- 30 फीसदी शिकायतों का भी नहीं हुआ निराकरण
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। शहर में गृह निर्माण समितियों में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। वर्षों पहले अपनी जमा पूंजी लगाकर सदस्य बने लोग अब भी प्लाट के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं। वहीं कई गृह निर्माण समितियों द्वारा मोटा मुनाफा कमा कर बिल्डरों से जमीन का सौदा किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सदस्य समितियों में जमा किए पैसों की रसीद लेकर न्याय के लिए भटक रहे हैं।
आलम यह है कि 327 शिकायतों में से 30 फीसदी शिकायतों का निराकरण भी सहकारिता विभाग नहीं कर पाया। क्योंकि जिन सोसाइटियों में विवाद है, उन पर आज दूसरे लोग काबिज हैं। पीड़ित सिर्फ जमा की हुई पर्ची और दस्तावेज लेकर भटक रहे हैं। हाउसिंग सोसायटियों में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा जिन सोसाइटियों में हुआ है, उनमें कामधेनु हाउसिंग सोसायटी, सर्वोदय गृ.नि, रोहित गृह निर्माण, स्वजन गृह निर्माण, सौरभ गृह निर्माण, हजरत निजामुद्दीन, सर्वधर्म, कान्हा, शिव गृनि, अपेक्स बैंक, विकास कुंज, गुलाबीनगर, निशातपुरा, लावण्य गुरुकुल, पल्लवी, राजहर्ष, नर्मदा, पुष्प विहार, अमलताश, मंदाकिनी सहित कई सोसाइटी हैं, जिनके पीड़ित अब तक सहकारिता विभाग के चक्कर काट रहे हैं। उपायुक्त सहकारिता एके निगम का कहना है कि जिले में काफी लोगों की शिकायतों का निराकरण हुआ था, कई लोगों को प्लॉट भी दिए गए थे। अभी भी जिन लोगों की शिकायतें आती हैं, हम उनका निराकरण कराते हैं।
200 सोसायटियों में ठीक ठाक काम
जानकारी के अनुसार जिले में रजिस्टर्ड 581 गृह निर्माण समितियों में से मात्र 200 ऐसी हैं, जो ठीक ठाक काम कर रही हैं। बाकी में शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। किसी में गैर सदस्यों को प्लाट बेच दिए गए तो कहीं बिल्डरों ने कॉलोनी बना दी। इस मामले में दो दर्जन से अधिक समितियों के कर्ताधर्ताओं पर पूर्व में एफआईआर भी दर्ज कराई गई, लेकिन इस पर रोक नहीं लग सकी। सोसायटी में घोटाला सुनियोजित तरीके से किया गया है। गौरव, रोहित, समन्वय, महाकाली व अन्य शहर की चर्चित सोसायटियों में अध्यक्ष बदले जाने के बाद पूर्व के सदस्यों को बाहर कर उनके स्थान पर नए सदस्य बनाकर उनको अधिक कीमत पर प्लॉट बेच दिए। इनमें से काफी लोगों ने उसी समय प्लॉट के लिए राशि जमा कराई थी, वो भी डूब गई। अब जमीन ही नहीं बची। जिन पर कब्जा है वे मुंह मांगी कीमत मांग रहे हैं। जिन सोसायटियों में सबसे ज्यादा शिकायतें हुई हैं उनमें कामधेनू में 41, सर्वोदय में 21, रोहित में 20, स्वजन में 16, सौरभ में 14, हजरत निजामुद्दीन में 14, सर्वधर्म में 11, कान्हा में 11, शिव में 11 और अपेक्स बैंक सोसायटी की 10 शिकायतें पेंडिंग बताई जा रही है।
रोक के बाद भी कार्रवाई नहीं
साकेत नगर रहवासी इलाके में कमर्शियल गतिविधियां की जा रही हैं। जिसकी वजह से यहां रहने वाले रिटायर्ड बुजुर्गों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। साकेत नगर 1 ए के रहवासियों ने बताया कि यहाँ पर मकान नंबर 467/9 ए में छात्रों के लिए 21 कमरों का हॉस्टल बनाया जा रहा है। इससे यहां रहने वाले रहवासियों को दिक्कत होगी। रहवासी प्रमोद पुरोहित ने बताया कि इस क्षेत्र में कमर्शियल गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। इससे आम लोगों के लिए मुसीबत बन जाएगी। इस क्षेत्र में अधिकांश रिटायर्ड एवं बुजुर्ग रहते हैं। रहवासियों ने निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण को लिखित में शिकायत दी है। इसके जवाब में निगम ने सिर्फ एक खानापूर्ति के नाम पर पक्ष भेजकर बता दिया कि भवन मालिक को बता दिया गया है कि यहां सिर्फ रहवासी उपयोग के लिए निर्माण किया जा रहा है। जबकि यहां रहवासी बिल्डिंग की परमिशन लेकर कमर्शियल हॉस्टल बनाया जा रहा है। नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण का कहना है कि साकेत नगर में रहवासी क्षेत्र में गतिविधियों को लेकर हमें शिकायत मिली है। राजधानी में बिल्डिंग परमिशन भवन अनुज्ञा शाखा दिखावे को अनुमतियां जारी कर रही हैं। भवन अनुज्ञा जारी करने से पहले अधिकारी इंजीनियर कई तरह के दस्तावेज लेकर निर्माण की अनुमति जारी करते हैं, लेकिन भवन मालिक अनुमति के मुताबिक निर्माण कर रहा है या नहीं इसे चैक करने वाला कोई नहीं है। भवन अनुज्ञा में 3 बीएचके मकान की अनुमति है। आसपास के रहवासी इसकी शिकायत नगर निगम कमिश्नर, कलेक्टर, सीएम हेल्पलाइन सहित प्रमुख सचिव तक कर चुके हैं।