विभाग को भेजे अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के आवदेन
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश का महिला बाल विकास विभाग ऐसा विभाग है , जो हमेशा चर्चा में बना रहता है। फिर चाहे बच्चों के पोषण अहार का मामला हो या फिर अनाथ बच्चों के लिए दिए जाने वाले अनुदान का। विभाग की कार्यशैली ही ऐसी है, जिसकी वजह से उस पर अंगुली उठती ही रहती है। इस बार चर्चा की वजह है विभाग के कई अफसरों द्वारा नौकरी से अलविदा कहने के लिए दिए गए आवेदन। इनमें संचानालय से लेकर मैदानी स्तर तक के अफसर शामिल हैं। फिलहाल ऐसे पांच अफसरों के नाम अब तक सामने आ चुके हैं, जिनमें से 3 अधिकारी संचालनालय तो दो मैदानी स्तर पर पदस्थ हैं। यह बात अलग है कि इन आवेदनों को आए हुए कई माह का समय हो गया है, लेकिन अब तक विभाग ने उन पर विचार ही नहीं किया है। एक साथ विभाग में बड़ी संख्या में आए नौकरी छोडऩे के मामलों को लेकर विभाग भी सकते में है। यह बात अलग है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए आवेदनकर्ताओं ने कई तरह की अलग-अलग वजहों का उसमें उल्लेख किया है। उधर, विभागीय सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ सालों में संचालनालय स्तर पर कार्यप्रणाली बेहद खराब हो चुकी है। संचालनालय में अफसरों के बीच पूरी तरह से समन्वय टूट चुका है और उनके व्यवहार को लेकर भी लोग संतुष्ठ नही हैं। मंत्रालय से लेकर अन्य कार्यालय में अधीनस्थ अधिकारी कार्यालयीन समय में वरिष्ठ अधिकारियों से आसानी से मिलकर अपनी समस्या बता सकते है, लेकिन इस विभाग के संचानालय में यही सबसे मुश्किल का काम है।
अधिकारियों से भी आसानी से नहीं मिलतीं आयुक्त
संचालनालय में वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यप्रणाली से अधीनस्थ कर्मचारियों और अफसरों में बेहद नाराजगी है। बताया गया कि आयुक्त संचालनालय के अधीनस्थ अधिकारियों से आसानी से नहीं मिलती हैं। जिन अधिकारियों के नाम पूर्व निर्धारित हैं, उनसे ही मुलाकात करती हैं। कोई भी अधिकारी बिना समय लिए नहीं मिल सकता है। जबकि ऐसी व्यवस्था मप्र सरकार के किसी भी कार्यालय में नहीं है।
इनके आवेदन पहुंचे विभाग में…
महिला एवं बाल विकास विभाग में जिन अधिकारियों ने नौकरी छोडऩे के आवेदन दिए हैं, उनमें संचालनालय के संयुक्त संचालक शिवकुमार शर्मा, सहायक संचालक अनुराग जोशी, उप संचालक संजय प्रताप सिंह, गुना में पदस्थ सहायक संचालक एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आरबी गोयल और सहायक संचालक मनोज भारद्वाज के नाम शामिल हैं। जबकि कुछ अन्य अधिकारियों ने भी नौकरी छोडऩे की पेशकश की है।