वन्य प्राणियों पर नजर रखने किराए पर उडऩखटोला लेगा वन विभाग

  • रॉबिंसन 44 हेलीकॉप्टर के लिए बुलाई निविदा
  • विनोद उपाध्याय
वन विभाग

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान संचालक ने पीसीसीएफ वन्य प्राणी के लिए हेलीकॉप्टर रॉबिंसन 44 को किराए पर लेने के लिए एक निविदा आमंत्रित की है। निविदा में कहा गया है कि यह हेलीकॉप्टर सितंबर 24 से मार्च 25 तक उपयोग किया जाना है। यह निविदा दूसरी बार निकली गई है। वन विभाग में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पीसीसीएफ वन्य प्राणी के नाम से हेलीकॉप्टर किराए पर लेने की निविदा आमंत्रित की गई है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि वन्य प्राणियों पर नजर रखने और शाजापुर में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे 400 ब्लैक बक यानी कृष्णमृग एवं 100 नीलगायों को हेलिकाप्टर से अन्यत्र शिफ्ट करने की योजना है। उसके लिए टेंडर आमंत्रित किया गया है। इसके लिए दक्षिण अफ्रीका के एक्सपर्ट टीम मध्य प्रदेश आएगी। शाजापुर जिले में काले हिरण और नीलगाय की संख्या बढ़ती जा रही है। शुजालपुर रेंज में इनकी संख्या ज्यादा है। खेतों में उछलकूद करने के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हो रहा हैं। इस समस्या के निदान के लिए वन विभाग द्वारा पिछले साल भी इन जानवरों की शिफ्टिंग की योजना बनाई गई थी, इसके तहत यहां से काले हिरण और नीलगाय को पकडकऱ गांधीसागर अभयारण्य में नामीबिया से चीते लाए जा रहे। इसके लिए साउथ अफ्रीका की टीम द्वारा बोमा तकनीक का उपयोग किया जाएगा। वन विभाग की टीम के द्वारा अभी सर्वे कर पता लगाया जा रहा है कि कहां पर हिरण और नीलगाय की संख्या ज्यादा है।
 वन विहार, राष्ट्रीय उद्यान संचालक ने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के लिए हेलीकॉप्टर रॉबिंसन 44 को किराए पर लेने निविदा आमंत्रित की है। निविदा में यह हेलीकॉप्टर सितंबर 24 से मार्च 25 तक उपयोग किया जाना है। किराए पर लिया जाने वाला हेलीकॉप्टर पीसीसीएफ के काम आएगा या फिर वन मंत्री के चुनाव में इसका उपयोग किया जाएगा। इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
2007 में भी लिया था हेलीकॉप्टर किराए पर
वन विभाग में हेलीकॉप्टर किराए पर लेने का यह दूसरा मामला है। इसके पहले वर्ष 2007 में तत्कालीन वन मंत्री रहे कुंवर विजय शाह ने नील गाय को खदेडऩे , निरीक्षण करने हेलीकॉप्टर किराए पर लिया था और उस हेलीकॉप्टर में मंत्री द्वारा आदिवासी बच्चों को घुमाने और स्वयं के घूमने के लिए उपयोग किया। नियम विरुद्ध हेलीकॉप्टर का किराया करीब 7.50 करोड़ रुपए वन समितियों के खाते से भुगतान भी कराया गया। बाद में यह मामला खूब उठा। लेकिन अब हेलीकॉप्टर पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के नाम पर किराए से लिया जा रहा है। वन विभाग के अफसर जिस हेलीकॉप्टर को किराए पर लेने जा रहे हैं, वह अमेरिकी कंपनी रॉबिन्स ने बनाया है और इसमें चार लोग एक साथ सफर कर सकते हैं। फॉरेस्ट में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पीसीसीएफ वन्य प्राणी के नाम से हेलीकॉप्टर किराए पर लेने को निविदा आमंत्रित की गई है। पहले निविदा 2 सिंतबर तक बुलाई गई थी, लेकिन किसी कंपनी ने इसमें टेंडर नहीं डाला तो दोबारा 3 सितंबर को निविदा आमंत्रित कर 17 सितंबर पर विड डालने की तारीख तय की गई है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि शाजापुर में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे 400 ब्लैक बक यानी कृष्णमूग एवं 100 नीलगायों को हेलिकाप्टर से अन्यत्र शिफ्ट करने की योजना है। उसके लिए टेंडर आमंत्रित किया है। इसके लिए दक्षिण अफ्रीका की एक्सपर्ट टीम मप्र आएगी। शाजापुर जिले में काले हिरण और नीलगाय की संख्या बढ़ती जा रही है। शुजालपुर रेंज में इनकी संख्या ज्यादा है।
उपचुनाव में हो सकता है उपयोग
वन विहार संचालक ने जो टेंडर जारी किया है, उसमें इस बात का खुलासा नहीं किया हैं कि किराए पर लिए जाने वाले हेलीकॉप्टर का क्या उपयोग किया जाएगा। सूत्र बताते है कि वन विभाग के नवनियुक्त मंत्री रामनिवास रावत को अब उप चुनाव के लिए मैदान में जाना होगा और इस हेलीकॉप्टर का उपयोग चुनाव में किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उधर, यह भी जानकारी है कि किराए पर हेलीकॉप्टर लेने के पीछे विभाग की मंशा कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों पर नजर रखने और सर्वे करने हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाना है। वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ अजय दुबे का कहना है कि मप्र टाइगर फाउंडेशन सोसायटी के फंड से हेलीकॉप्टर किराए पर लिया जा रहा है। खासकर गांधी सागर में चीता प्रोजेक्ट का काम जिस ठेकेदार को दिया था, उसने काम पूरा नहीं किया और अब ठेकेदार तथा अधिकारियों की मिलीभगत के चलते हेलीकॉप्टर किराए पर लिया जा रहा है। इससे सरकार को चपत लगने की संभावना है।

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