बायोमेट्रिक मशीन से सत्यापन के बाद ही होगी फीस प्रतिपूर्ति

बायोमेट्रिक मशीन
  • राज्य शिक्षा केंद्र ने निजी स्कूलों को जारी किए निर्देश

    भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में इस समय निजी स्कूलों में प्राइमरी की पढ़ाई आॅनलाइन हो रही है।  शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई)के तहत नामांकन कराने वाले छात्रों को स्कूल आॅनलाइन पढ़ा रहे हैं इसके लिए उन्हें प्रमाण देना होगा। इस संदर्भ में राज्य शिक्षा केंद्र ने छात्र-छात्राओं की  ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने को लेकर स्कूलों को शपथ-पत्र देने को कहा है। उन्हें बतौर प्रमाण फोटो भी अपलोड करने होंगे।
    बायोमेट्रिक मशीन से सत्यापन भी करना होगा। इसके बाद ही फीस प्रतिपूर्ति हो पाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए शासन की ओर से फीस प्रतिपूर्ति की जाती है। कोरोना काल में निजी स्कूलों की व्यवस्था चाक-चौबंद रहे और फीस की प्रतिपूर्ति अपात्र के लिए न हो जाए, इसके लिए कवायद की जा रही है। जारी निर्देश में कहा गया है कि ऑनलाइन कक्षा के छात्रों की सालाना उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है। सत्र 2020-2021 की फीस प्रतिपूर्ति के लिए प्रस्ताव केवल बायोमेट्रिक मशीन से छात्र-छात्रा का आधार सत्यापन बाद में किया जा सकेगा।
    आधार सत्यापन व सत्र में 75 प्रतिशत से ज्यादा उपस्थिति होने पर छात्र का नाम फीस प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव में देना है। स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर से फीस प्रस्ताव को लॉक करना है। आरटीई के नियंत्रक डॉ. रमाशंकर तिवारी के अनुसार जब किसी भी शासकीय संस्थान से राशि की मांग करते हैं तो उस संस्थान को हमें कार्य का प्रमाण देना होता है या फिर हमने किस गुणवत्ता के आधार पर कार्य संपादित किया, इसके साक्ष्य देने होते हैं।
    फीस की रसीद पोर्टल पर करनी होगी अपलोड
    राज्य शिक्षा केंद्र ने निजी स्कूलों के लिए कई निर्देश दिए हैं। स्कूलों के लिए अनिवार्य किया गया है कि वे मौजूदा सत्र का फीस स्ट्रक्चर, अन्य छात्रों से ली जाने वाली कक्षावार फीस की एक-एक रसीद की पीडीएफ बनाकर फाइल पोर्टल पर अपलोड करें। इतना ही नहीं निजी स्कूलों को पोर्टल में अगली कक्षा में प्रौन्नत हुए छात्रों का वार्षिक परिणाम भी दर्ज करना है। कक्षा पास होने के प्रतिशत/ग्रेड के सामने अंक सूची की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी। अब अगर माता-पिता की तरफ से उनके नौनिहालों की कक्षाओं और आॅनलाइन क्लास के संचालन को लेकर किसी भी तरह की शिकायत मिलती है तो स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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