पहली बार बिना टारगेट के होगा राशि एकत्रीकरण

  • भाजपा का आजीवन सहयोग निधि अभियान

विनोद उपाध्याय
भाजपा ने एक बार फिर दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि से आजीवन सहयोग निधि अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत भाजपा अपने संगठन को चलाने के लिए फंड  इक_ा करेगी। भाजपा ने इस बार सालों से चली आ रही अपनी आजीवन सहयोग निधि की व्यवस्था में बड़ा बदलाव कर दिया है। यह पहली बार हुआ है कि जिलों को राशि एकत्रीकरण का कोई टारगेट नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि भाजपा के पितृ पुरुष कुशाभाऊ ठाकरे ने संगठन को सशक्त और सक्षम बनाने और कार्यकर्ताओं द्वारा संगठन के संचालन के लिए आजीवन सहयोग निधि (समर्पण निधि) की शुरुआत की थी। भाजपा एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है जो कार्यकर्ताओं और विचार आधारित दल कहा जाता है। चाहे कोई जनप्रतिनिधि हो या पदाधिकारी, संगठन के प्रति उनका कार्यकर्ता भाव सदैव जीवंत रहता है। यही कारण भी है कि भाजपा संगठन को देशभर में एक आदर्श संगठन की दृष्टि से देखा जाता है।
निधि जुटाने के लिए दौरा करेंगे भाजपा नेता
आजीवन सहयोग निधि जुटाने के लिए भाजपा के संभाग स्तरीय नेता मंडल स्तर पर जाकर प्रवास करेंगे। पार्टी दफ्तरों का खर्च जुटाने के लिए भाजपा हर साल अपने कार्यकर्ताओं से आजीवन सहयोग निधि जुटाती है। लेकिन 2023-24 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के कारण यह राशि नहीं जुटाई गई थी। गौरतलब है कि भाजपा अपने प्रदेश से लेकर जिला कार्यालयों के खर्च की व्यवस्था कार्यकर्ताओं और समविचारी संगठनों के लोगों से सहयोग निधि लेकर करती है।  कार्यकर्ताओं और समविचारी संगठनों के लोगों से मिली राशि से ही प्रदेश कार्यालय, जिला कार्यालय के मासिक खर्च समेत बड़े आयोजनों के खर्च की व्यवस्था होती है। आजीवन सहयोग निधि की राशि भी जिलों को हर हाल में 15 मार्च तक जमा कराने को कहा गया है। आजीवन सहयोग निधि के लिए भाजपा ने एक-एक हजार के कूपन जिलों को दी है। इसके साथ ही एक ब्लैक डायरी और रशीद बुक भी जिलों को दी है। एक हजार से ज्यादा सहयोग राशि देने वालों को इसकी रशीद दी जाएगी। जिसमें उसका मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारी दर्ज होगी। बीस हजार तक की राशि रशीद बुक के माध्यम से ली जाएगी। बीस हजार से ज्यादा सहयोग निधि देने वालों से चेक के माध्यम से राशि ली जाएगी। इसमें उसे अपना पेन नंबर भी देना होगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे। यह राशि जिला कार्यालय अपने पास नहीं रख सकेंगे। इसके लिए प्रदेश कार्यालय से उन्हें अकाउंट नंबर दिया गया है। जिसमें उन्हें यह राशि जमा करनी होगी।
जिलों को खुद करना होगा टारगेट का निर्धारण
आजीवन सहयोग निधि अभियान के तहत जिलों से कहा गया है कि वे अपने सालभर के खर्चों का आंकलन कर लें और उसमें 25 प्रतिशत राशि और जोडक़र  टारगेट का निर्धारण खुद करें। यह 25 फीसदी राशि वह होगी जो प्रदेश संगठन अपने पास रखेगा।  हर जिला अपने सालभर के खर्च का आंकलन करेगा। इसमें कार्यालय के रूटीन खर्च के अलावा जिलों में होने वाले बड़े आयोजनों के खर्च का भी आंकलन शामिल होगा। इस खर्च के आंकलन के बाद उसे इसमें 25 प्रतिशत की राशि और जोड़कर अपना टारगेट तय करना है। यह राशि प्रदेश संगठन के पास रहेगी। जिससे प्रदेश संगठन अपने खर्च और बड़े आयोजनों की व्यवस्था करेगा। जिलों को यह भी ताकीद दी गई है कि जब तक वे आजीवन सहयोग निधि की पाई-पाई का हिसाब नहीं देंगे तब तक उनके द्वारा जमा की गई राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा उनके अकाउंट में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। एनओसी जारी होने के बाद ही राशि ट्रांसफर की जाएगी।

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