शाह की मौजूदगी में वन समितियों को… मिलेगीं कई सौगातें

अमित शाह
  • 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने की होगी घोषणा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भोपाल आने के साथ ही सूबे की हजारों वन समितियों को कई तरह की सौंगातें मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यहां वन समितियों के सम्मेलन में शाह की मौजूदगी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कई तरह की सौगातें देने की घोषणा की जाएंगी। इस दौरान इन समितियों के 18 लाख संग्राहकों को 67 करोड़ का बोनस वितरित किया जाएगा।
इस बोनस की राशि का दो साल से इंतजार किया जा रहा था। इसके अलावा प्रदेश के 827 वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाने की घोषणा भी की जाएगी। यही नहीं इमरती लकड़ी से होने वाली आय की 20 फीसदी राशि वन समितियों को देने का भी वादा किया जाना तय है। इन सौगातों की वजह से प्रदेश में इन समितियों से जुड़े लाखों आदिवासियों की आर्थिक उन्नति होने में बेहद मदद मिलेगी।
उधर, शाह के स्वागत के लिए शहर में जगह-जगह स्वागत द्वारा बनाए गए हैं तो पूरे शहर को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनके स्वागत के बैनर व पोस्टरों से पाट दिया गया है। गृह मंत्री शाह आज शुक्रवार को 8 घंटे 10 मिनट भोपाल में रहने वाले हैं। वे इस एक दिन के दौरे में तीन कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं। इसमें से दो कार्यक्रम सबसे अहम हैं। पहला जंबूरी मैदान में तेंदूपत्ता संग्राहकों का सम्मेलन और दूसरा लिंक रोड नंबर दो से भाजपा कार्यालय तक का दो किमी लंबा रोड शो। दोनों कार्यक्रमों को 2023 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रदेश की 2 करोड़ आबादी आदिवासी है और 230 विधानसभा सीटों में से 87 पर आदिवासी वोटर सबसे ज्यादा हैं। तेंदूपत्ता सम्मेलन में 35 लाख संग्राहकों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की जाएंगी। खास बात यह है कि सम्मेलन में करीब एक लाख जनजातीय वर्ग के अलावा 7 केन्द्रीय मंत्री भी शामिल हो रहे हैं। इन केंद्रीय मंत्रियों में नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, ज्योतिरादित्य सिंधिया, एल मुरूगन, प्रहलाद सिंह पटेल, अजय कुमार मिश्रा और निशिथ प्रमाणिक शामिल हैं। भोपाल के जंबूरी मैदान में भाजपा का यह आदिवासियों के लिए छह महीने में यह दूसरा मेगा इवेंट है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासियों के सम्मेलन में पहुंचे थे।
चुनाव से पहले आसान नहीं है वन ग्राम का राजस्व गांव में बदलाव: विधानसभा चुनाव के पहले वन ग्राम राजस्व गांव में तब्दील करने की राह में कई तरह की कानूनी पेंचदगियां भी हैं। इसमें सबसे अहम है वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाने के पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर अनुमति लेना। इसके लिए बीते चार सालों से प्रदेश के अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे।
अब अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी वजह से सरकार फिर वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाने के अभियान में जुट गई है। 827 वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाने के  लिए 2,40,431 हेक्टेयर वन भूमि को डिनोटिफाई करना होगा। इसके लिए राज्य सरकार को इतनी ही राजस्व भूमि वन विभाग को ट्रांसफर करनी होगी। इसको लेकर वन विभाग और राजस्व विभाग के बीच समन्वय नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि 827 वन ग्राम में 98 ग्राम ऐसे हैं, जहां एक भी आबादी नहीं है। जानकारी के अनुसार  खंडवा-बुरहानपुर जिले में 102 , बैतूल  जिले में 92,  डिंडोरी जिले में 86, मंडला जिले के 84, बालाघाट जिले के 70, बड़वानी में 70 , ख्ररगोन जिले के 67, सीहोर में 53,  होशंगाबाद जिले के  52, छिंदवाड़ा जिले के  49 और हरदा जिले के 42 गांव आते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री शाह का इस तरह का है कार्यक्रम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सुबह 10.30 बजे विशेष विमान से भोपाल आने के बाद  केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी (सीएपीटी) में अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन समारोह में शामिल हो रहे हैं।  इसके बाद वे जम्बूरी मैदान भोपाल में वन समितियों के सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होंगे। शाम 4.35 बजे से शिवाजी नगर से रोड शो करते हुए शाम 5.05 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे और पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री शाम 6.45 बजे भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। एक दिवसीय भोपाल प्रवास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उनके साथ रहेंगे। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री मुख्यमंत्री निवास पर दोपहर भोज करेंगे। दोपहर भोज में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन मंत्री और मध्यप्रदेश से भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री व राज्य मंत्री शामिल होंगे।
ये सौगातें भी मिलेगीं
– प्रदेश में अभी तेंदूपत्ता संग्राहकों को 70 फीसदी बोनस मिलता है। नई घोषणा में पेसा अधिनियम के अनुसार तेंदूपत्ता विक्रय से होने वाले लाभ पर 75 प्रतिशत संग्राहक को, 10 प्रतिशत राशि संग्राहकों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए, 10 फीसदी राशि वन क्षेत्रों में लघु वनोपज प्रजातियों के संरक्षण पर और 5 प्रतिशत ग्राम सभाओं को दी जाएगी।
– वन विभाग अब राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटकों के प्रवेश से मिलने वाली राशि में से 33 फीसदी वन समितियों को देगी। समिति आवंटित क्षेत्र में ईको पर्यटन का कार्य कर सकेंगी। इससे होने वाली आय वन समिति को मिलेगी।
– प्रदेश के एक तिहाई गांव वन क्षेत्रों के अंदर या उसके आसपास बसे हैं। इनकी संख्या लगभग 15 हजार है, जिनकी आजीविका जंगल पर आधारित है। 5 हजार वन समितियों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए माइक्रो प्लान लाया जाएगा।
– वन समितियों का गठन ग्राम सभा करेगी। समिति में महिलाएं जरूरी होगी। वनोपज में महुआ, तेंदूपत्ता, हर्रा, बहेड़ा, आंवला और चिरौंजी प्रमुख है। पेसा कानून की भावना के अनुरूप ग्राम सभाओं को लघु वनोपजों का पूरा अधिकार मिलेगा।

Related Articles