नए वित्तीय वर्ष में सरकार ने लिए पहला कर्ज

  • 7 अगस्त को प्रदेश के खजाने में आएंगे 2500 करोड़
  • विनोद उपाध्याय
कर्ज

मप्र सरकार पर कर्ज का बोझ बढऩे वाला है क्योंकि, राज्य की मोहन सरकार एक बार फिर बड़ा कर्ज लेने जा रही है। इस बार लोन की राशि 2500 करोड़ रुपए है। इसके लिए वित्त विभाग की ओर से केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। ये राशि प्रदेश के खजाने में 7 अगस्त को आएगी। हालांकि सरकार यह लोन नियमों के अनुसार ही लेने जा रही है, नियमों के अनुसार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत तक ऋण ले सकती है। वहीं, आधा प्रतिशत ऋण ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों के लिए विशेष परिस्थिति में लिया जा सकता है। इस वर्ष 2024-25 में सरकार 65 हजार करोड़ रुपये तक कर्ज लेने के लिए स्वतंत्र है। बता दें कि मप्र सरकार पहले से ही कर्ज में डूबी हुई है।  31 मार्च 2024 की स्थिति तक एमपी सरकार पर करीब 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का लोन है। सरकार का सबसे ज्यादा पैसा लाड़ली बहना योजना में खर्च हो रहा है। इस योजना पर हर महीने सरकार करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।  ऐसा नहीं है कि प्रदेश की मोहन सरकार पहली बार कर्ज लेने जा रही है। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आते ही और सीएम पद संभालने के बाद ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 2000 करोड़ का कर्ज लिया था। इसके बाद भी कई दफा लोन लिया गया। वित्त वर्ष 2023-24 में मोहन सरकार करीब  55 हजार 708 करोड़ रुपए का लोन ले चुकी है, जिसे साल 2039 तक चुकाना होगा।
2024-25 में ले सकती है 88,450 करोड़
मप्र पर फ्री बीज योजनाएं भारी पड़ रही हैं। यही कारण है कि अब प्रदेश सरकार कर्ज की सीमा में गले तक डूब चुका है। प्रदेश सरकार अब तक का सर्वाधिक कर्ज लेने की तैयारी में है। यह कर्ज 88 हजार 540 करोड़ रुपये का होगा। मप्र सरकार, 73 हजार 540 करोड़ रुपये बाजार से और 15 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से कर्ज लेगी। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के मुकाबले यह कर्ज 38 प्रतिशत ज्यादा है। गौरतलब है कि साल 2023-24 में मध्य प्रदेश सरकार ने 55 हजार 708 रुपए का कर्ज लिया था। हालांकि सरकार निश्चिंत है, ज्यादा कर्ज लेने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा कहते हैं कि सबकुछ नियम के अनुसार ही लिया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार विकास के लिए कर्ज लेती भी है और समय पर उसका भुगतान भी करती है। पिछले साल के बजट को देखें तो पता चलता है कि सरकार की फिलहाल कुल आय 2.52 लोख करोड़ रुपए है, जबकि राजस्व खर्चा 2.51 लाख करोड़ रुपए है। आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ बताते हैं कि सरकार की आय के मुकाबले खर्चा ज्यादा हो रहा है, इसलिए कर्ज नुकसानदायक हो सकता है, लेकिन अगर सरकार अपने आय के स्रोत बढ़ा लेती है, तो कर्ज लेना कोई समस्या का कारण नहीं बनेगा।
किस योजना पर कितना खर्च
विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना शुरू की थी। वर्तमान में 1 करोड़ 29 लाख महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए दिये जा रहे हैं। इस योजना पर हर साल 18 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। यह राशि अकेले किसी विभाग के बजट से ज्यादा है। सरकार प्रदेश के उन नागरिकों को 100 रुपए में हर महीने बिजली दे रही है, जो हर महीने 100 यूनिट बिजली खपत करते हैं। जबकि प्रति यूनिट चार्ज 10 रुपये हैं, ऐसे में सरकार को भारी नुकसान हो रहा है। योजना पर 5500 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। वहीं कृषि पंपों पर सब्सिडी में 17 हजार करोड़ रुपए हर साल का खर्च, 450 रुपये में सिलेंडर में एक हजार करोड़ रुपये हर साल का खर्च हो रहा है।
11 साल में पटाएगी सरकार
 वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक अप्रैल के बाद मप्र सरकार पहली बार 2500 करोड़ का कर्ज बाजार से उठाने जा रही है। विकास कार्यों के नाम पर लिए जाने वाले इस कर्ज को सरकार 11 साल में पटाएगी। इससे पहले मप्र पर 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ का कर्ज है। इसमें सबसे ज्यादा मार्केट लोन 2 लाख 34 हजार 812 करोड़ है। मप्र सरकार ने बाजार से कर्ज लेने के लिए आरबीआई से मंजूरी लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत विड 6 अगस्त को मुंबई में खोली जाएगी। सरकार 2500 करोड़ के कर्ज को 11 साल में पटाएगी। वर्तमान में 31 मार्च 2024 की स्थिति में मप्र सरकार पर 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ का कर्ज है और इस कर्ज पर ब्याज के रूप में सरकार करीब 22 हजार करोड़ का भुगतान कर रही है। इसमें मार्केट से 2 लाख 34 हजार 812 करोड़, बॉन्ड्स से 5, 888 करोड़, फायनेंशियल संस्थाओं से 15, 248 करोड़, केंद्र सरकार से एडवांस लोन 62 हजार 12 करोड़, अन्य संस्थाओं से 19 हजार 195 करोड़ तथा स्माइल सेविंग स्कीम से 38, 421 करोड़ का लोन सरकार ने उठा रखा है।
सरकार ने कब-कब लिया कर्ज
25 जनवरी 2023 2000 करोड़
02 फरवरी 2023 3000 करोड़
09 फरवरी 2023 3000 करोड़
16 फरवरी 2023 3000 करोड़
23 फरवरी 2023 3000 करोड़
02 मार्च 2023 3000 करोड़
09 मार्च 2023 2000 करोड़
17 मार्च 2023 4000 करोड़
24 मार्च 2023 1000 करोड़
29 मई 2023 2000 करोड़
14 जून 2023 4000 करोड़
12 सितंबर 2023 1000 करोड़
27 दिसंबर 2023 2000 करोड़
23 जनवरी 2024 2500 करोड़
7 फरवरी 2024 3000 करोड़
22 मार्च 2024 5000 करोड़
(राशि 26 मार्च को आई)

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