लेखानुदान से 4 माह चलेगी सरकार

लेखानुदान
  • लोकसभा चुनाव के बाद ही पेश होगा पूर्ण बजट

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की नई सरकार अपना वित्तीय बजट जुलाई माह में पेश कर सकती है। जुलाई माह तक के खर्चों के लिए लेखानुदान बजट लाने की तैयारी की जा रही है।  इसमें जून 2024 तक के व्यय के लिए आवश्यक प्रावधान किया जाएगा। इसके बाद मानसून सत्र में पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार लेखानुदान के साथ ही वर्ष 2023-24 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। दरअसल लोकसभा चुनाव के चलते पूर्ण बजट का टाला गया है। लोकसभा चुनाव अगले साल होने हैं, जिसकी आचार संहिता फरवरी या मार्च में लागू हो सकती है। इसलिए सरकार तीन से चार माह के खर्च के लिए लेखानुदान लेकर आएगी। यह लेखानुदान करीब 1.30 लाख करोड़ रुपए का अनुमानित है। आमतौर पर बजट सत्र की अवधि लंबी होती है। सत्र फरवरी के अंत में शुरू होकर मार्च के आखिर तक चलता है। सामान्यत: बजट मार्च के पहले सप्ताह में पेश किया जाता है। इस बार बजट सत्र फरवरी में बुलाए जाने के आसार हैं। इसकी वजह मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के आसार है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार बजट सत्र सीमित अवधि का होगा। फरवरी में सत्र के दौरान लेखानुदान लाए जाने के आसार है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार एक फरवरी को संसद में बजट लेखानुदान यानी वोट ऑन अकाउंट लाएगी। लोकसभा चुनाव होने के बाद नई सरकार बनने पर पूर्ण बजट पेश होगा।
लोकसभा चुनाव की फरवरी के अंतिम सप्ताह में या मार्च के पहले सप्ताह में लगने वाली आचार संहिता के मद्देनजर राज्य सरकार अगले वर्ष का वित्तीय बजट जुलाई में लाने का निर्णय लिया है। इसके पहले शुरुआती चार माह तक राज्य सरकार के खर्च के इंतजाम के लिए लेखानुदान लाया जाएगा। इसमें सभी विभागों को आवश्यक होने पर वित्त विभाग के अफसरों के साथ डिस्कसन करने के लिए कहा गया है। वित्त विभाग की तरफ से सभी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान और वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान व लेखानुदान के आंकड़े आईएफएमआईएस के बजट माड्यूल में देना है। इसमें प्राप्त होने वाले राजस्व और खर्च दोनों के लिए पुनरीक्षित अनुमान और बजट अनुमान के आंकड़े बीसीओ स्तर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वित्त विभाग ने विभागों को कहा कि पहले चार माह के लिए लेखानुदान को आवश्यक खर्चों के लिए लाया जा रहा है। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को जरूरत होने पर वित्त विभाग के अधिकारियों से तारीख और समय तय कर चर्चा करने को कहा गया है। साथ ही कहा गया है कि लेखानुदान में कोई नया खर्च या मद शामिल नहीं किया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान के लिए वेतन मद में 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है। मजदूरी के खर्च में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान में पांच प्रतिशत की वृद्धि कर प्रस्ताव रखा गया है। महंगाई भत्ता में बजट अनुमान 2024-25 के वेतन मद में प्रस्तावित राशि का 56 प्रतिशत, विभागों के वेतन मद में पिछले बजट के मुकाबले तीन प्रतिशत की वृद्धि, संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 8 प्रतिशत की वृद्धि, पेट्रोल व्यय में 5 प्रतिशत की वृद्धि, विभाग सुरक्षा, सफाई और परिवहन व्यवस्था में 10 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति दी गई है। वित्त विभाग के निर्देश के अनुसार विभागाध्यक्ष/बजट नियंत्रण अधिकारी एवं वित्तीय सलाहकार