तीन माह से भटक रहे समूह, तिरंगा के मेहनताने के लिए

तिरंगा

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में इस साल पहली बार तिरंगा महोत्सव पूरे धूमधाम से मनाया गया है, जिसके लिए तिरंगा बनाने का जिम्मा महिला स्वसहायता समूहों को दिया गया था। बात तिरंगे की और उनको समय पर आपर्ति करने की थी, सो महिलाओं ने अपने जरुरी काम छोड़कर उनको बनाने में दिन-रात एक कर दिया।
समय पर आपूर्ति के बाद जब भुगतान की बारी आयी तो जिम्मेदारों ने हाथ खड़े कर दिए। अब हालात यह हैं कि इन स्वसहायता समूहों की महिलाएं भुगतान पाने के लिए परेशान घूम रही हैं।  ऐसा नही है कि यह किसी एक जगह के हालात हैं, बल्कि प्रदेश में कई जगहों पर इसी तरह के हालात बने हुए हैं। दरअसल शासन-प्रशासन ने तिरंगा उपलब्ध करवाने के लिए स्वसहायता समूहों को सहभागी बनाते हुए उन्हें तिरंगा तैयार करने का काम सौंपा था। इसकी जिम्मेदारी जिला पंचायतों को दी गई थी। ऐसा ही मामला सागर जिले का है। जिले की 619 ग्राम पंचायतों ने अलग-अलग स्वसहायता समूहों से 3,09,184 तिरंगा खरीदे थे।  इस खरीदी की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायतों की ही थी। करीब तीन माह बीत जाने के बाद भी अब तक महज जिले की 146 पंचायतों ने 9,79,677 रुपये का ही  किया है। जबकि 472 पंचायतों पर 53,58,595 रुपये का स्वसहायता समूहों को भुगतान किया जाना है।  समय पर भुगतान न होने से तिरंगा तैयार करने वाले समूह कर्जदार बन गए हैं। अधिकारियों के बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी पंचायतें भुगतान नहीं कर रही हैं। दरअसल हर घर तिरंगा अभियान के तहत पंचायतों को हर घर पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य दिया गया था।  पंचायतों को राष्ट्रीय ध्वज अपने-अपने क्षेत्र के महिला स्वसहायता समूहों से खरीदने थे। यह ध्वज पंचायत के लोगों को निर्धारित शुल्क में देकर राशि जमा कर स्व-सहायता समूह को भुगतान करनी थी। पंचायतों ने ध्वज तो खरीद लिए, लेकिन ग्रामीणों से निर्धारित शुल्क नहीं ले पाए। इसके चलते पंचायत स्तर से ध्वज की राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है।  हालांकि अब इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जल्द राशि का भुगतान करने के लिए आदेश दिए गए थे, इसके बाद भी पंचायतों द्वारा उक्त बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
कर्ज पर बढ़ रहा ब्याज
घर तिरंगा अभियान के तहत पंचायतों को ध्वज उपलब्ध कराने के लिए महिला स्वसहायता समूहों द्वारा बड़े पैमाने पर बैंकों से कर्ज लिया गया था। समय पर कर्ज का भुगतान नहीं करने की वजह से उस पर ब्याज बढ़ता ही जा रहा है। बीना के राधा स्वसहायता समूह ने एक लाख से ज्यादा का ऋण लेकर 3690 ध्वज पंचायतों को दिए थे, लेकिन अभी तक सिर्फ तीन पंचायतों ने भुगतान किया है। इसके चलते समूह बैंक से लिया गया अल्पावधि ऋण समय पर नहीं चुका पा रहा है। इसी तरह अन्य समूह की महिलाएं भुगतान न होने से परेशान हैं।

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