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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
प्रदेश में धार्मिक नगरों में शराब की दूकानें पूरी तरह से बंद करने और नई दुकानें नहीं खोलने का निर्णय सरकार कर चुकी है। इससे सरकार को भारी राजस्व की हानि होना तय है। इससे होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने नया रास्ता खेजा है। इसके तहत अब सरकार मिनी बार का लाइसेंस जारी करेगी। इनमें केवल बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक की ही सप्लाई की जाएगी। इसमें शराब पिलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। इसमें केवल वह पेय ही उपलब्ध कराए जा सकेंगे, जिनमें अल्कोहल की मात्रा दस प्रतिशत से कम अल्कोहल वाले विदेश के पेय ही यहां दिए जा सकेंगे। इसके लिए लाइसेंस शुल्क बार से आधा रहेगा यानी बार का शुल्क 20 लाख रुपये है तो इसके लिए दस लाख रुपये देने होंगे। इसके साथ ही पवित्र शहरों में शराब दुकानें बंद होने से राजस्व की जो क्षति होगी, उसकी भरपाई का प्रयास शहरी सीमा की अन्य दुकानों का नवीनीकरण शुल्क बढ़ाकर करने का प्रयास किया जाएगा।
आबकारी नीति की अधिसूचना जारी कर दी
वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने आबकारी नीति की अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी। सभी शराब दुकानों में देसी और विदेशी शराब मिलेगी। दुकान लाइसेंस का पहले नवीनीकरण किया जाएगा यानी जो व्यक्ति दुकान संचालित कर रहा है, वह चाहे तो निर्धारित शुल्क देकर नवीनीकरण करा सकता है। इसके लिए उसे बीस प्रतिशत अधिक शुल्क चुकाना होगा। नवीनीकरण जिले के लिए कुल आरक्षित मूल्य का 80 प्रतिशत सुरक्षित होने पर होगा। इससे कम शुल्क मिलने पर दुकानें ई-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से नीलाम की जाएंगी। सरकार ने जनभावनाओं का ध्यान रखते हुए पवित्र शहर (उज्जैन नगर निगम, मैहर, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई और मंदसौर नगर पालिका, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर ग्राम पंचायत सीमा) में शराब दुकान और बार बंद किए गए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 47 शराब दुकान बंद होने से लगभग पांच सौ करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति होगी।