सरकार ने हटाई विभागों के खर्च पर लगी रोक

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  • 25 करोड़ से अधिक के भुगतान के लिए अनुमति जरूरी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विभागों की  योजनाओं में राशि खर्च पर लगी रोक हटा ली है। इसमें अटल गृह ज्योति, नि: शुल्क विद्युत प्रदाय, फसल बीमा, मुख्यमंत्री ऋण समाधान, संबल, आयुष्मान भारत, सरकारी भवनों का रखरखाव, महाकाल परिसर विकास, मुख्यमंत्री आवास मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति सहित अन्य योजनाएं शामिल हैं।
वित्त विभाग का अनुमान है कि लक्ष्य से अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी। इसे देखते हुए विभाग ने दिसंबर में वित्तीय प्रबंधन के लिए विभागों के बिना अनुमति विभिन्न योजनाओं में राशि व्यय करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब 31 विभागों की 123 योजनाओं को इससे मुक्त कर दिया गया है। यानी विभाग इन योजनाओं में बजट प्रावधान के अनुसार राशि व्यय कर सकते हैं। हालांकि, 25 करोड़ रुपये से अधिक का कोई भी आहरण बिना अनुमति के नहीं होगा।
उधर, सडक़, सिंचाई और नल जल योजनाओं के लिए चार हजार सात सौ करोड़ रुपये की मासिक व्यय सीमा विभागों को दी गई है। केंद्र सरकार ने प्रदेश को केंद्रीय करों के हिस्से में साढ़े छह हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए हैं। राज्य के करों से वर्ष 2023-24 में 86 हजार करोड़ रुपये की प्राप्ति का अनुमान था। इसमें से 83 हजार करोड़ रुपये फरवरी में अब तक प्राप्त हो चुके हैं।
मासिक व्यय सीमा तय
वित्त विभाग का अनुमान है कि लक्ष्य से अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी। इसे देखते हुए विभाग ने दिसंबर में वित्तीय प्रबंधन के लिए विभागों के बिना अनुमति विभिन्न योजनाओं में राशि व्यय करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब 31 विभागों की 123 योजनाओं को इससे मुक्त कर दिया गया है। यानी विभाग इन योजनाओं में बजट प्रविधान के अनुसार राशि व्यय कर सकते हैं। हालांकि, 25 करोड़ रुपये से अधिक का कोई भी आहरण बिना अनुमति के नहीं होगा। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान, प्रचार-प्रसार सहित अन्य योजनाओं में राशि व्यय करने के लिए अभी भी वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी।
व्यय करने के लिए लेनी होगी अनुमति
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान, प्रचार-प्रसार सहित अन्य योजनाओं में राशि व्यय करने के लिए अभी भी वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी। उधर, फरवरी में व्यय करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सर्वाधिक 2,400 करोड़, नर्मदा घाटी विकास 1,320, लोक निर्माण 1,200, नगरीय विकास एवं आवास विभाग 878 और जल संसाधन विभाग को 700 करोड़ रुपये दिए गए हैं। कुल 14 विभागों को सात हजार 323 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

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