- 30 को होगा वीरा राणा का एक्सटेंशन पूरा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की मुख्य सचिव वीरा राणा का एक्सटेंशन 30 सितंबर को पूरा हो जाएगा। यानी वे इस दिन रिटायर हो जाएंगी। लेकिन उनकी जगह मप्र का अगला मुख्य सचिव कौन होगा, इसको लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। सीएस के लिए प्रमुख दावेदारों में अनुराग जैन, डॉ. राजेश राजौरा और एसएन मिश्रा हैं। केंद्र में पदस्थ अनुराग जैन के लिए केंद्रीय कैबिनेट, रक्षा या गृह सचिव की संभावनाएं खुली हैं। उन्हें मप्र आने का फैसला लेना होगा। सीएम को भी पहल करनी होगी। केंद्रीय कैबिनेट, गृह सचिव अभी एक्सटेंशन पर हैं। ऐसे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता है कि मप्र का अगला मुख्य सचिव कौन होगा।
प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा का एक्सटेंशन पूरा होने में अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं, लेकिन अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि प्रदेश का अगला प्रशासनिक मुखिया कौन होगा? जैसे-जैसे सीएस वीरा राणा के एक्सटेंशन समाप्त होने की तारीख नजदीक आ रही है, प्रशासनिक गलियारों में नए मुख्य सचिव को लेकर सस्पेंस बढ़ता जा रहा है। अमूमन किसी मुख्य सचिव का कार्यकाल पूरा होने के हफ्ते-पंद्रह दिन पहले भावी मुख्य सचिव को उनका ओएसडी नियुक्त कर दिया जाता है, लेकिन शासन ने इस बार अब तक ऐसा नहीं किया है। इससे वीरा राणा को एक बार फिर एक्सटेंशन दिए जाने की अटकलें शुरू हो गई हैं। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव वीरा राणा के बीच कामकाज को लेकर अच्छा सामंजस्य बैठ गया है। ऐसे में यदि वीरा राणा को एक और एक्सटेंशन मिलता है, तो इसमें कोई हैरत नहीं होना चाहिए। वीरा राणा 31 मार्च को रिटायर्ड होना था, लेकिन लोकसभा चुनाव की वजह से उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन दे दिया गया था, जो 30 सितंबर को पूरा हो रहा है। उधर, मुख्य सचिव की रेस में तीन अधिकारी शामिल हैं। इनमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री डॉ. राजेश राजौरा और अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा शामिल हैं।
राजौरा का नाम सबसे आगे
यदि दिल्ली में पदस्थ अनुराग जैन (1989) नहीं लौटे, तो फिर 1990 बैच का आईएएस ही अगला मुख्य सचिव हो सकता है। जिसमें मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा (1990) और इसी बैच के ही अपर मुख्य सचिव गृह शिवनारायण मिश्रा में से किसी एक के नाम पर मुहर लगेगी। इनमें से राजौरा मई 2027 और मिश्रा जनवरी 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। प्रशासनिक व्यवस्था में ऐसी परंपरा है कि जब किसी जूनियर अधिकारी को प्रशासनिक मुखिया बनाया जाता है, तब वरिष्ठ अधिकारियों को मंत्रालय से बाहर पदस्थ कर दिया जाता है। प्रदेश सरकार ने नए मुख्य सचिव के फैसले से पहले ही यह तय कर दिया है। जिसमें मप्र में पदस्थ 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान को कर्मचारी चयन बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर मंत्रालय से बाहर कर दिया है। जबकि इसी बैच के आईएएस विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया पहले से ही मंत्रालय से बाहर हैं। विनोद कुमार जनजाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान के संचालक है। जबकि कंसोटिया प्रशासनिक अकादमी के महानिदेशक है। 1989 बैच के दो अधिकारी अनुराग जैन और आशीष उपाध्याय दिल्ली में पदस्थ है। जिनमें से उपाध्याय इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
राजौरा इसलिए पहली पसंद
मुख्य सचिव वीरा राणा को इकबाल सिंह बैस के बाद प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया गया था। उनका कार्यकाल 31 मार्च तक था, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ा दिया था, अभी 30 सितंबर तक उनका कार्यकाल है। इसके पहले प्रदेश में नए मुख्य सचिव की रेस शुरू हो गई है। इस रेस में सबसे आगे प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी राजेश राजौरा हैं। उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही उनका अगला मुख्य सचिव बनाया जाना तय माना जा रहा है। राजेश राजौरा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सबसे पसंदीदा अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य सचिवों को संभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तो उनमें राजौरा को उज्जैन संभाग का जिम्मा सौंपा था। उनकी प्रशासनिक क्षमता जबरदस्त है। लंबे समय से गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे राजौरा इंदौर, उज्जैन, बालाघाट, धार आदि जिलों में जमीनी काम कर चुके हैं।
जैन पीएम के पसंदीदा अफसर
अनुराग जैन 1989 बैच के आईएएस अधिकारी है। वे केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं और वर्तमान में सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव के पद पर पदस्थ हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा अधिकारियों की सूची में शामिल हैं, इसलिए उन्हें सीएस पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। 1990 बैच के आईएएस और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री डॉ. राजेश राजौरा सीएम डॉ. यादव की गुड लिस्ट में है। सूत्रों का कहना है कि जून में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने डॉ. राजौरा को अपना अपर मुख्य सचिव बनाकर इस बात के संकेत दे दिए थे कि वे प्रदेश के अगले मुख्य सचिव होंगे। ऐसे ही 1990 बैच के आईएएस व अपर मुख्य सचिव गृह, जेल और परिवहन एसएन मिश्रा भी मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल हैं।