपाल के भी एक माननीय के भी हैं। हाल यह हैं कि विधायक पटवा जब भोपाल से अपने विस क्षेत्र के लिए निकलते हैं तो बंगले से थानों को उनके आगमन की सूचना दे दी जाती है। मंडीदीप पुलिस का सरकारी वाहन भोपाल सीमा में करीब पांच किलोमीटर अंदर जाकर 11 मील से विधायक पटवा के वाहन को सुरक्षा देते हुए आगे चलता है। वापसी में भी ऐसा ही किया जाता है। बताया जा रहा है कि विधायक पटवा केवल अपना रसूख दिखाने के लिए यह सब करते हैं। इसकी वजह से उनके क्षेत्र के तहत आने वाले सभी आठ थानों की पुलिस परेशान बनी रहती है। इतना ही नहीं, कई थानों के थाना प्रभारी पायलेटिंग वाहन में खुद अपनी सीमा पर लेने और  छोड़ने जाते हैं। इसकी वजह से पुलिस के लिए चोरी, अवैध शराब, अपराधों की विवेचना, लंबित अपराधों का निराकरण आदि के लिए समय तक कम पड़ जाता है। इस मामले में नेताप्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि वह विधानसभा में इस पर जवाब मागेंगे। हाल यह हैं कि सत्ता के रसूख के चलते पूरे मप्र में शासन के पैसे का अपव्यय हो रहा है, विधायक हों या मंडलों के अध्यक्ष सभी सरकारी गाड़ी लेकर घूम रहे हैं। भाजपा के अधिकतर जनप्रतिनिधि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं। खास बात यह है कि पुलिस के आला अफसर भ्ज्ञी इसे गलत बता रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध जाते हैं।
थानों में है एक ही सरकारी वाहन
भोजपुर विधानसभा के तहत कुल आठ थाने आते हैं। इनमें मंडीदीप, सतलापुर, नूरगंज, औबेदुल्लागंज, गौहरगंज, उमरावगंज, सुल्तानपुर व बाड़ी शामिल हैं। इन सभी थानों में रात्रि गश्त, भ्रमण, अपराधियों को कोर्ट भेजने व अपराधों की विवेचना के लिए एक-एक सरकारी वाहन ही उपलब्ध है। इनमें से केवल औबेदुल्लागंज पुलिस ने एक अन्य वाहन पायलेटिंग के लिए अधिग्रहण किया है। ऐसे में यदि विधायक किसी थाना क्षेत्र में तीन से चार घंटे तक रहते हैं तो उस थाने की पुलिस को बगैर वाहन के ही काम चलाना होता है। यही नहीं इन थानों के स्टाफ को इसकी वजह से जेब से डीजल तक डलाना पड़ता है। इसकी वजह है सरकार हर थाने में सरकारी वाहन को 190 लीटर डीजल हर महीने ही देती है। पुलिस को इस डीजल में महीने भर में रात्रि गश्त , अपराधों की विवेचना, अपराधियों को कोर्ट, अस्पताल तक भेजने आदि का काम चलाना पड़ता है। ऐसे में विधायक जी की सेवा में वाहन का उपयोग होने से पुलिस वाहन के लिए डीजल भी कम पड़ जाता है।  

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