पहले चरण के मतदान ने डराया

मतदान
  • दूसरे चरण के लिए कसी कमर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में पहले चरण की 6 सीटों पर  वोटिंग प्रतिशत घटने से चुनाव आयोग की नींद उड़ गई है। सालों बाद पहली बार हो रहा है कि आयोग वोटिंग को लेकर टेंशन में दिखाई दे रहा है। अगले चरणों में  वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर आयोग ने कलेक्टरों को फील्ड में दौड़ा दिया है। साथ ही फरमान जारी किया है कि  जागरूकता के लिए वे खुद लोगों के बीच जाएं। जिले के चुनाव अधिकारी लगातार क्षेत्र का दौरा करें। साथ ही चुनाव आयोग ने दीवार लेखन एवं प्रचार के अन्य माध्यमों से भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। प्रदेश में दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को 6 सीट टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद में मतदान होना है। इन सीटों पर 2019 में औसत 67.65 फीसदी मतदान हुआ था। ऐसे में आयोग के सामने इतना मतदान कराने की चुनौती है। निर्वाचन कार्यालय के अनुसार पहले चरण के बाद से ही आयोग अगले चरण के मतदान प्रतिशत को लेकर बेहद गंभीर हो गया। नियमित बैठकों में जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ इस मसले पर चर्चा होती है। पहले चरण की अपेक्षा अगले चरणों वाली सीटों पर जिला अधिकारियों ने क्षेत्र के दौरे बढ़ा दिए हैं। गांव-गांव जागरूकता कार्यक्रम हो रहे हैं। जिनमें चुनाव अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही नुक्कड़ नाटक एवं प्रचार रथों के फेरे बढ़ा दिए गए हैं। लोगों को लोकतंत्र के महापर्व में शामिल होने के लिए जागरूक  किया जा रहा है। मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि मतदान के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अगले चरणों में ज्यादा मतदान होगा। लोग मतदान को लेकर जागरूक हैं। प्रचार रथ चुनाव क्षेत्रों में घूम रहे हैं। दीवार लेखक एवं अन्य प्रचार माध्यम से मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है।
पिछली बार के आंकड़े
वोटिंग के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर 67.64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। सबसे ज्यादा 74.17 प्रतिशत वोटिंग होशंगाबाद में और सबसे कम 60.33 प्रतिशत चोटिंग रीवा में हुई भी। पहले फेज में 19 अप्रैल को मप्र की जिन छह सीटों पर 67.08 प्रतिशत वोटिंग हुई, उन पर 2019 के चुनाव में 75.23 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस तरह इन सीटों पर वोटिंग में 8.15 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। दूसरे फेज में भी वोटिंग का यही ट्रेंड रहा, तो मप्र में मतदान 60 प्रतिशत के पार पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि चुनाव आयोग वोटिंग बढ़ाने के प्रयासों में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। उधर, दूसरे फेज में देश की सभी 89 सीटों पर वोटिंग बढ़ाने को लेकर चुनाव आयोग एक्शन मोड में आ गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर दूसरे फेज की वोटिंग को लेकर चर्चा की।

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