छोटे निवेशकों के लिए भी खोले सरकार ने दरवाजे

  • होटल और रिसोर्ट के लिए के लिए 14 जिलों में 25 लोकेशन की तय

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी में  24-25 फरवरी को होने वाली दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले प्रदेश सरकार ने छोटे निवेशकों के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं। इसके तहत कम निवेश में होटल और रिसोर्ट खोलने के प्रस्ताव मांगे हैं। इसके लिए सरकार द्वारा जमीन का बैंक भी तैयार किया है। इसके लिए 14 जिलों में 25 लोकेशन तय की गई हैं। इसका जिम्मा पर्यटन विभाग को सौंपा गया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब प्रदेश में उद्योगपति रिन्युएबल एनर्जी, आईटी एंड टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, माइनिंग, एमएसएमई एंड स्टार्टअप, अर्बन डेवलपमेंट आदि पर इन्वेस्टमेंट करने आ रहे हैं।  अहम बात यह है कि होटल और रिसोर्ट खोलने के लिए आगे आने वाले निवेशकों को  प्रजेंटेशन दिया जाएगा अगर उन्हें लोकेशन पसंद आई तो 4 से 8 घंटे के अंदर विजिट भी कर सकेंगे। जीआईएस में टूरिज्म बोर्ड इन्वेस्टर्स को कुल 25 लोकेशन दिखाएगा। ये सभी लोकेशन होटल, रिसॉर्ट, वेलनेस सेंटर और टूरिज्म एक्टिविटी से जुड़ी हैं। इनमें कुल 62 करोड़ रुपए का निवेश हो सकेगा।
इन जिलों में लोकेशन
जबलपुर, मंदसौर, धार, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, भिंड, नीमच, बैतूल, रायसेन, बुरहानपुर, शाजापुर, शहडोल, विदिशा और अलीराजपुर।
22 लोकेशन रिसोर्ट के लिए बेहतर
25 में से 22 लोकेशन ऐसी हैं, जो रिसोर्ट के लिए बेहतर है। ये लोकेशन जंगल एरिया में है। यहां होटल, वेलनेस सेंटर और इको टूरिज्म एक्टिविटी भी हो सकती है।
कई विदेशी मेहमान भी भोपाल आएंगे
इसके अलावा कई विदेशी मेहमान भी भोपाल पहुंचेंगे। इनमें से कई 23 फरवरी को ही आ जाएंगे, जिनके स्वागत के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। प्लान के अनुसार, 23 फरवरी की रात में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भोपाल में आ सकते हैं। वे और सीएम डॉ. मोहन यादव रात में इन मेहमानों के साथ डिनर करेंगे। जबकि 24 और 25 फरवरी को लंच और डिनर का आयोजन होगा। मेहमानों के लिए खास मेन्यू तैयार किया जा रहा है, जिसमें भारतीय, इंटरनेशनल और मध्यप्रदेश की पारंपरिक डिशेज शामिल हैं।
पर्यटन के लिए है अनुकूल
बोर्ड के अफसरों ने बताया, प्रॉपर्टी ऐसी जगह पर हैं, जहां टूरिज्म एक्टिविटी आसानी से हो सकती है। मंदसौर के गांधीसागर में तो हरियाली के बीचों-बीच प्रॉपर्टी है। वहीं, धार के हेमाबर्डी में फिक्सड टेंटिंग यूनिट यानी, टेंट सिटी बनाई जा सकती है। अलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा, बैतूल के भैंसदेही, मंदसौर के मल्हारगढ़, जबलपुर के नन्हाखेड़ा जैसी लोकेशन भी हैं। यह प्रॉपर्टी की लोकेशन भोपाल से 3 से 8 घंटे की दूरी पर है। जैसे- भोपाल से मंदसौर की दूरी 330 किमी, जबलपुर की दूरी 300 किमी, बैतूल की दूरी 200 किमी, शाजापुर की दूरी 150 किमी, नीमच-अलीराजपुर की दूरी 400 किमी के आसपास ही है। जहां पर कुछ ही घंटे में पहुंचा जा सकता है। इसलिए समिट के दौरान ही बोर्ड टैक्सी तैयार रखेगा। ताकि, यदि इन्वेस्टर्स का जमीन देखने का मूड हुआ तो उन्हें तुरंत मौके पर ले जाया जा सके।
15 फरवरी तक होंगे पंजीयन
जीआईएस में जिन प्रमुख उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है, उनमें मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, एन. चंद्रशेखरन, नोएल एन. टाटा, आनंद महिंद्रा, जमशेद एन. गोदरेज, संजीव पुरी, संजीव बजाज, सतीश रेड्डी, नादिर गोदरेज, पवन मुंजाल, एसएन सुब्रह्मण्यम, रिशद प्रेमजी, अजीज प्रेमजी, सलिल एस. पारेख, दिलीप संघवी, वेणु श्रीनिवासन, सुनील भारत मित्तल, बाबा एन. कल्याणी, उदय कोटक शामिल हैं। इनमें से कुछ की सहमति मिल गई है। कुल 18 हजार रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। दूसरी ओर, उद्योग विभाग ने रजिस्ट्रेशन की तारीख 3 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी तक कर दी है। ऐसे में आंकड़ा 20 हजार के पार पहुंच सकता है।
स्टार्ट-अप को दी जा रही सुविधाएं  
एमपी में 4,900 स्टार्ट-अप्स दी ढांचे की सुविधा प्रदान की जा रही है। स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता के रूप में राज्य सरकार कुल निवेश का 18 प्रतिशत तक (अधिकतम 18 लाख) प्रदान कर रही है। राज्य में एमपी स्टार्ट-अप पॉलिसी एंड इंप्लीमेंटेशन स्कीम के तहत स्टार्ट-अप्स को कई लाभ दिए जा रहे हैं। इनमें सरकार द्वारा दी जा रही वित्तीय सहायता, बुनियादी ढांचा सहयोग और क्षमता निर्माण जैसी सुविधाएं शामिल हैं। स्टार्ट-अप्स को सरकारी निविदाओं में अनुभव और टर्न ओवर की शर्तों में छूट और अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट से भी मुक्त किया गया है।राज्य सरकार ने स्टार्ट-अप्स को लाइसेंस और परमिट शुल्क से भी छूट दी है और दो वर्षों तक सरकारी खरीद में प्राथमिकता दी है। प्रदेश के पास भरपूर बिजली, पानी, और प्राकृतिक संसाधन हैं, जो इसे निवेशकों के लिए एक आदर्श स्थल बनाते हैं। मध्य प्रदेश में 4,900 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स कार्यरत हैं और राज्य सरकार का लक्ष्य स्टार्ट-अप इंडिया के तहत स्टार्ट-अप्स की संख्या को 100 प्रतिशत तक बढ़ाना है। इसके लिए प्रदेश में 72 इनक्यूबेटर कार्यरत हैं और कृषि एवं खाद्य क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को 200 प्रतिशत तक बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।

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