- कमेटी द्वारा लिए गए निर्णयों का करना होगा सभी विभागों को पालन
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में रोजगार के साधन बढ़ाने और आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए अब मोहन सरकार तमाम तरह के कदम उठाने जा रही है। इसके तहत अब सरकार अधिक से अधिक निवेश को लाना चाहती है। यही वजह है कि अब सरकार ने इस पर पूरा फोकस करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि अब मुख्यमंत्री स्वयं निवेश के मामलों की निगरानी करेंगे और उनकी अध्यक्षता में हर दो महीने में कम से कम एक बार इसको लेकर बैठक भी की जाएगी। यही नहीं अब मप्र निवेश संवर्धन अधिनियम, 2008 की धारा 3 (1) के तहत कैबिनेट कमेटी का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार कश्यप कमेटी के सदस्य होंगे। शीर्ष स्तरीय कमेटी प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्यमियों से प्राप्त निवेश प्रोजेक्ट संबंधी प्रस्तावों की जांच करेगी। कमेटी अपने समक्ष रखे गए प्रोजेक्ट के प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी देने देगी। इस समिति के पास राज्य मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति के बराबर शक्तियां रहेंगी। यह कमेटी को प्रस्तावों के अनुसार पैकेज देने का भी अधिकार होगा। अहम बात यह है कि कमेटी द्वारा लिया गया निर्णय सभी सरकारी विभागों के लिए बाध्यकारी होगा। मुख्य सचिव कमेटी की सचिव और प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग समिति के समन्वयक होंगे। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग कमेटी का नोडल विभाग होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गत 3 जनवरी को जबलपुर में आयोजित बैठक में जिलों में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर रोजगार केंद्रित उद्योग स्थापित करने के लिए पांच साल का रोडमैप बनाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि प्रदेश के उद्योगतियों के लिए जिला स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का कहा, जिनमें अभी भी निवेश और रोजगार के असीमित अवसर उपलब्ध है। प्रदेश के उद्योगपतियों के लिए जिला स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने की घोषणा के बाद सरकार द्वारा इस तरह का अहम कदम उठाया गया है।
अब तक हो चुकी हैं आधा दर्जन समिट
प्रदेश में बीते दो दशक में आधा दर्जन समिट हो चुकी हैं। इन समिटों का आयोजन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकारों के दौरान 2007 से 2016 के बीच किया गया। जिनमें करीब 17 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए थे, जिसमें से 1.52 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव हकीकत में बदल चुके हैं। यह बात अलग है कि बीते साल की शुरुआत में इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिले 15 लाख 42 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्ताव के बाद 29 लाख लोगों को रोजगार मिलने का दावा किया गया था , लेकिन इसकी हकीकत अब तक कोई बताने की स्थिति में नही है।
उज्जैन में होगी नई सरकार की पहली समिट
मोहन सरकार अपनी पहली इन्वेस्टर समिट एक और 2 मार्च को इंदौर की जगह उज्जैन में करने जा रही है। इसका आयोजन वहां पर होने वाले व्यापार मेले के दौरान किया जाएगा। इस समिट में पर्यटन, कृषि , गारमेंट, टेक्सटाइल, फूड-प्रोसेसिंग और स्टार्टअप सेक्टर पर विशेष फोकस किया जायेगा। समिट में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र राज्य के साथ स्थानीय निवेशक भी भाग लेंगे।
01/02/2024
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