- सरकार ने की बिना ब्याज ऋण देने की घोषणा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। सरकार द्वारा पेश किए गए इस वर्ष के बजट में किसानों को बड़ी सौगात दी गई है। मोहन यादव सरकार ने किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने हेतु 694 करोड रुपए मंजूर किए हैं। सरकार के इस फैसले के बाद सहकारी बैंक किसानों को ब्याज मुक्त ऋण आवंटित करेंगे। जिससे किसानों की आर्थिक हालत में सुधार आएगा। सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भूमि के क्षेत्र और औसत उत्पादन के हिसाब से साख सीमा यानी उधार देने की सीमा का निर्धारण किया जाता है।
मोहन यादव सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत किए गए बजट में किसानों के लिए कई बड़ी घोषणा की गई है। मप्र के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े बजट को प्रस्तुत करने के दौरान किसानों के लिए चलाई जा रही फसल बीमा योजना के लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार के फैसले से किसानों को ओलावृष्टि और तूफान की वजह से होने वाले फसलों में नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि ओलावृष्टि और बारिश की वजह से किसानों की फसलों में नुकसान होने पर फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा राशि आवंटित की जाती है।
किसानों को मिलेगी धान पर प्रोत्साहन राशि
मप्र राज्य में किसानों को सरकार धान की फसल पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। सरकार द्वारा इसके लिए बजट में प्रावधान रखा गया है। धन पर प्रोत्साहन राशि के लिए सरकार की तरफ से बजट में 850 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा किसानों के लिए चलाई जा रही सीएम किसान कल्याण योजना के लिए मोहन यादव सरकार ने 5220 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। प्रदेश में खेती की लागत कम करने के लिए किसानों को ब्याज मुक्त फसल ऋण दिया जा रहा है। 2024-25 में खरीफ और रबी सीजन में 33 लाख किसानों को 19 हजार 895 करोड़ रुपये का अल्पावधि ऋण दिया गया था। इसे 2025-26 में 40 लाख किसानों दिलाने का लक्ष्य है। इसके लिए न केवल प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का दायरा बढ़ाया जा रहा है बल्कि नई समितियां भी गठित की जा रही हैं। प्रदेश में साढ़े चार हजार से अधिक प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से सदस्य किसानों को बिना ब्याज का ऋण मिलता है। इसमें सामग्री के साथ-साथ नकद राशि भी दी जाती है ताकि किसान खेती से जुड़ी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। अनुमान के अनुसार वर्ष 2025-26 में 21,000 करोड़ रुपये का अल्पकालीन ऋण की आवश्यकता होगी। इसके लिए सहकारी बैंक तैयारी कर रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि सहकारी बैंक से भी ऋण लिया जाएगा और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अपनी पूंजी भी लगाएंगे।
500 नई समितियां बनेगा का लक्ष्य
भारत सरकार ने सहकारिता मंत्रालय गठित कर यह स्पष्ट कर दिया है कि इस क्षेत्र का विस्तार किया जाना है। इसके लिए प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। मध्य प्रदेश में लगभग पांच सौ नई समितियां गठित करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि किसानों को सभी सुविधाएं पास में ही मिल जाएं। एक समिति का दायरा तीन पंचायत क्षेत्र से अधिक न हो। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि समितियों के गठन में व्यावहारिक दृष्टिकोण रखा जा रहा है। समितियां स्वयं का कारोबार करके अपने पैरों पर खड़ी हों, इसके लिए उन्हें अलग-अलग गतिविधियों से जोड़ा जाना भी प्रस्तावित है।