आचार संहिता हटते ही शुरू होगा सरकारी एक्शन

  • अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर, तो मिलावट के खिलाफ  चलेगा अभियान
  • गौरव चौहान
आचार संहिता

राजधानी सहित मप्र में कोई भी अवैध गतिविधि संचालित करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पिछले दिनों दिए गए इस बयान का जमीनी असर 4 जून के बाद दिखाई देना शुरू हो सकता है। इसके लिए भोपाल में जिला प्रशासन ने विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। आचार संहिता हटते ही सरकारी और निजी जमीन में नियम विरुद्ध अवैध कॉलोनी काटने वालों की खैर नहीं रहेगी। सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के बाद अब सभी अधिकारी सख्ती दिखाने लगे हैं। 4 जून को चुनाव के परिणाम आने के बाद प्रदेश में अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई तेज हो सकती है। इसके लिए अधिकारी अभी से प्लान तैयार करने लगे हैं। वहीं मिलावटखोरों के साथ ही अन्य कालाबाजारियों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाना तय माना जा रहा है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव 2023 से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवैध कॉलोनी को वैध करने का ऐलान कर दिया था। लेकिन अब नई सरकार के नए सीएम का मानना है कि अवैध तरीके से कॉलोनी बनाने से सरकार और जनता का नुकसान हुआ है। ऐसे में इन्हें वैध करना न्याय संगत नहीं है। अब बड़े स्तर पर अवैध कॉलोनी का सर्वे शुरू किया जाएगा। राजधानी भोपाल में तो इन अवैध कॉलोनी का सर्वे शुरू भी हो गया है। अवैध कॉलोनियों, कलियासोत बफर जोन में एनजीटी के निर्देश लागू कराने के लिए  कार्रवाई होना तय है। स्कूल फीस व बुक्स मामले में भी बड़ी कार्रवाई होगी। प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि प्रशासन की टीम को कई मामलों में स्पष्ट गाइडलाइन दी जा चुकी है। कार्रवाई जारी है और जून में ये तेज होगी। प्रशासन ने नगर निगम सीमा से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि पर बिना जरूरी अनुमति के विकसित अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार कर ली है। 32 कॉलोनियों के नाम इसमें शामिल है। इन्हें विकसित करने वालों की सुनवाई 6 जून से 7 जून तक पूरी होगी। दस जून के पहले इन कॉलोनियों में एसडीएम के माध्यम से निर्माण तोड़ने व जमीन को कब्जे में लेने की कार्रवाई होगी।
भोपाल में मार्क की गईं अवैध कॉलोनी
अकेले हुजूर क्षेत्र में अब तक 200 से ज्यादा कॉलोनियां चिन्हित हो चुकी हैं, जो कि अवैध हैं। वहीं, कोलार और गोविंदपुरा क्षेत्र में भी अवैध कालोनियां चिन्हित की गई है। राजस्व विभाग को जानकारी मिली है कि बैरागढ़ क्षेत्र में मैं भी अवैध कॉलोनी हैं। लेकिन अन्य क्षेत्रों की तुलना में यहां कम हैं। इन सभी कॉलोनियों के खिलाफ राजस्व विभाग 4 जून से बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू करेगा। सबसे पहले कॉलोनाइजरों को नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद संतोषपूर्वक जवाब नहीं मिलने पर जमीनों को राजसात किया जाएगा। भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अवैध कॉलोनीयों के सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। जहां तत्काल कार्रवाई की जा सकती है,वहां फौरन एक्शन लिया जाएगा। आपको बता दें कि पिछले दिनों कुछ क्षेत्र में अतिक्र ण हटाया भी गया है। अधिकारियों के अनुसार हुजूर क्षेत्र के पांच अलग-अलग क्षेत्र में अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनी को नोटिस जारी किए गए हैं। कई क्षेत्रों की संपत्ति की रजिस्ट्री पर रोक भी लगाई गई है। कलियासोत नदी से 33 मीटर में बफर जोन के एनजीटी के निर्देश है। इसे लेकर एक जून को बैठक भी हो चुकी है। जिला प्रशासन इस जोन में सरकारी जमीन के करीब 350 कब्जे चिन्हित कर चुका है। इसे हटाया जाएगा। यहां से लोगों को विस्थापित भी करेंगे।
ताबड़तोड़ होगी कार्रवाई
चार जून को चुनाव परिणाम के बाद आचार संहिता खत्म होगी और प्रशासन पूरी तरह से अपने रूटीन कामों पर केंद्रित होगा। मिलावटियों के खिलाफ बड़े स्तर पर जांच व कार्रवाई शुरू की जाएगी। शहर में मिलावटी मसालों से लेकर बिना फूड लायसेंस के रेस्टोरेंट व अन्य खानपान दुकानें संचालित हो रही है। अभी इक्का दुक्का जांच व कार्रवाईयां की जा रही है, लेकिन कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने टीम बनाकर कार्रवाई करने व अधिनियम के तहत सजा व जुर्माने का कहा है।  जबलपुर की तर्ज पर भोपाल में स्कूलों की पांच साल की फीस बढ़ोतरी की डिटेल ली जा रही है। यहां के सिलेबस की किताबों आइएसबीएन नंबर देखा जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के साथ इस मामले में बड़ा अभियान संचालित करने आठ टीमें पहले ही बना दी है। छह जून से ये बड़े स्तर पर जांच व कार्रवाई शुरू करेंगे। शहर में सडक़, चौराहों, धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों पर नजर आने वाले भिखारियों की महिला बाल विकास व एनजीओ से मिलकर जांच कराई जा रही है। अभी बाल भिखारियों को लेकर अभियान है, लेकिन परिणाम के बाद सभी भिखारियों को शामिल करेंगे। समाज की मुख्यधारा में शामिल करने तय नियमों के तहत काम होगा। इसके लिए कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं। भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार जैसे-जैसे आदेश तैयार होते जाएंगे। उन्हें भेजना शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए कॉलोनी विकसित करने वाले को एक निश्चित समय दिया जाएगा। अगर संचालक, कॉलोनी संबंधी जरूरी अनुमति जैसे कॉलोनाइजर का पंजीयन, डायवर्सन, टीएंडसीपी, रेरा और अन्य सभी तरह की अनुमति प्रस्तुत कर देगा तो वह कार्रवाई से बच सकता है। पर यदि कॉलोनी विकसित करने वाले ने किसी तरह के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए तो सरकार उस कॉलोनी का अधिग्रहण कर लेगी। प्रदेश की सरकारी जमीनों पर नियम विरुद्ध विकसित की गई कॉलोनियों को पहले तो नोटिस भेजा जाएगा , उसके बाद संबंधित पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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