- लोकसभा चुनाव में कर चुकी है दमदार प्रर्दशन
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर अब सबकी निगाह लगी हुई है। इसकी वजह है इस सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस व भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन चुका है। साढ़े तीन दशक बाद इस सीट के तहत आने वाली लोकसभा सीट छिंदवाड़ा में कमलनाथ के सांसद रहे पुत्र नुकल नाथ को पराजय का सामना करना पड़ा है। इसकी वजह से कमलनाथ ने इस सीट पर हर हाल में पार्टी प्रत्याशी की जीत तय करना चाहती है, जबकि भाजपा उपचुनाव जीतकर कांग्रेस का मनोबल पूरी तरह से तोडऩा चाहती है। इस बीच गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक बार फिर से अपनी ताकत दिखाने के लिए मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी है। अब लगातार भाजपा नेताओं के दौरे एक बार फिर से अमरवाड़ा में हो रहे हैं। इस सीट पर 10 जुलाई को मतदान होना है।
भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह का नामांकन भरवाने खुद सीएम अमरवाड़ा पहुंचे थे। प्रदेश में भले ही भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला होता है पर अमरवाड़ा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) चुनाव में पूरी तरह से खेल बिगाड़ने का काम करती है। इस अंचल की यह ऐसी सीट है, जहां पर गोंगपा की वजह से अब तक भाजपा को जीत नसीब नहीं हो सकी है। कई बार तो यह स्थिति रही है कि गोगपा से कांग्रेस को जीत के लिए मुकाबला करना पड़ा है। अगर छह माह पहले हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो 2023 में देवीराम भलावी ने 18 हजार 231 वोट लेकर भाजपा को नुकसान पहुंचाया था। पार्टी ने इस बार फिर देवीराम भलावी को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। उधर, कांग्रेस में अभी प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया चल रही है। चुनाव प्रभारी पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करके एक नाम पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का शुरू से प्रभाव रहा है। 2008 के चुनाव में मनमोहन शाह बट्टी 36 हजार 288 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे था। 2013 में भी बट्टी ने 46 हजार 165 मत प्राप्त किए थे। इसी तरह 2018 के चुनाव में वे 61 हजार 269 वोट लेकर दूसरे स्थान पर आए थे। कांग्रेस की जीत में गोंगपा की बड़ी भूमिका रही है पर अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद समीकरण बदले हैं। तीन बार से कमलेश शाह पार्टी के प्रत्याशी रहे पर वे अब भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में, कांग्रेस के सामने प्रत्याशी चयन की बड़ी चुनौती है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से छिंदवाड़ा से दूर हैं। उधर, पार्टी ने दो चुनाव प्रभारी भेजे हैं, जिन्होंने संभावित दावेदारों को लेकर सभी पदाधिकारियों से चर्चा कर ली है। इसमें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की संभावनाओं का भी आंकलन किया गया है। अब प्रदेश कांग्रेस द्वारा केंद्रीय संगठन को नाम प्रस्तावित किए जाएंगे।
ऐसा है गोंगापा का प्रभाव
गोगापा से विधानसभा चुनाव लडऩे वाले देवीराम उर्फ देव रावेन भलावी ने 8 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 18 हजार 231 वोट प्राप्त किए थे। इसी तरह से लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा 55 हजार 988 वोट देव रावेन को मिले हैं। इसमें भी 23 हजार 36 वोट अमरवाड़ा विधानसभा में मिले हैं। यदि अमरवाड़ा में गोगापा को मिले वोट और कांग्रेस को मिले वोटों को जोड़ दें तो ये 1 लाख 1 हजार 509 होते हैं, जो भाजपा को मिले वोट से लगभग 8 हजार ज्यादा है। यानी यहां गोगापा लड़ाई में न होती तो अमरवाड़ा सीट पर भाजपा को लीड मिलना मुश्किल हो जाता। कांग्रेस इस सीट को हर हाल में जीतना चाहती है। खुद नाथ परिवार ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है।