- डेढ़ दर्जन जिलों पर बना हुआ अभी भी खतरा
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे में बारिश के मौसम में अधिक बर्षा की वजह से फसलों को हुए नुकसान से अभी किसान उबर भी नहीं पाए की अब एक बार फिर बैमौसम बरिश और ओलों ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। बीते 24 घंटे में बारिस के बीच गिरे ओलों ने मालवा- निमाड़ के अलावा ग्वालियर -चंबल अंचल के आधा दर्जन जिलों में किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। इसकी वजह है बारिश के बीच गिरे ओलों ने फसल को खेतों में न केवल बिछा दिया है बल्कि कई फसलों की बालियां भी गिर कई हैं। बारिश के साथ ओले गिरने वाले इलाकों में राजगढ़, गुना, बीना, मंदसौर, रतलाम, नीमच के अलावा कई अन्य जिले भी शामिल हैं। मंदसौर जिले की सीतामऊ, दलौदा तहसील के कुछ गांवों में बारिश के साथ ओले भी गिरे। तेज हवा से गेहूं की फसल आड़ी हो गई। गेहूं, मसूर, चना, मैथी सहित काला सोना यानी अफीम की फसल को अधिक नुकसान पहुंचा है। धुंधड़का, करजू, नंदावता, आकोदड़ा, नगरी, साखतली सहित लगभग 20 से अधिक गांवों में ओले गिरने की खबर है। रतलाम जिले में कई स्थानों पर रिमझिम तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे खड़ी और काट कर रखी फसलों में नुकसान पहुंचा। किसानों ने शासन प्रशासन से नुकसानी का आंकलन कराकर मुआवजा देने की मांग की है। नीमच जिले के झांतला, महागढ़, देवरी खवासा, खजूरी सहित करीब एक दर्जन गांवों में बारशि के साथ ओले गिरे। इससे फैसलों को नुकसान हुआ है। गुुना के बमोरी विकासखंड के दो गांव जैतपुरा और जौहरी में तेज हवा चलने और दस मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरने से खेतों में पक चुकी फसलों को नुकसान पहुंचा है। खासकर, धनिया और सरसों की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है।
यह है मौसम का पूवार्नुमान
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार को भी ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों के अलावा सीहोर, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, उज्जैन, धार देवास, नीमच, मंदसौर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं। सैलाना थाना क्षेत्र के ग्राम धामनोद में एक खेत में बिजली गिरने से 25 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मंगलवार को प्रदेश में सबसे कम 11 डिग्री सेल्सियस तापमान रीवा एवं खजुराहो में दर्ज किया गया।
यहां सक्रिय हैं मौसम प्रणालियां
मौसम केन्द्र के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान एवं उससे लगे उत्तर भारत पर ट्रफ के रूप में बना हुआ है। इसके प्रभाव से दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी तमिलनाडु के तट पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त उत्तर- मध्य महाराष्ट्र से केरल तक एक टूफ बना हुआ है। इन चार मौसम प्रणालियों के कारण मप्र के अलग-अलग क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ छिटपुट वर्षा हो रही है।