मॉब लिंचिंग पीड़ितों की मदद के लिए 50 लाख का फंड

मॉब लिंचिंग

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में मप्र मॉब लिंचिंग (भीड़ जनित हिंसा) पीडि़त प्रतिकर योजना – 2023 प्रभावी हो गई है। राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। योजना में जो प्रावधान किया है, उस हिसाब से मॉब लिंचिंग के पीडि़तों की मदद के लिए 50 लाख का फंड बनाया जा रहा है। इस फंड में वैसे तो पैसे जमा करने के लिए आधा दर्जन से अधिक रास्ते निकाले गए हैं, लेकिन सबसे दिलचस्प ये है कि कैदियों की कमाई व दोषियों से वसूली गई कंपनसेशन की राशि से भी मॉब लिंचिंग पीडि़तों की आर्थिक मदद की जाएगी। ये योजना राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 5 वर्ष बाद लागू की है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई 2018 को इस संबंध में आदेश दिए थे। इसी क्रम में राज्य सरकार ने 9 सितंबर को कैबिनेट में ये योजना लागू करने का निर्णय लिया था और अब जाकर योजना का प्रारूप विस्तार से जारी किया है। योजना में मॉब लिंचिंग से घायल होने पर पीडि़त को 5 लाख रुपए की सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया है, वहीं मौत होने पर परिजनों को 10 लाख रुपए देने की व्यवस्था बनाई गई है।
सीएसआर फंड से भी ली जा सकेगी राशि
इस योजना में मॉब लिंचिंग भीड़ जनित प्रतिकर निधि का गठन किया जाना है। इस निधि को बजट प्रावधान के माध्यम से उपलब्ध कराई जाने वाली रुपए 50 लाख की प्रारंभिक राशि से स्थापित की जाएगी। इस निधि या फंड में कहां-कहां से राशि का इंतजाम होगा इसका भी इंतजाम किया है।  इस फंड में राज्य सेवा प्राधिकरण को सहायता अनुदान के रूप में बजट आवंटन, जिसके लिए शासन द्वारा वार्षिक बजट से आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे। इसी तरह केंद्रीय पीड़ित प्रतिकर निधि (सीवीएसएफ) योजना 2015 से भी अंशदान लिया जा सकेगा। इसमें जमा की जाने वाली सिविल, आपराधिक न्यायालयों, अधिकरण द्वारा आदेशित कास्ट की कोई रकम ली जा सकेगी, वहीं राज्य या केंद्र सरकार द्वारा अनुज्ञात अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय संस्थाओं, संगठनों, तथा कंपनियों की कार्पोरेट (सीएसआर) निधि से प्राप्त दान तथा अंशदान से भी राशि का इंतजाम किया जा सकेगा। इसी तरह योजना के खंड के अधीन दोषकर्ता या अभियुक्त से वसूली गई प्रतिकर यानी कंपनसेशन की रकम भी फंड में जमा की जा सकेगी। इतना ही नहीं कंपनसेशन प्राप्त करने वाले व्यक्ति द्वारा वापस की गई कंपनसेशन की राशि भी इस फंड में ली जा सकेगी। मप्र कारागार नियम 1968 में संशोधन के अनुसार पात्र पीडि़त को प्रतिकर प्रदान करने के प्रयोजन के लिए कैदियों द्वारा कमाई गई मजदूरी के भाग से सृजित सामान्य निधि से जेल विभाग से प्राप्त प्रतिकर को भी फंड में शामिल हो सकेगा।
30 दिन में 25 फीसदी जरूरी
योजना में इस बात का भी इंतजाम किया गया है कि मॉब लिंचिंग के पीडि़त व्यक्ति को 30 दिन के भीतर उसे दिए जाने वाले कंपनसेशन का कम से कम 25 फीसदी राशि  देनी होगी। वहीं यदि मामला एसिड अटैक का है तो फिर महज 15 दिन के भीतर एक लाख रुपए की राशि का भुगतान करना। एसिड अटैक के मामले में ये भी साफ किया गया है कि पीडि़त को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सहायता निधि से एक लाख रुपए अतिरिक्त पाने का भी अधिकार है, जो कि इस योजना के तहत मिलने वाली राशि से अलग होगी।
फंड के संचालन की जिम्मेदारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की
योजना में ये भी तय किया गया है कि फंड का संचालन करने की जिम्मेदारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की  होगी। सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, अपराध पीडि़त प्रतिकर निधि में से प्रतिकर के समय से वितरण की मॉनीटरिंग करेगा और ये भी सुनिश्चित करेगा कि योजना के तहत समुचित लेख रखे । किस  पीडि़त को कब कितनी राशि का वितरण किया गया, इसका ब्यौरा गृह विभाग को देना होगा।

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