- 5457 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र हुआ वृक्ष विहीन
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के वन क्षेत्र में चल रहे जंगल राज की कलई भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट (एफएसआई) ने खोल दी है। एफएसआई के अनुसार प्रदेश के वन क्षेत्र में अवैध खनन और अतिक्रमण इस तेजी से हो रहा है कि 5457 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र वृक्ष विहीन हो गया है। हैरानी की बात यह है कि वन महकमें को इसकी खोज-खबर ही नहीं है। गौरतलब है कि मप्र के वन क्षेत्र में अवैध खनन, पेड़ों की कटाई और अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। उधर सरकार हर साल वनों की सुरक्षा और पौधारोपण पर अरबों रूपए खर्च कर रही है। उसके बावजूद एफएसआई-21 की रिपोर्ट ने जंगल महकमे ऊंचे पदों पर बैठे अफसरों की कलई खोल दी है। वे प्रदेश में अवैध उत्खनन और अतिक्रमण रोकने में असफल रहे हैं। अवैध उत्खनन और अतिक्रमण के चलते ही प्रदेश के जंगल का इतना बड़ा इलाका वृक्ष विहीन हो गया है।
38 जिलों में फॉरेस्ट कवर एरिया घटा
प्रदेश में हर साल अवैध उत्खनन और अतिक्रमण के 60,000 से अधिक मामले दर्ज होते हैं। वर्ष 2020 में 53000 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध उत्खनन और 700 से अधिक हेक्टेयर में अवैध कटाई की गई है। एफएसआई-21 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 38 जिले ऐसे हैं जहां पर फॉरेस्ट कवर एरिया तेजी से कम हुआ है। इसमें मुख्यमंत्री का गृह जिला सीहोर और वन मंत्री का गृह जिला खंडवा भी शामिल है। इसमें सबसे अधिक एरिया बड़वानी, हरदा, सिंगरौली, शहडोल, जबलपुर, श्योपुर और जबलपुर जिला का शामिल है। राजधानी भोपाल में भी फॉरेस्ट कवर एरिया कम हुआ है, एफएसआई की रिपोर्ट ने एक और चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। वन विभाग एक तरफ राज्य में बटरफ्लाई का सर्वे करा रहा है और दूसरी तरफ उनका रहवास एरिया कम होता जा रहा है।
भिंड:119 वर्ग किमी वन क्षेत्र बढ़ा
एफएसआई-21 की रिपोर्ट के अनुसार भिंड और मुरैना जिले के जंगलों का फॉरेस्ट कवर एरिया बढ़ गया है। भिंड और मुरैना जिले के संबंध में एफएसआई की रिपोर्ट अफसरों के गले नहीं उतर रही है। भिंड में 119.81 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर एरिया बढ़ा है। इसी प्रकार मुरैना जिले का फॉरेस्ट कवर एरिया 21.27 किलोमीटर बढ़ना बताया गया है, जबकि 2019 की रिपोर्ट में भिंड जिले का फॉरेस्ट कवर एरिया 1.25 वर्ग किलोमीटर और मुरैना जिले का 1.83 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर एरिया कम हुआ था। पीसीसीएफ कार्ययोजना राजेश कुमार का कहना है कि मुरैना और भिंड में फारेस्ट एरिया इस कारण बढ़ गया है, क्योंकि वहां बहुत बड़े इलाके कि फेसिंग करके उसका सर्वेक्षण किया गया है। एफएसआई की रिपोर्ट में कार्बन स्टाक और ग्रोइंग स्टाक बढ़ा है। जिलों में फारेस्ट कवर एरिया इस कारण कम हुआ है, क्योंकि 2019 में बड़ी संख्या में विभिन्न योजनाओं के तहत फारेस्ट एरिया को डी- नोटीफाई किया गया है।