गौ संरक्षण के लिए बन रही पांच साल की योजना

गौ संरक्षण
  • अधिनियम में भी किए जाएंगे संशोधन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में इन दिनों गायों की हालत बेहद खराब है। वे पेट भरने के लिए सडक़ों पर आवारा पशुओं की तरह घूमने को मजबूर हैं। यह स्थिति तब है, जबकि प्रदेश में करीब साढ़े तीन साल पहले गौ सरंक्षण के लिए तत्कालीन शिव सरकार में अलग से गौ कैबिनेट तक का गठन किया गया था, लेकिन पूर्व की शिव सरकार गौ संरक्षण करने में न केवल असफल रही बल्कि, सडक़ हादसों की वजह बनने वाले आवारा पशुओं को भी नहीं हटा की। पूर्व की सरकार की असफलता से सबक लेते हुए डां. मोहन सरकार पांच साल की योजना तैयार कर रही है। यही नहीं गायों को संरक्षण देने के काम को भी मुख्यमंत्री ने अपनी पहली प्राथमिकता में रखा है, इसके लिए नए कानून को लाने की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि इसके बाद प्रदेश में गौशालाओं को कांजी हाउस का दर्जा देते हुए पशु पालकों पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा सकता है। इसी कवायद के तहत सरकार रविवार 25 फरवरी को भोपाल में एक बड़ी कार्यशाला आयोजित कर रही है। इसमें खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रमुख तौर पर शामिल होंगे। दरअसल एक आंकलन के मुताबिक इन दिनों प्रदेश में करीब दस लाख गोवंश सडक़ों पर विचरण करते देखे जा सकते हैं। इसकी वजह से वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। यही नहीं वाहन दुर्घटना होने की वजह से वाहन चालक और उसमें सवार यात्रियों तक की जान चली जाती है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता को देखते हुए दो दिन पहले मुख्य सचिव वीरा राणा विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर चुकी हैं। सरकार की योजना साधु-संतों, रिलायंस फाउंडेशन, गोशाला संचालकों, विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संस्थाओं के साथ मंथन कर गायों को बचाने के लिए कानून बनाने की योजना है, जिससे कि उसमें कोई खामी न रह जाए।
 इन बिंदुओं पर फोकस
सडक़ों और खेतों में विचरण कर रहे गोवंश को गोशालाओं तक पहुंचाने, परिवहन करने के लिए पंचायत, निकाय स्तर पर व्यवस्था की जाएगी और उन्हें बजट भी दिया जाएगा। मवेशी बारिश के दौरान सडक़ों पर न बैठे, इसके लिए राजमार्गों के आसपास बसें गांवों में गोठान की भी व्यवस्था की जाएगी। सडक़ हादसा अथवा अन्य कारणों से मृत गायों के शव का सम्मानपूर्वक निष्पादन किया जाएगा।
इस तरह के प्रावधान
गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इसमें पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, मप्र नगर पालिका एवं नगर पालिका अधिनियम में शामिल इस तरह के प्रावधानों पर भी विशेषज्ञों की राय से इसमें संशोधन किया जाएगा। सरकार इस बात पर भी मंथन करेगी कि गोशालाओं में प्रति गोवंश पर खर्च होने वाली तय राशि में वृद्धि कर सके।  
बैठक के प्रचार प्रसार के बाद भूली सरकार
18 नवंबर 2021 को सरकार ने गौर बैबिनेट का गठन किया था, जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। जबकि मंत्री नरोत्तम मिश्रा, विजय शाह, कमल पटेल, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रेम सिंह पटेल को इसका सदस्य बनाया गया था।  पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव को कैबिनेट में भारसाधक सचिव नामित किया गया था। इसका उद्देश्य गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम करना बताया गया था, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में हालात जस के तस बने हुए हैं।

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