भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल से इंदौर के बीच सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर है। इसकी वजह है भोपाल से लेकर इंदौर के बीच अब ग्रीन फील्उ एक्सप्रेस वे बनाने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है। तीस अबर की लगात से बनने वाले इस एक्सप्रेस वे की वजह से भोपाल से इंदौर के बीच का सफर तय करने में लगने वाले समय में भी कमी आना तय है। इसके तहत भोपाल से देवास के बीच की सडक़ को अब सिक्स लेन का बनाया जाएगा। इसके लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरु कर दिया गया है। इसमें भू अधिग्रहण, यूटिलिटी शिफ्टिंग समेत निर्माण से जुड़े जरूरी बिंदुओं की विस्तृत जानकारी होगी। सरकार का लक्ष्य इस योजना पर तेजी से काम शुरू किए जाने से माना जा रहा है कि इसकी शुरुआत इसी साल से हो सकती है। गौरतलब है कि मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने बीते साल ही इस योजना को बनाने का काम शुरू किया था। इसके बाद इसकी फिजिबिलिटी व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का जिम्मा आईकॉन्स इंजीनियरिंग के साथ एमएस पार्क फ्यूचर्टिस्टक्स व कायस कंसलटिंग के संयुक्त उपक्रम को दिया गया था। इस योजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी का काम भी किया जा चुका है। यही वजह है कि अब इसके डीपीआर बनाने का काम शुरू हो सका है।
पहले किया जा चुका है स्थिगित
दरअसल इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की कवायद बीते पास साल पहले भी की गई थी। प्रदेश में बनी कमलनाथ सरकार के सामने भी इस योजना को लेकर प्रेजेंटेशन दिया गया था। तब बताया गया था कि इसका निर्माण भोपाल के ग्रामीण इलाके नीलबड़, रातीबड़ से होकर किया जाएगा। जिसकी चौड़ाई 70 मीटर होगी और यह बनने पर भोपाल से इंदौर के बीच की दूरी को तय करने में महज दो घंटे 15 मिनट का ही समय लगेगा। इसकी वजह बताई गई थी कि एक नए एक्सप्रेस वे के निर्माण से भोपाल से इंदौर के बीच की मौजदूा दूरी 188 किमी से कम होकर 146.88 किमी रह जाएगी। इसके लिए करीब 115 हेक्टेयर वन भूमि को डायवर्ट करना पड़ेगा। इस एक्सप्रेस वे में भोपाल, इछावर, आष्टा समेत चार स्थानों पर फ्लाईओवर भी प्रस्तावित थे। शुरुआती रिपोर्ट में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के सिविल वर्क पर ही 2900 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। इस पर कमल नाथ सरकार के मंत्रियों को आपत्ति थी, जिसकी वजह से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
वाहनों की रेलमपेल से भी मिलेगी मुक्ति
फिल्हाल भोपाल-देवास मार्ग की लंबाई करीब 141 किमी है। यह अभी फोर लेन है। इस रोड पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में मौजूदा सडक़ यातायात को देखते हुए नाकाफी साबित हो रही है। गौरतलब है कि देवास-इंदौर रोड पहले ही सिक्स लेन है। ऐसे में जब भोपाल-देवास रोड सिक्स लेन की बन जाएगी, तो इस हिस्से में वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लागाने की जरुरत नहीं रह जाएगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की भी बचत होगी। इसके अलावा इस मार्ग के दो और परियाजनाएं तैयार की जा रही हैं। पहला भोपाल लेक कॉरिडोर है। इसमें कमला पार्क के पास से हलालपुर के पास तक कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसका एक हिस्सा एयरपोर्ट की और जाएगा। हलालपुर पर जहां कॉरिडोर खत्म होगा, वहां से कुछ दूरी पर लाउखेडी पंप हाउस से डबल डेकर पलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण करने की योजना है। यह बैरागढ़ विसर्जन घाट तक बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद इंदौर आवाजाही के लिए वाहन चालकों को भीड़भाड़ वाले बैरागढ़ के भीतर से गुजरने से मुक्ति मिल जाएगी। इसकी वजह से काफी समय की बचत हो जाएगी।
20/02/2024
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