प्रदेश के शहरों में भी सरकार बेंचेगी सस्ता आटा

सस्ता आटा
  • भोपाल में हो चुकी है शुरुआत…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। महंगाई को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार देशभर में 27.50 रुपए प्रति किलो की कीमत पर भारत नाम से आटा बेच रही है। इस तरह के आटे की बिक्री की शुरुआत भोपाल में की जा चुकी है। भोपाल में इसके लिए  एमपी नगर में रिटेल काउंटर खोला गया, जबकि तीन जगहों पर मोबाइल वैन के जरिए आटा बेचा जा रहा है। इस आटे को बेचने का काम नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद अब प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में भी इसे बेचने की तैयारी शुरु कर दी गई है। इन शहरों में इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन के नाम शामिल हैं। यहां पर एक दो दिन में इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। फिलहाल प्रति परिवार 10 किलो पैक्ड आटा दिया जा रहा है। इसके लिए एक किलो आटा के दाम 27.50 रुपए तय किए गए हैं। भारत सरकार की भारत आटा योजना के तहत यह व्यवस्था की गई है। एफसीआई से गेहूं लिया गया है। फिर मिलर के जरिए आटे के रूप में यह आम उपभोक्ताओं को कम रेट पर दे रहे हैं।
प्रति किलो 13 रुपए की बचत
बाजार में खुला और पैक्ड आटे की कीमत अधिक है। पुराने शहर के मुख्य बाजार समेत चक्कियों पर कीमत 32 से 35 रुपए प्रति किलो तक है। वहीं, ब्रांडेड पैक्ड आटे की कीमत 40-42 रुपए किलो तक है। इसकी वजह से एक किलो आटे पर उपभोक्ता को कम से कम 13 रुपए की राहत मिल रही है।   टमाटर के भाव में इस साल तेजी बनी हुई है। सालभर में दो बार टमाटर के भाव चढ़े है और गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों की सब्जियों से टमाटर गायब हो गए। महीने भर पहले तक इंदौर में 20 से 25 रुपये किलो टमाटर के भाव थे, लेकिन अब फिर धीरे- धीरे दाम बढऩे लगे है। खेरची में टमाटर 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक बिक रहे है। जानकारों का कहना है कि मौसम के कारण नए टमाटर बाजार में आने में देरी हुई। इस वजह से टमाटर के भाव बढ़े है, लेकिन अब नई फसल के टमाटर बाजार में आने लगेंगे और कीमतें फिर कम हो जाएगी। मौसम में बदलाव का असर इस बार सब्जियों और फसलों पर पड़ रहा है। इस कारण असमान कीमतें हो रही है। अप्रैल मई में बेमौसम बारिश और फिर तेज गर्मी ने आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश में टमाटर की फसलें खराब कर दी थी और हर साल की तुलना में टमाटर का आधा ही उत्पादन देश में हुआ था। इस कारण जुलाई में टमाटर के भाव सवा सौ रुपये किलो तक पहुंचे थे, लेकिन नई फसल के बाद टमाटर के भाव कम हो गए। इंदौर चोइथराम सब्जी मंडी एसोसिएशन के पदाधिकारी फारुक राइन का कहना है कि इस बार अक्टूबर-नवंबर में भी तेज ठंड नहीं पड़ रही है। इससे टमाटर की फसल लेट हो गई। नवंबर में भाव बढ़ने का यहीं कारण है।
इन शहरों में भी मिलेगा सस्ता आटा
इंदौर में आटा बेचने की शुरुआत होने के बाद अलावा ग्वालियर, जबलपुर, मुरैना, हरदा, बैतूल, उज्जैन में भी जल्द ही आटा वितरण काउंटर खोलेने की तैयारी की जा रही है। इन शहरों में उपभोक्ताओं को रियायती भाव में आटा दिया जाएगा। गेहूं की लगातार बढ़ती कीमत की वजह से त्योहारी सीजन में आटे की कीमत में तेजी को देखते हुए सरकार ने सस्ते दाम पर आटा बेचने का फैसला किया है।
25 दिन में 190 टन प्याज बेचा
आटे से पहले एनसीसीएफ प्याज भी बेच रहा है। इसकी शुरुआत 30 अक्टूबर को भोपाल से की गई थीं। इसके बाद इंदौर, जबलपुर, उज्जैन समेत अन्य शहरों में भी 25 रुपए प्रतिकिलो के रेट पर प्याज उपभोक्ताओं को दिया गया। सरकार स्तर से प्याज बेचने के बाद फुटकर में प्याज के रेट घट गए। फील्ड ऑफिसर मो. राशिद ने बताया कि 30 अक्टूबर से अब तक करीब 190 टन प्याज बेचा जा चुका है। अभी भी बिक्री जारी है।
 10 किलो से कैसे चलेगा महीना!
गेंहू की बढ़ती कीमत की वजह से अब आटा के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। पहले जिस आटे के लिए 400 रुपए खर्च करना पड़ते थे, उसके लिए अब 460 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। इसकी वजह से अब गृहिणी के किचन का बजट गड़बड़ाने   लगा है  । हालत यह है कि पहली बार सरकार को 27.50 पैसे प्रति किलों में आटा बेचना पड़ रहा है। हालांकि, स्थानीय बाजार में 35 से 40 रुपए किलो आटे का भाव है। कम से कम तीन महीने तक यही भाव रहने की संभावना है। दरअसल गेहूं की इस समय दो तरह से मांग है। बोने के लिए और आटे के लिए। इसलिए बाजार में गेहूं की कमी हो गयी है।

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