- 108 एंबुलेंस को नहीं मिल रही इमरजेंसी में मरीजों की सही लोकेशन, मोबाइल कंपनियों ने खींचा हाथ…
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मरीजों, गर्भवती महिलाओं और घायलों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हाईटेक एंबुलेंस सेवा शुरू की है , वह टांय-टांय फिस हो गई है। नई कंपनी जय अंबे प्रालि. द्वारा 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा की शुरूआत की गई थी।
कंपनी का दावा था कि अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीक की सहायता से वह घायलों के पास जल्द से जल्द पहुंचेंगे। इसके लिए उन्होंने मोबाइल कंपनियों की मदद लेने का दावा भी किया था। लेकिन कंपनी की एंबुलेंस सेवा घायलों तक नहीं पहुंच पा रही है। दरअसल, मोबाइल कंपनियां जय अम्बे कंपनी को कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस) नहीं दे रही हैं। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक अब तक दो मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों ने एपीआई दिया था, लेकिन अब वह भी उसे वापस मांग रही हैं। अगर एम्बुलेंस सर्विस को एपीआई जारी नहीं होता है तो सटीक एंबुलेंस सर्विस सुविधा पर रोक लग सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने रीलॉन्च की गई एंबुलेंस सेवा में कई हाईटेक फैसिलिटी उपलब्ध कराने का दावा किया था। 27 अप्रैल को यह सुविधा लॉन्च की गई थी। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने रीलॉन्च की गई एंबुलेंस सेवा में कई हाईटेक फैसिलिटी उपलब्ध कराने का दावा किया था। लेकिन अभी तक एंबुलेंस सेवा पटरी पर नहीं आ पाई है। एंबुलेंस के कॉल सेंटर पर फोन करने या मोबाइल एप से बुक करने पर कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए मोबाइल नेटवर्क कंपनियां एपीआई नहीं दे रहीं हैं। इस वजह से एंबुलेंस के लिए फोन करने वाले कॉलर की लोकेशन ट्रेस न होने से एंबुलेंस देर से पहुंच रहीं हैं। अब तक जय अंबे कंपनी को सिर्फ एयरटेल का ही एपीआई मिल पाया है। कंपनी ने अब एनएचएम के अफसरों से मदद मांगी है।
पता बताने में लगता है लंबा समय
वर्तमान में इमरजेंसी सर्विसेस एंबुलेंस या पुलिस को कॉल करने पर कॉलर को घटनास्थल का पता बताना होता है। कई बार वह जो पता बताता है वह एंबुलेंस ड्राइवर को समझ नहीं आता। ऐसे में एंबुलेंस को घायल तक पहुंचने में लंबा समय लग जाता है। एपीआई होने पर गूगल मैप से छोटा व सटीक रास्ता एंबुलेंस का मिल जाता है। मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से परेशान जय अंबे कंपनी ने एनएचएम को पत्र लिख कर इस महत्वपूर्ण सिस्टम को चालू करवाने को कहा है। कंपनी के प्रोजेक्ट हेड सुमित वासियों ने बताया कि बिना डाटा और कंपनी की मदद से एंबुलेंस को सटीक लोकेशन पर भेजना मुश्किल है ऐसे में हमने एनएचएम से मदद मांगी।
ऐसे काम करता है एपीआई
जय अंबे कंपनी के मुताबिक पुलिस और एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवाओं में कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने मोबाइल कंपनियां लोकेशन बेस्ड सिस्टम के तहत एपीआई उपलब्ध कराती हैं। एपीआई से कॉलर के मोबाइल नंबर के आधार पर उसकी सटीक लोकेशन तक एंबुलेंस पहुंच जाती है, जिससे उसे घटनास्थल पर पहुंचने में आसानी होती है। जय अंबे कंपनी के अफसरों ने एनएचएम की एमडी प्रियंका दास को पत्र लिखा है। लेटर के अनुसार जय अंबे कंपनी को अब तक सिर्फ एयरटेल कंपनी का डाटा मिल पाया है।