बजट प्रस्तावों के लिए स्थापना व्यय के सटीक आंकलन के लिए उत्तरदायी होंगे। विभागों के अनुसार बजट अनुमान 2024-25 के लिए आईएफएमआईएस में आंकड़ों की वित्त विभाग द्वारा 5 जनवरी तक एंट्री की जाएगी। प्रशासकीय विभागों द्वारा 12 जनवरी तक आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। विभाग के अधिकारी वित्त विभाग के साथ 13 जनवरी से 27 जनवरी तक चर्चा कर सकेंगे। इसके बाद विभागवार कैलेंडर जारी किया जाएगा। वहीं, वित्त विधायक के वरिष्ठ अधिकारियों से विभागों के अधिकारी 28 जनवरी से 2 फरवरी के बीच चर्चा कर सकेंगे।
1.30 लाख करोड़ का लेखानुदान
मप्र लेखानुदान के लिए वित्त विभाग दिन-रात इसकी तैयारी में जुटा है। विभाग जल्द ही मुख्यमंत्री के समक्ष लेखानुदान के संबंध में प्रेजेंटेशन देगा। वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि लेखानुदान करीब 1 लाख 30 हजार करोड़ का होगा। विधानसभा में लेखानुदान के साथ सरकार द्वितीय सप्लीमेंट्री बजट भी पेश करेगी। इसमें करीब 25 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान होगा। पिछले दिनों हुए 16वीं विधानसभा के सत्र में द्वितीय सप्लीमेंट्री बजट पेश नहीं किया गया था। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अमूमन लेखानुदान में पिछले वित्त वर्ष में बजट राशि के करीब 40 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया जाता है। मप्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विधानसभा में 3.14 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। यह पहला मौका था, जब मप्र सरकार का बजट 3 लाख करोड़ से ऊपर पहुंचा था। मप्र सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लाए गए लेखानुदान में पिछले बजट के मुकाबले करीब 40 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया था।  लेखानुदान में खर्च के अनुमान के आधार पर चार-पांच महीने के लिए विभाग-वार राशि का आवंटन किया जाता है। एक पतली सी पुस्तिका में संबंधित विभाग के सामने उसे आवंटित राशि का उल्लेख होता है। इसमें विभाग के लिए मांग-वार राशि का निर्धारण नहीं किया जाता। इसलिए लेखानुदान पर विधानसभा में चर्चा नहीं होती।
लोकसभा चुनाव बनेगा रोड़ा
साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं । केंद्र सरकार द्वारा भी इस बार बजट चुनाव के बाद प्रस्तुत किया जाएगा ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश सरकार का बजट प्रस्ताव भी अब जुलाई में पेश किए जाने का निर्णय सरकार ने लिया है। चार माह तक लेखानुदान से ही काम चलाया जाएगा। हालांकि, सीएम मोहन यादव भी पहले कह चुके है कि प्रदेश में सरकार चलाने बजट की किसी भी तरह की कोई कमी आड़े आने नहीं दी जाएगी। वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देशित किया है,कि वह 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान और 2024-25 के लेखानुदान अनुमान,अप्रैल से जुलाई तक के लिए, सिस्टम के माध्यम से ब्यौरा भेजें।  सरकार द्वारा 4 माह के लिए लेखानुदान लाया जायेगा। सरकार 4 माह तक के लिए जो कार्य चल रहे हैं। उसी के लिए लेखानुदान में विभागों को बजट उपलब्ध कराएगी। लेखानुदान में कोई भी नए खर्च शामिल नहीं किए जाएंगे। महंगाई को देखते हुए बजट में इसका ध्यान रखा जाएगा। मजदूरी के खर्चे में पांच फीसदी वृद्धि की छूट का ध्यान रखा जाएगा। पेट्रोल खर्च एवं साफ सफाई इत्यादि के खर्चे में भी पांच फीसदी की वृद्धि स्वीकार होगी। संविदा कर्मचारियों के लिए वर्ष 2023-24 की तुलना में 8 प्रतिशत की वृद्धि को भी  वित्त विभाग लेखानुदान में स्वीकृत देगी।

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