खुशखबरी, अब सरकार करेगी 15 क्विंटल अधिक मूंग की खरीदी

 मूंग खरीदी

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आयी है। इसके तहत सरकार समर्थन मूल्य पर अब 25 की जगह 40 क्विंटल मूंग की खरीदी शुरू करने वाली है। प्रदेश में इन दिनों किसानों से उनकी मूंग की फसल की खरीदी समर्थन मूल्य पर प्रदेश सरकार कर रही है। अभी फसल खरीदी की लिमिट 25 क्विंटल है लेकिन , अब मध्यप्रदेश सरकार केंद्र सरकार की सहमति से किसानों से 40 क्विंटल करने जा रही है। कृषि मंत्री कमल पटेल बीते रोज नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि सचिव भारत सरकार मनोज आहूजा से इस मामले में मुलाकात कर चुके हैं। इसके बाद उनके द्वारा इसको लेकर बयान दिया गया है।
पटेल ने बताया कि मूंग खरीदी की मात्रा प्रति किसान 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने पर केंद्रीय सचिव ने सहमति जताई है और जल्द ही इसके आदेश जारी हो जाएंगे।  कृषि मंत्री पटेल ने केंद्रीय सचिव को बताया कि किस प्रकार वन ग्रामों की फसलों का बीमा मध्यप्रदेश में किया गया। मंत्री पटेल ने केंद्र सरकार को यह सुझाव भी दिया कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश में वन ग्रामों की फसलों का बीमा करा कर किसानों की फसलों की क्षति पूर्ति की राशि किसानों को दिलवाई गई। उसी प्रकार पूरे देश भर के वन ग्रामों की फसलों का बीमा करा कर देश के वन ग्रामों की फसलों का बीमा कराया जा सकता है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रत्येक वर्ष मार्च माह में ही चना, सरसों, मसूर की खरीदी करने का भी केंद्रीय सचिव को सुझाव दिया।
मप्र में मूंग की खरीदी
केन्द्र सरकार  की प्राईस सपोर्ट स्कीम में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द का उपार्जन 8 अगस्त से शुरू हो चुकी है ,जिसकी खरीदी30 सितम्बर तक लगतार की जाएगी।  इसकी खरीदी बालाघाट, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खण्डवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुरकला, भिण्ड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मण्डला, शिवपुरी और अशोकनगर में की जा रही है, जबकि उड़द की खरीदी जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, दमोह, छिंदवाड़ा, पन्ना, मण्डला, उमरिया और सिवनी सहित 10 जिलों में की जा रही है। इसके लिए प्रदेश में उपार्जन के लिए 741 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। मूंग फसल के लिए 2 लाख 34 हजार 749 कृषकों द्वारा 6 लाख एक हजार हेक्टेयर रकबे का पंजीयन कराया गया है।

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