आला अफसरों को भी नहीं छोड़ रहे हैं धोखेबाज

आला अफसरों
  • सायबर अपराधियों की  तलाश जारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। ठगों द्वारा हर रोज ठगी के लिए नए -नए तरीके खोजे जा रहे हैं। अब उनके द्वारा उन अफसरों को ही ठगी के लिए सहारा बनाया जा रहा है, जिनके पास ठगी से बचाने का जिम्मा है। यही नहीं मौका लगने पर वे इन अफसरों को भी अपने जाल में फांसने से पीछे नहीं रहते हैं।
ऐसा ही मामला बीते सप्ताह समाने आ चुका है, जिसमें एक जालसाज ने एक आईपीएस अफसर की पत्नी को ही चूना लगा दिया है। इसके अलावा ठगों द्वारा आईएएस और आईपीएस अफसरों के न केवल फेसबुक अकाउंट हैक किए जा रहे हैं, बल्कि उनके नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों से ठगी करने का काम किया जा रहा है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसा ही मामला है मुरैना जिले के एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान का है। जालसाजों ने हाल ही में फेसबुक पर उनके नाम से एक फर्जी अकाउंट बनाया था, जिसे दो दिन बाद ही डिलीट कर दिया गया था। इसी तरह से श्योपुर एसपी डॉ. राय सिंह नरवरिया का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर तो साइबर ठगों ने पुराने फर्नीचर और घर के सामान के फोटो तक पोस्ट कर दिए थे। यही नहीं इसमें लिखा था कि उनका होने की वजह से वे यह फर्नीचर व सामान बेचना चाहते हैं। इसके एवज में कुछ लोगों से ठगों ने कुछ पैसा तक वसूल लिया है। इसकी जानकारी लगी तो एस पी साहब हतप्रभ रह गए। बाद में उनके द्वारा इस अकाउंट को बंद कराया गया। बात यहीं समाप्त नही होती है, बल्कि ठगों द्वारा  भिंड एसपी डॉ. असित यादव के नाम से भी फर्जी फेसबुक अकाउंट बना कर उनके परिचितों से भी ठगी का प्रयास किया गया था। जानकारी मिलने पर यादव द्वारा भी अपना  अकाउंट बंद कराया गया। अब इन मामलों की जांच का जिम्मा साइबर टीम को सौंपा गया है।
कई अफसरों के भी बन चुके हैं फर्जी अकाउंट
मुरैना व इंदौर के पूर्व एसपी और वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में सेवाएं दे रहे आईपीएस अधिकारी आशुतोष बागरी का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर कई लोगों को ठगने का प्रयास किया गया। ऐसी शिकायतें मिलने के बाद खुद बागरी ने अपने मूल फेसबुक अकाउंट से इस फर्जी अकाउंट की जानकारी दी थी और कहा कि इससे किसी को फ्रेंड रिक्वेस्ट आए तो मत जुडि़ए और ना ही कोई जानकारी दें। इसी तरह से मुरैना के पूर्व कलेक्टर व वर्तमान में सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा के नाम से फेसबुक पर तीन फर्जी अकाउंट बना लिए गए हैं। आईपीएस अधिकारी वर्मा के नाम से कई लोगों से जानकारी मांगकर उनसे ठगी का प्रयास किया गया था। खंडवा के वर्तमान एसपी अनुराग सुजानिया के नाम से भी पिछले महीने फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया गया और उनके करीबियों को मैसेज करके ठगने का प्रयास किया, पर आईपीएस सुजानिया ने जानकारी लगते ही अकाउंट का बंद करा दिया गया।  छतरपुर में डीआईजी ललित शाक्यवार के नाम से भी एक महीने पहले फर्जी फेसबुक अकाउंट बना और उनके करीबियों को मैसेज कर फोन नंबर से लेकर अन्य जानकारी मांगी गई थी। इसी तरह से पीएचक्यू में पदस्थ एडीजीपी सुनील कुमार पांडेय के नाम से भी 15 दिन पहले ठगों ने फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया था।
आसान होता है ठगी करना
बड़े अफसरों के नाम पर ठगी करना आसान होता है। इसकी वजह से अब जालसाजों ने उनके नाम का उपयोग करना शुरु कर दिया है। इसका उदाहरण हैं पूर्व डीजीपी एमएस वर्मा । उनके नाम से साइबर ठगों ने फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया और फिर उस पर लिखा की मेरा स्वास्थ्य खराब है अभी किसी से बात नहीं कर पाऊंगा, मुझे आर्थिक सहयोग की जरूरत है। इसके साथ एक बैंक खाता नंबर भी पोस्ट किया गया था, जो ठगों का था। इस खाते में कई थाना प्रभारियों से लेकर अन्य पुलिसकर्मियों ने मदद के नाम पर पैसा डाल दिया था।
डीआईजी की पत्नी को भी ठगा  
मेड सर्विस के नाम पर ठगों ने डीआईजी चंबल कुमार सौरभ की पत्नी मेघा सिन्हा को ठग लिया। एडवांस लेने के बाद कंपनी ने जो मेड भेजी, वो एक दिन बाद ही भाग निकली। ठगी 30 दिसंबर से एक जनवरी के बीच की है। कंपू स्थित ऑफिसर्स मेस में डीआईजी का परिवार ठहरा हुआ है। उनकी पत्नी ने मेड के लिए सुरेखा डॉट कॉम वेबसाइट पर डिटेल छोड़ दी थी। कुछ समय बाद अरुण वर्मा नाम के व्यक्ति ने कॉल कर खुद को राधा प्लेसमेंट सर्विस का ऑनर बताते हुए कहा कि उसकी कंपनी हाउस मेड उपलब्ध करवाती है। सहमति बनने के बाद कंपनी का एक कर्मचारी मेड गुडिय़ा को पुलिस ऑफिसर्स मेस लेकर पहुंचा। कर्मचारी ने कहा कि उन्हें चार महीने का एडवांस देना होगा। इस तरह 37 हजार रुपए मांगे। एक जनवरी की सुबह गुडिय़ा भाग निकली। इसके बाद मेघा ने अरुण को फोन लगाया तो उसने कहा कि हम इसी तरह लोगों से ठगी करते हैं। 

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