भगोरिया से आदिवासी इलाकों की 14 सीटों पर तीर चला आए मुख्यमंत्री

आदिवासी इलाकों

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा का ध्यान अब उन अनुसूचित जनजाति वर्ग की सीटों पर है, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।  इसी को लेकर कल मुख्यमंत्री द्वारा  थांदला का दौरा तय किया गया था। थांदला के भगोरिया हाट में मुख्यमंत्री अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ आदिवासी वेशभूषा में आदिवासियों के बीच झूमते रहे।
हेलीपेड से भगोरिया हाट तक हुए रोड शो में मुख्यमंत्री पिपरी बजाते हुए नजर आए तो आदिवासियों की टोलियों को देखकर वे रूककर उनका अभिवादन स्वीकारते रहे। मालवा और निमाड़ में करीब 24 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं और झाबुआ तथा अलीराजपुर की 5  सीटों में से एक सीट भाजपा के पास है और चार पर कांग्रेस का कब्जा है। यही नहीं निमाड़ की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। मुख्यमंत्री जिस तरह से भगोरिया हाट में आदिवासी रंग में रंगकर पहुंचे, उसको देखकर लग रहा था कि वे इन सीटों के प्रति कितने गंभीर हैं। इस दौरान उन्होंने थांदला में कई कामों की शुरुआत की तो कई का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि मैं आपके बीच भगोरिया मनाने आया हूं। कोरोना कम हो गया है, होली मनाओ, बाहर निकालो। हालांकि मुख्यमंत्री की भगोरिया यात्रा से माना जा सकता है कि भाजपा अभी से इन सीटों पर तैयारी कर रही हैं और जिस तरह से अभी उपचुनाव में कांग्रेस की एक सीट अपने कब्जे में की है, उससे दूसरी सीटों पर भी उसका ध्यान है। मुख्यमंत्री के साथ सांसद गुमान सिंह, विधायक सुलोचना रावत, लक्ष्मण सिंह नायक, कलसिंह भाबर भी मौजूद थे।
यह है अंचल की सीटों का गणित
प्रदेश में कुल 230 विधानसभा की सीटें हैं। इनमें मालवा-निमाड़ अंचल की 66 सीटें शामिल हैं। मालवा-निमाड़ में 15 जिले, और 2 संभाग आते हैं। ये जिले हैं इंदौर, धार, खरगौन, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, देवास, नीमच और आगर।  पश्चिमी मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन संभागों में फैले इस अंचल में आदिवासी और किसान तबके के मतदाताओं की बड़ी तादाद है।

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