अशोका, हलाली रिट्रीट समेत 10 प्रॉपर्टी निजी हाथों में देगी सरकार

इन्वेस्टर्स समिट
  • इन्वेस्टर्स समिट में सरकार निवेशकों को देगी प्रस्ताव

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी के लेक व्यू अशोका, हलाली रिट्रीट समेत 10 से ज्यादा होटल, रिसोर्ट, वेलनेस सेंटर या गोल्फ ग्राउंड को सरकार प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। इन्हें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप  मॉडल पर चलाया जाएगा। 24 और 25 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इन प्रॉपर्टी को प्रजेंटेंशन के जरिए इन्वेस्टर्स को सरकार दिखाएगी। सबसे बड़ी प्रॉपर्टी भोपाल की लेक व्यू अशोका रेजीडेंसी है। नई दिल्ली में प्रजेंटेशन देने के बाद अब इस होटल का प्रजेंटेशन होटल या रिसोर्ट सेक्टर से जुड़े उद्योगपतियों को दिखाया जाएगा। ताकि, वे इन्वेस्ट करें। लेक व्यू अशोका होटल के संबंध में मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में सीएम डॉ. मोहन यादव और मंत्रियों के बीच मंथन हुआ। साथ ही, मध्यप्रदेश स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अपनी उन प्रॉपर्टी का प्रजेंटेशन करने का निर्णय लिया है, जिन्हें पीपीटी मॉडल पर देना है। लेक व्यू अशोका समेत कुछ प्रॉपर्टी के लिए पहले भी पहल हो चुकी है, लेकिन सही ऑफर नहीं मिलने के कारण इसे टाला जा रहा था। अब इन सभी यूनिट्स को जीआईएस में इन्वेस्टर्स को दिखाई जाएगी। इन यूनिट्स में निवेश का ऑफरलेक व्यू अशोका, सांची का गेट वे रिट्रीट होटल समेत एक दर्जन से अधिक यूनिट्स में निवेश का ऑफर दिया जाएगा। ये यूनिट्स पीपीपी मोड, मैनेजमेंट कॉन्टैक्ट या लीज पर 60 से 90 साल के लिए दी जाएगी। इन सभी यूनिट्स का संचालन मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम कर रहा है और कई यूनिट फायदे में भी है।जीआईएस से पहले होंगे टेंडर करीब चार महीने पहले टेंडर की शर्तें तैयार करके वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेजी गई थी। अब इसे कैबिनेट में रखा गया है। अफसरों के अनुसार, जीआईएस से पहले टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। ताकि, होटल-रिसोर्ट सेक्टर से जुड़े उद्योगपति इन्वेस्ट कर सकें। दूसरी ओर, 3 फरवरी को नई दिल्ली में मध्यप्रदेश स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन प्रजेंटेशन भी दिखा चुका है। इसमें 25 से अधिक उद्योगपति मौजूद थे।नए सिरे से बनेगी होटलअफसरों के अनुसार, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर देने के बाद संबंधित एजेंसी ही होटल को नए सिरे से बनाएगी। लीज केवल उन्हीं फर्मों, एजेंसियों या होटल संचालन से जुड़ी कंपनियों को दी जाएगी, जो पर्यटन विभाग को हर साल करीब 4 करोड़ रुपए की फिक्स राशि देंगी। साथ ही, मुनाफे में भी ज्यादा हिस्सा दे सके, इसका ध्यान रखा जाएगा। मुनाफे की हिस्सेदारी का प्रतिशत भी तय किया जाएगा और इसे टेंडर की शर्तों में शामिल किया जाएगा।यह हैं प्रॉपर्टी खजुराहो कन्वेंशन सेंटर: छतरपुर जिले के खजुराहो में बना राजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर को भी जीआईएस में रखा जाएगा। इसे पीपीपी मोड पर दिया जाएगा। सेंटर पूरी तरह से आधुनिक है। इसमें 1200 लोग एक साथ कुर्सियों पर बैठ सकते हैं। एक साथ 500 गाडिय़ां भी पार्क की जा सकती है।यह संपत्ति भी शामिल: सांची के वेलनेस सेंटर को भी पीपीपी मॉडल में देने के लिए प्रजेंटेशन दिया जाएगा। गेट वे रिट्रीट सांची, सैलानी टापू ओंकारेश्वर, हलाली रिट्रीट भोपाल और विंड एवं वेब्स तिगरा ग्वालियर भी शामिल हैं। इसके अलावा प्रदेश के 10 पर्यटन स्थलों पर संचालित सभी साउंड एंड लाइट शो को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की गई है। इनमें ओरछा, खजुराहो, सांची, पचमढ़ी, चंदेरी, बुरहानपुर, इंदौर और ओंकारेश्वर शामिल है। इसके अलावा महेश्वर और उज्जैन में भी अगले माह साउंड एवं लाइट शो शुरू किए जाएंगे।सरसी का होगा विस्तारशहडोल जिले में बाणसागर डैम के बैक वाटर क्षेत्र में प्रदेश का सबसे बड़ा आइलैंड रिसॉर्ट सरसी का भी विस्तार होगा। इसके लिए भी निजी निवेशकों को ऑफर दिया जाएगा। 23 एकड़ में फैले इस रिसॉर्ट की दो महीने पहले की शुरुआत हुई है।14 जिलों में वेलनेस सेंटर में टूरिज्म एक्टिविटी जीआईएस में टूरिज्म कॉर्पोरेशन इन्वेस्टर्स को कुल 25 लोकेशन दिखाएगा। ये सभी लोकेशन होटल, रिसॉर्ट, वेलनेस सेंटर और टूरिज्म एक्टिविटी से जुड़ी हैं। इनमें कुल 62 करोड़ रुपए का निवेश हो सकेगा। यह प्रॉपर्टी जबलपुर, मंदसौर, धार, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, भिंड, नीमच, बैतूल, रायसेन, बुरहानपुर, शाजापुर, शहडोल, विदिशा और अलीराजपुर जिलों में है। दरअसल, यह प्रॉपर्टी ऐसी जगह पर हैं, जहां टूरिज्म एक्टिविटी आसानी से हो सकती है। मंदसौर के गांधीसागर में तो हरियाली के बीचों-बीच प्रॉपर्टी है। वहीं, धार के हेमाबर्डी में फिक्सड टेंटिंग यूनिट यानी, टेंट सिटी बनाई जा सकती है। अलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा, बैतूल के भैंसदेही, मंदसौर के मल्हारगढ़, जबलपुर के नन्हाखेड़ा जैसी लोकेशन भी हैं।

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