- सरकार करेगी जल्द फैसला

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
हाल ही में भोपाल में हुई दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान कई देशों से भी सरकार को निवेश प्रस्ताव मिले हैं। जिन देशों से निवेश प्रस्ताव मिले हैं उनमें यूके, जापान, जर्मनी, यूएस, बहरीन, और यूएई की कई कंपनियां शामिल हैं। इन देशों की कंपनियों से कुल 318 अरब से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनसे 17,827 नौकरियां मिलेंगी। जापान और कनाडा के कई बड़े समूहों ने मुख्यमंत्री के साथ निवेश को लेकर वन-टू-वन चर्चा भी की।
माना जा रहा है कि इन निवेश प्रस्तावों पर सरकार जल्द ही निर्णय करेगी। भोपाल जीआईएस के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान, जर्मनी, और यूके जैसे देशों का दौरा किया था। जीआईएस में जापान, यूएई, यूके, और कनाडा सहित कई देशों के राजनयिकों और व्यापार संगठनों ने हिस्सा लिया। इनमें से कई से छोटे-बड़े निवेश प्रस्ताव मिले हैं। यूके की प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी बाल्फोर बीटी ने परंपरागत और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 1,500 करोड़ के निवेश की घोषणा की है। इंडियाज पीपल फोरम, यूएई माइनिंग के क्षेत्र में 1,500 करोड़ का निवेश करेगा। इससे 2,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। यह निवेश सामान्य जल में लवण मिलाने और गंदे जल को साफ करने की योजना पर होगा। जर्मनी का बड़ा औद्योगिक समूह हेटिच धार में हार्डवेयर और फर्नीचर उत्पादन के लिए 1,500 करोड़ का निवेश करेगा। अमेरिका के फ्लोरिडा प्रांत में स्थित प्रायोरिटी सिक्योरिटी कंपनी भोपाल में डाटा सेंटर स्थापित करेगी। इस योजना पर 500 करोड़ का निवेश होगा। यह कंपनी घरों, शिक्षा संस्थानों, और व्यावसायिक-औद्योगिक संस्थानों को सुरक्षा प्रदान करती है। भोपाल में निवेश से 1,200 नौकरियां मिलेंगी। सेंटर सिग्मा हैवी इंजीनियरिंग के साथ मिलकर बनेगा।
जर्मनी का समूह करेगा 1500 करोड़ का निवेश
आईटी, आईटी सेवा और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्रों में कुल 5 विदेशी कंपनियां 21,220 करोड़ का निवेश करेंगी। कुल 12,100 रोजगार के अवसर बनेंगे। इनमें से बहरीन की अट्टा फॉर सपोर्टिंग टेक्नोलॉजीस भोपाल में मोबाइल फाइनेंशियल सोल्यूशंस में 20 हजार करोड़ का निवेश करेगी। इसके अलावा, प्रायोरिटी सिक्योरिटी, थोलोन्स, डिजिटल कन्वर्जेंस टेक्नॉलिजीएस, और एडवांस ओएसिस टेक्नोसॉफ्ट जैसी बाहरी कंपनियां भी निवेश लाएंगी। बाल्फोर, एचएलपीसी बल्गारिया, स्टार ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड, और बेक्वेर कुल मिलाकर 7,050 करोड़ का निवेश करेंगे। इनसे 1,900 नौकरियां मिलेंगी। इंजीनियरिंग सेक्टर में हेटिच, शाइन टू, और भारी कंस्ट्रक्शन मशीनरी बनाने वाली गुआंग्शी ल्यूगांग कंपनी आदि मिलकर 1,752 करोड़ का निवेश करेंगे। इथियोपिया की अम्बो यूनिवर्सिटी स्किल डेवलपमेंट में, यूएई की नाइट सिनर्जी स्वास्थ्य में, और ग्लोबल नेस्ट फूड प्रोसेसिंग में निवेश करेंगे। कनाडा का सेंटर फॉर एंटरटेनमेंट आट्र्स भी निवेश करेगा। ब्रिजस्टोन बनाएगी 150 करोड़ से नया प्लांट: जापान की प्रसिद्ध ब्रिजस्टोन कंपनी 150 करोड़ की लागत से धार के पीथमपुर में नया टायर उत्पादन प्लांट लगाएगी। कंपनी 1996 से पीथमपुर के खेड़ा में पहली यूनिट से उत्पादन कर रही है। कुल 2,000 करोड़ का निवेश हो चुका है, जिससे 2,700 लोगों को रोजगार मिला है। इस यूनिट में हर दिन 19,500 टायर बन रहे हैं। इनमें कारों और छोटे ट्रकों के रेडियल टायर शामिल हैं।
प्रदेश में बिजली उत्पादन 31 हजार मेगावाट, 30त्न ग्रीन एनर्जी से
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मप्र में वर्तमान में लगभग 31 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता है, जिसमें से 30त्न हरित ऊर्जा से मिलती है। उन्होंने कहा कि जीआईएस में प्रदेश की टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक रिन्युएबल एनर्जी पॉलिसी के कारण नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से मप्र हरित ऊर्जा हब के रूप में उभर रहा है। वर्तमान में राज्य में 5 बड़ी सौर परियोजनाएं काम कर रही हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 2.75 गीगावाट (2,750 मेगावाट) है। सरकार की योजना वर्ष-2030 तक नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 20 गीगावाट (20,000 मेगावाट) करने की है। मध्यप्रदेश सरकार ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादन के क्षेत्र में भी तैयारी कर रही है। ऐसी यूनिट आने पर सस्ती जमीन और सब्सिडी जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। जीआईएस के दौरान प्रदेश और अन्य राज्यों के कई समूहों ने ग्रीन हाईड्रोजन निवेश पर सरकार के साथ चर्चा की है।