भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने की दिशा में काम करते हुए प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया ने सहकारी समितियों को समृद्ध बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत खनन क्षेत्र में सहकारी समितियों को खदानों के पट्टे दिए जाएंगे। इसके माध्यम से लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा। उनकी इस संबंध में साधन मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर से भी चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि हम खनन क्षेत्र में हर संभव मदद देंगे।
सूत्रों की माने तो खनन क्षेत्र में सहकारी समितियों को तीस फीसदी तक काम दिया जा सकता है। इससे जहां प्रदेश में राजस्व बढ़ेगा, वहीं सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा मिलेगा और युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे। बता दें कि जिस तरह की योजना सहकारिता विभाग द्वारा बनाई जा रही है उससे सहकारिता क्षेत्र से युवा पीढ़ी को जोड़ने और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के नए क्षेत्र विकसित करने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। यही नहीं इसके माध्यम से प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को नई पीढ़ी के साथ आगे बढ़ाने की भी यह योजना है। खनिज विभाग के सूत्रों की माने तो मेजर और माइनर मिनरल्स की खदानें इस आधार पर दी जाएगी। मेजर मिनरल्स में लाइम स्टोन कॉपर और मैग्नीज माइंस आदि हैं, जबकि माइनर मिनरल्स में डोलोमाइट, ग्रेनाइट, मार्बल, फर्शी, पत्थर क्रशर आदि है।
सरकार का सहकारिता पर है फोकस
दरअसल भाजपा सरकार सहकारिता पर प्रदेश में अब नए सिरे से फोकस कर रही है। यही वजह है कि अब माइनिंग में रोजगार और राजस्व बढ़ाने के लिए सहकारी समितियों को काम दिए जाने की तैयारी की जा रही है। बताया गया है कि सहकारी समितियों को सरकार तीस प्रतिशत तक खनन का काम सौंपने की कार्य योजना पर काम कर रही है। इसमें ग्रेनाइट, फर्शी, मार्बल और पत्थर खनन एवं क्रशर आदि के प्रोजेक्ट इसके तहत दिए जाने की तैयारी है।
कटाई व पॉलिश के लिए छोटी यूनिट्स लगेंगी
खनन पर आधारित उद्योग में खनन के अलावा सहकारी समितियों को बढ़ावा देकर नए रोजगार सृजित करने की योजना है। इनमें विशेष तौर पर ग्रेनाइट, मार्बल, फ्लैगस्टोन की कटाई व पॉलिश पर आधारित यूनिट्स के लगाए जाने की संभावनाएं है। उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड, महाकौशल और ग्वालियर चंबल अंचल में खनिजों पर आधारित कई उद्योग पहले से ही संचालित हो रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोगों को रोजगार भी मिले हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में सहकारिता विभाग गठित कर नए सिरे से इस क्षेत्र में कामकाज बढ़ाने की मंशा जताई है।
17/07/2021
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