- विधानसभा में कभी दस फीसदी से अधिक भागीदारी नहीं रही महिलाओं की…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। चुनाव में जीत के लिए भले ही सभी राजनैतिक दलों का पूरा जोर आधी आबादी यानी की महिलाओं पर रहता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि जब चुनाव के लिए टिकट देने की बारी आती है , तो सभी राजनैतिक दल इस मामले में बेहद कंजूसी दिखाने में पीछे नहीं रहते हैं। यही वजह है कि प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी कोई मौका नहीं आया है, जबकि विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या दस फीसदी से अधिक रही हो। लगभग यही स्थिति इस बार भी रहने की संभावना बनी हुई है। इसकी वजह है कि इस बार भी महिलाओं को बामुश्किल से कुल मिलाकर 15 फीसदी के आसपास ही टिकट दिए गए हैं। यह स्थिति प्रदेश में तब बनी है, जबकि चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने संबंधी विधेयक सदन में पारित कराया जा चुका है। इस विधोयक को लगभग सभी दलों द्वारा समर्थन दिया गया था। तकनीकी तौर पर भले ही यह विधेयक कानून का रुप ले चुका है, लेकिन अभी यह लागू नहीं हुआ है। अब जब दोनों प्रमुख दल महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने को लेकर राजी हैं, लेकिन इसके बाद भी इस चुनाव में इसका पालन करते हुए कोई दल नहीं दिख रहा है। अगर मौजूदा चुनाव के लिए टिकटों की बात की जाए तो भाजपा ने 28 और कांग्रेस ने 29 महिलाओं को ही टिकट दिया है।
समाप्त हो रहे कार्यकाल में यह है संख्या
पिछले चार चुनावों में भाजपा और कांग्रेस को मिलाकर भी सदन में महिला विधायकों की संख्या कभी दस फीसदी के पार नहीं पहुंच सकी है। मौजूदा सदन में भाजपा की 12 और कांग्रेस की आठ महिला विधायक हैं। एक महिला विधायक का ताल्लुक बसपा से है। इस तरह से 230 सदस्यों वाले सदन में महिला विधायकों की संख्या महज 21 है और यह आंकड़ा दस फीसदी से भी कम है। महिलाओं के हितों को लेकर दोनों प्रमुख दल मौखिक तौर पर चिंताएं जाहिर करते हैं, लेकिन जब टिकट देने की बारी आती है, तो उससे हाथ खींच लेते हैं। महिलाओं को टिकट देने के मामले में भाजपा ज्यादा कंजूस है। विधानसभा के पिछले चार चुनावों में भाजपा ने सिर्फ 88 महिलाओं को टिकट दिया है। यह आंकड़ा भी दस फीसदी तक नहीं पहुंचता है। कांग्रेस इस मामले में ज्यादा उदार दिखती है। वह यह भी कह सकती है कि हमने हर बार के चुनाव में भाजपा की तुलना में ज्यादा महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन कांग्रेस का आंकड़ा भी लगभग 12 फीसदी है। दोनों दलों के प्रत्याशियों को मिला दिया जाए, तो भी आंकड़ा 33 फीसदी को पार नहीं कर पा रहा है। यह स्थिति तब है, जब महिला मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। प्रदेश में कुल 50495251 (पांच करोड़ उनचास लाख) मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 26362394 है और महिला मतदाताओं की संख्या 24132857 है। पुरुष मतदाताओं का आंकड़ा 52.20 प्रतिशत और महिला मतदाताओं का प्रतिशत 47.80 है।
24/10/2023
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