निगरानी अमले की कमी से मध्यप्रदेश में फल फूल रहा है वन माफिया

 अवैध कटाई
  • विभाग में मैदानी कर्मचारी नहीं होने की वजह से माफियाओं द्वारा जंगलों में अवैध कटाई जारी है…

    भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां पर हर साल करोड़ों की संख्या में पौधे लगाए जाते हैं, इसके बाद भी प्रदेश में लगातार हरियाली कम होती जा रही है। दरअसल प्रदेश का वन महकमा और सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है, जिसकी वजह से वन माफिया तेजी से अवैध पेड़ कटाई कर रहा है। अवैध पैड़ कटाई पर रोक और वन माफिया पर शिकंजा कसने का काम करने वाला वन विभाग में इस अमले की कमी बनी हुई है।
    इस विभाग की खास बात यह है कि काम करने वाला अमला लगातार कम हो रहा है, जबकि आला अफसरों की फौज बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से विभाग का पिरामिड भी बिगड़ता जा रहा है। यही वजह है कि विभाग में बीते ही कुछ सालों में मैदानी अमले की संख्या में करीब छह हजार कर्मचारियों की कमी हो चुकी है। वन सुरक्षा अमले की कमी की वजह से वन माफिया पर नजर रखना मुश्किल होने से उसके हौंसले बुलंद हैं। दरअसल इस संबंध में विभाग के पूर्व आला वन अफसरों का इस मामले में कहना है कि लंबे समय से निचले अमले की भर्ती नहीं होने की वजह से विभाग में अब वृद्ध अमला ही बचा है, जबकि वन सुरक्षा की जिम्मेदारी युवा रेंजर्स के पास होना चाहिए। उनके पास भी अधिकतम 200 वर्ग किलोमीटर का ही वन क्षेत्र होना चाहिए तभी जंगलों की सुरक्षा संभव है।
    कई सालों से नहीं हुई भर्ती
    वन विभाग में कई सालों से रेंजर, डिप्टी रेंजर, वनपाल और वन रक्षकों के पदों पर भर्ती नहीं होने की वजह से मैदानी व्यवस्था भी गड़बड़ा चुकी है। खासबात यह है की मैदानी अमला बढ़ाने की जगह सरकार और विभाग एसीएफ और आईएफएस के पदों में लगातार वृद्धि करती जा रही है। फिलहाल विभाग में मैदानी स्तर के लिए 25 हजार 766 स्वीकृत पदों में से 19 हजार 933 पद ही भरे हुए हैंं। इस तरह से अभी 5 हजार 833 पद खाली पड़े हुए हैं।
    फील्ड के महत्वपूर्ण पद खाली
    संवर्ग स्वीकृत कार्यरत रिक्त
    वन क्षेत्रपाल 1194 836 358
    डिप्टी रेंजर 1258 641 617
    वनपाल 4194 2804 1390
    वनरक्षक 14024 12517 1507
    साथ ही भृत्य दफ्तरी वाहन चालक लेखा शाखा आदि सहित संविदा के पद खाली हैं -स्त्रोत वन विभाग
    प्रदेश में 1 अपराध से जुड़े प्रकरण
    अवैध कटाई
    वर्ष प्रकरण
    2019 44892
    2020 44793
    अवैध परिवहन
    वर्ष प्रकरण
    2019 1511
    2020 1465
    अवैध उत्खनन-
    वर्ष प्रकरण
    2019 3109
    2020 5371
    अवैध शिकार-
    वर्ष प्रकरण
    2019 1258
    2020 65

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