भाजपा के आधा दर्जन मंत्री डेंजर जोन में

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही मप्र में भाजपा ने सभी 29 लोकसभा की सीटें जीत ली हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश मंत्रिमंडल के एक दर्जन सदस्य ऐसे हैं, जिनके क्षेत्र में विधानसभा चुनाव की तुलना में लोकसभा चुनाव में लीड कम हुई है। इनमें से आधा दर्जन तो ऐसे हैं, जहां पर लीड बेहद कम हुई है। माना जा रहा है कि अब यह मंत्री डेंजर जोन में हैं। विधानसभा चुनाव के बाद संभावित मंत्रिमंडल पुर्नगठन में इन्हें बाहर का रास्ता दिखा जा सकता है। ऐसे मंत्रियों में आधे तो वरिष्ठ मंत्री हैं। जो पहले भी कई बार मंत्री रह चुके हैं और खुद को बड़ा नेता मानकर चलते हैं। इसके उलट आधा दर्जन नेता ऐसे हैं, जिनकी विधानसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार करीब पचास हजार से अधिक मतों से लीड मिली है। सर्वाधिक लीड अगर किसी विधानसभा सीट पर मिली है , तो उनमें पहले स्थान पर कैलाश विजयवर्गीय ही है। उनकी सीट पर भाजपा प्रत्याशी को सर्वाधिक 1 लाख 22 हजार मतों से अधिक की लीड मिली है। अगर पूरे मंत्रिमंडल की बात की जाए तो मोहन सरकार के 30 मंत्रियों में से केवल 18 मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र से लोकसभा उम्मीदवारों को लीड मिली है। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा वोट प्रतिशत हासिल करने का लक्ष्य तय किया था। इसे भी हासिल नहीं किया जा सका है। आंकड़ों के मुताबिक भाजपा केवल 1.27 फीसदी ज्यादा यानी 59.27 फीसदी वोट ही हासिल कर सकी है। अब अगर सर्वाधिक विधानसभा चुनाव की तुलना में लोकसभा चुनाव में जिन मंत्रियों के यहा लीड कम हुई उनमें विजय शाह पहले नंबर पर हैं। उनकी सीट पर 40446 मतों का भाजपा प्रत्याशी को नुकसान हुआ है। इसकी वजह से शाह को जहां 59996 मतों से जीत मिली तो, लोकसभा में भाजपा प्रत्याशी की बढ़त कम होकर महज 19550 मतों की ही रह गई है। इसके बाद नंबर आता है, बीते दो बार से मंत्री बन रहे इंदर सिंह परमार का । उनकी सीट पर इस बार 38754 मतों का नुकसान हुआ है। ऐसी ही तीसरी मंत्री हैं, प्रतिमा बागरी। वे विधानसभा चुनाव में 36060 मतों से जीती थीं, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को महज 6162 मतों की ही बढ़त रह गई। इस तरह से भाजपा को उनकी सीट पर 29898 मतों का नुकसान उठाना पड़ा है। अगर बात एक और मंत्री नारायण सिंह पंवार की करें , तो उनके क्षेत्र में भी भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। उनकी सीट पर भाजपा को विस चुनाव की तुलना में 15735 मतों का नुकसान हुआ है। इसके बाद नंबर आता है प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा का। उनकी सीट पर भाजपा प्रत्याशी को विस चुनाव की तुलना में 18208 मतों का नुकसान हुआ है। जबकि एक और मंत्री दिलीप जायसवाल की सीट पर भी लोकसभा में पार्टी को 13080 मतों का नुकसान हुआ है।
तोमर के इलाके में पिछड़े
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र दिमनी से मुरैना लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार शिव मंगल सिंह को 2023 के चुनाव की तुलना में 8 हजार 413 वोट कम मिले हैं। विधानसभा चुनाव में तोमर ने 24 हजार 461 वोट से जीत दर्ज की थी, लेकिन शिव मंगल सिंह को यहां 16 हजार 48 वोट की लीड मिली है।
सर्वाधिक लीड दिलाने वाले मंत्री
विधानसभा की तुलना में लोकसभा चुनाव में लीड के मामले नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अव्वल हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र इंदौर-1 से भाजपा प्रत्याशी को 1 लाख 22 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। हालांकि, इस लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं था। इसी तरह से दूसरे नंबर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत रहे। उनके क्षेत्र सुरखी में भाजपा उम्मीदवार लता वानखेड़े को 80 हजार से ज्यादा की लीड मिली है। तीसरे नंबर पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट हैं। उनके सांवेर क्षेत्र से विधानसभा की तुलना में 79 हजार ज्यादा वोट भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी को मिले। जबकि राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के क्षेत्र इछावर में विधानसभा की तुलना में लोकसभा चुनाव में भाजपा को 77 हजार वोट ज्यादा मिले हैं। इसी तरह से मंत्री राकेश सिंह के विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पश्चिम में विधानसभा चुनाव की तुलना में 49878 वोट ज्यादा मिले। जबकि वन एवं पर्यावरण मंत्री नागर सिंह चौहान के क्षेत्र में विधानसभा की तुलना में लोकसभा प्रत्याशी को 47 हजार से ज्यादा वोट मिले। यहां से उनकी पत्नी अनिता सिंह चौहान चुनाव जीती हैं। पशुपालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल के क्षेत्र पथरिया में विधानसभा में मिले वोटों से लोकसभा उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी को 36 हजार ज्यादा वोट मिले हैं तो संस्कृति, पर्यटन एवं धार्मिक न्यास मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद सिंह लोधी के क्षेत्र जबेरा में 32 हजार ज्यादा वोट मिले हैं। वहीं पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर के क्षेत्र गोविंदपुरा से आलोक शर्मा को विधानसभा की तुलना में 30 हजार से अधिक वोट मिले।

Related Articles