मैदानी वन अफसरों को बताना होगा, क्यों कम हुआ वन क्षेत्र

मैदानी वन अफसरों

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। वन सर्वेक्षण संस्थान की रिपोर्ट के बाद विभाग नोटिस देने की तैयारी में
भोपाल। भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून की रिपोर्ट में प्रदेश में बड़े पैमाने पर वन क्षेत्र में हरियाली कम होने के खुलासे के बाद वन विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है।
इस रिपोर्ट की वजह से विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके बाद विभाग ने अब इस मामले में जिम्मेदार अफसरों से जबाव तलब करने का तय किया है। इसमें उनसे पूछा जाएगा कि आखिर हर साल हाने वाले वृक्षारोपण के बाद भी वन क्षेत्र में कमी क्यों आयी है। इसके लिए बाकायदा विभाग द्वारा नोटिस जारी कर उनसे जबाब तलब किया जाएगा। यह नोटिस उन अफसरों को भेजा जा रहा है, जिनके, वनमण्डलों में वन आवरण क्षेत्र घटा हैं। सूत्रों के अनुसार वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने संरक्षण शाखा से उन कारणों को जानना चाहा है कि जिनकी वजह से वन आवरण का घनत्व कम हुआ है। वन बल प्रमुख के निर्देश पर अब संरक्षण शाखा बड़वानी, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, दमोह, धार, डिंडोरी, पूर्व मंडला, गुना, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, जबलपुर, कटनी, खरगोन, कूनो पालपुर, नरसिंहपुर, नीमच, नार्थ बालाघाट, नॉर्थ बैतूल, नॉर्थ पन्ना, नॉर्थ सिवनी और नॉर्थ शहडोल सहित तीन दर्जन डीएफओ को नोटिस देने की तैयारी है। एक सीनियर अधिकारी के अनुसार वन घनत्व एरिया कम होने के असल कारणों तक पहुंचाने के लिए कैंपा शाखा, विकास शाखा और अनुसंधान विस्तार शाखा से रिलीज किए गए फंड और फील्ड में हुए कार्यों की सूक्ष्मता से जांच कराई जानी चाहिए। खासकर वर्किंग प्लान के अनुसार वन मंडलों में कार्य किए गए अथवा नहीं।
अतिक्रमण और उत्खनन को रोकने में नाकाम
राजनीतिक दबाव के चलते फॉरेस्ट के अधिकारी अतिक्रमण को रोक नहीं पा रहे हैं। जब किसी भी डीएफओ ने अतिक्रमण को लेकर सख्ती दिखाई उसे हटा दिया गया। फील्ड के अफसर पर लगातार हमले हो रहे हैं ,लेकिन मंत्रालय में बैठे अपर प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल उनकी सुरक्षा को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। विभाग द्वारा खंडवा, बुरहानपुर, विदिशा, खरगोन, दमोह, पूर्व मंडला, उत्तर सिवनी, गुना और उत्तर बैतूल वन मंडलों में अवैध कटाई अति मण और उत्खनन को रोकने के लिए कोई एक्शन प्लान तैयार नहीं किया गया। प्रदेश में सर्वाधिक अति मण बुरहानपुर में हुआ है। बुरहानपुर में 1,90,102 हेक्टेयर अधिसूचित वन क्षेत्र हैं। इनमें से 52,751 हेक्टेयर क्षेत्र में अति क्रमण पाया गया है। वर्तमान में नॉर्थ सिवनी, विदिशा और बुरहानपुर में तो कोई भी डीएफओ पदस्थ ही नहीं है।

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