जन समर्थन में दिग्गज नेताओं पर… भारी पड़ते हैं पक्ष विपक्ष के पांच चेहरे

दिग्गज नेताओं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।  प्रदेश में ऐसे कई नेता हैं, जिनकी सरकार से लेकर अपने इलाके तक में न केवल तूती बोलती है, बल्कि वे लगातार कई चुनावों से जीत भी दर्ज कर रहे हैं, लेकिन ऐसे नेताओं पर भी सूबे के 5 चेहरे जनसमर्थन के मामले में लगातार भारी पड़ते आ रहे हैं। इन 5 चेहरों में तीन नेता तो मौजूदा सरकार के हैं, जबकि दो चेहरे विपक्षी दल कांग्रेस के हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि बीते चुनावों में मिलने वाले मतों के आंकड़े यही बता रहे हैं। दरअसल तमाम दिग्गज नेता ऐसे हैं, जो लगातार जीत तो रहे हैं , लेकिन चुनाव में कभी भी पचास फीसदी या फिर उससे अधिक मत हासिल करने में असफल साबित हुए हैं। इनमें से कई नेता तो ऐसे हैं , जो लगातार जीत रहे हैं, लेकिन उन्हें प्राप्त मत प्रतिशत 40 से भी कम रहता है। जीत-हार अपनी जगह है, पर उनके जनाधार का मूल्यांकन तो मिलने वाले मतों से हो ही जाता है। प्रदेश की सत्ता में दूसरे नबंर के नेता गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की बात की जाए तो वे  पिछले तीन चुनावों में कभी भी 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल नहीं कर सके हैं। इसी तरह से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के बड़े नेता डा. गोविंद सिंह को पिछले तीन चुनावों में 46 प्रतिशत से भी कम मत मिले हैं। इसी तरह से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम 40 प्रतिशत का आंकड़ा पिछले तीन चुनावों में नहीं छू पाए हैं। दरअसल, जातिगत व अन्य स्थानीय समीकरणों के कारण लगभग तीस प्रतिशत मतों का बंटवारा हो जाता है। भाजपा के अन्य बड़े नेताओं की बात करें तो वर्ष 2018 में नागेंद्र सिंह (गुढ़) को 28.1 प्रतिशत, नागेद्र सिंह (नागोद) को 32 प्रतिशत, नारायण त्रिपाठी (मैहर) को 30.17, गौरी शंकर विशेन (बालाघाट) को 41 प्रतिशत, रामकिशोर कांवरे को 33 प्रतिशत, रामपाल सिंह को 41.42 प्रतिशत और अरविंद भदौरिया को 43 प्रतिशत ही मत मिले थे। वहीं कांग्रेस नेताओं में सज्जन सिंह वर्मा को 48.92, बाला बच्चन को 47, ओमकार सिंह मरकाम 45.80, जीतू पटवारी को 49.95, तुलसी सिलावट को 48.38 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे।
इन नेताओं को मिलते हैं सर्वाधिक मत
अगर 50 प्रतिशत से अधिक मतों से जीतने वाले बड़े भाजपा नेताओं की बात करें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (बुदनी) को वर्ष 2018 में 60.25, 2013 में 55 और 2008 में 62.15 प्रतिशत मत मिले थे। वे लगातार आधे से अधिक मत हासिल कर जीत दर्ज करते आ रहे हैं। इसी तरह से लगातार आठ बार विधानसभा चुनाव जीत चुके गोपाल भार्गव (रहली) भी 50 प्रतिशत से अधिक मत पिछले तीन चुनावों में लेकर जीत दर्ज कर रहे हैं। उन्हें वर्ष 2018 में उन्हें 55.78, 2013 में 63.82 और 2008 में 55 प्रतिशत मत मिले थे। ऐसे ही नेताओं में डॉ.सीतासरन शर्मा भी शामिल हैं। उन्हें 2018 में 52.34 और 2013 में 65 प्रतिशत मत मिले थे। ऐसे नेताओं में कांग्रेस के भी दो चेहरे शामिल हैं। इनमें 2018 के चुनाव में आरिफ अकील (भोपाल उत्तर) को 58.77, जयवर्धन सिंह को 61.64 प्रतिशत मत मिले थे।

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