गुना जिले ने एक साथ दिया कांग्रेस के दो प्रत्याशियों को झटका

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  • बेटे की सीट ने भी नहीं दिया दिग्विजय का साथ, मिले कम मत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में गुना उन जिलों में शामिल है, जिसके तहत आने वाली विधानसभा सीटें  दो -दो लोकसभा सीट के तहत आती हैं। इस जिले की दो विस गुना लोकसभा और दो राजगढ़ लोकसभा में आती हैं। अगर बीते विस चुनाव से मिले मतों की तुलना की जाए तो भाजपा को यहां पर  18 हजार से अधिक मत मिले, जबकि कांग्रेस के मतों में 33 हजार की बड़ी गिरावट आयी है। कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र यादव 2023 के गुना विस में कांग्रेस प्रत्साशी को मिले मतों के बराबर भी वोट लाने में असफल साबित हुए हैं। इसी तरह से अगर कांग्रेस विधायक जयवर्धन को मिले मतों की तुलना उनके पिता को मिले मतों से करें , तो दिग्विजय सिंह को भी उनसे कम मत मिले हैं। यह बात अलग है कि इसके बाद भी उन्हें बेटे की सीट पर भाजपा से अधिक मत मिले हैं। गौरतलब है कि गुना, बमोरी और राघौगढ़ में मतगणना 14-14 राउंड में और चांचौड़ा विधानसभा की मतगणना 15 राउंड में हुई। सबसे पहले बमोरी विधानसभा का परिणाम आया। इसके बाद गुना, फिर राघौगढ़ और सबसे अंत  में चांचौड़ा विधानसभा का परिणाम आया। गुना लोकसभा क्षेत्र की गुना और बमोरी विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जीत दर्ज की। वहीं राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र की राघौगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और चाचौंड़ा में भाजपा कैंडिडेट रोडमल नागर को बढ़त मिली।  गुना विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को 1,24,494 वोट मिले। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट यादवेंद्र सिंह यादव को 37597 मत प्राप्त हुए हैं। अगर बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में गुना विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज कनेरिया को मिले मतों की संख्या देखें तो यादवेन्द्र को 48,347 वोट मिले थे। इस हिसाब से चार महीने में ही कांग्रेस ने लगभग 10 हजार वोट को दिए। पंकज 67 हजार वोट से हारे थे, जबकि यादवेंद्र यादव 86 हजार से अधिक वोटों से हारे हैं।
बेटे की सीट पर मिली जीत
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र की राघौगढ़ विधानसभा में ही कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को जीत मिल सकी है। लोकसभा क्षेत्र की यही वो विस सीट है जहां से भर दिग्विजय सिंह को जीत मिली है, अन्यथा वे सभी सीटों पर हारे हैं।  राघौगढ़ दिग्विजय सिंह का गृहनगर है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि दिग्विजय सिंह को यहां से कम से कम 50 हजार से ज्यादा की लीड मिलेगी , लेकिन उन्हें महज 11 हजार वोट की ही बढ़त मिल सकी। उन्हें 93,577 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर को 81,640 वोट मिले। 2023 के मुकाबले देखें तो इस विधानसभा से दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह को 95,738 वोट मिले थे। इस हिसाब से देखा जाए तो दिग्विजय सिंह को अपने पुत्र से ढाई हजार वोट कम मिले हैं।
कांग्रेस के कम हो गए 50 हजार वोट: छह माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में बमोरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ऋषि अग्रवाल को जीत मिली थी। उन्होंने पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को हराया था। उन्हे 93 हजार से ज्यादा वोट मिले थे और वह 13 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे। लेकिन चार महीने में ही कांग्रेस ने यहां अपने 50 हजार से ज्यादा वोट को दिए। मंगलवार को आए परिणाम में यहां से कांग्रेस कैंडिडेट यादवेंद्र सिंह को 43464 वोट ही मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को 1.19 लाख वोट मिले। सिंधिया यहां से 76 हजार से ज्यादा वोटों से जीते।

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