गठित होगा नया फेडरेशन, मुनाफा में भी मिलेगी हिस्सेदारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मिलेटस यानी की मोटा अनाज इस समय तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इस तरह के अन्न उत्पादन में मप्र का अहम स्थान है। इसकी बढ़ती मांग का फायदा मप्र उठाने जा रहा है। जिसके तहत मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रत्येक किलो पर न केवल दस रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, बल्कि सरकार द्वारा गठित किए जाने वाले फेडरेशन को होने वाले मुनाफा में भी इन किसानों की हिस्सेदारी रहेगी। इस अन्न को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार पहले ही रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना शुरु कर चुकी है। इसके तहत ही किसानों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को सीधे किसानों के खाते में डाला जाएगा।
कृषि विभाग के अफसरों के मुताबिक बनाए जा रहे फेडरेशन के जिम्मे मिलेट्स की खरीदी, उसके प्रसंस्करण और ब्रांडिंग का काम रहेगा। बताया जा रहा है कि इसकी कार्यप्रणाली से लेकर इसके काम और ढांचा तक को तय कर लिया गया है, जिस पर अब अंतिम मुहर मुख्यमंत्री डां. मोहन यादव की ही लगनी शेष है। इसके शुरू होने से मिलेट्स उत्पादक किसानों को कई तरह के फायदे होंगे। इनमें किसानों को उचित दामों पर उपज बेचने की सुविधा मिल जाएगी। फेडरेशन को ही उपज बेचने से किसानों को प्रोत्साहन राशि का भी भुगतान किया जाएगा।, यह राशि तीन सालों तक लगातार मिलती रहेगी। इसके अलावा मिलेट्स की बिक्री से होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा भी किसानों को मिलेगा। यह तभी मिलेगा जब किसान ने फेडरेशन के माध्यम से ही अपनी उपज बेंची हो। फेडरेशन नो प्रॉफिट, नो लॉस के फार्मूला पर काम करेगा। इसकी कमान किसी प्रोफेशनल को सौंपी जाएगी। फेडरेशन के पास ही मिलेट्स की खरीदी, बिक्री, उसके प्रसंस्करण व ब्रांडिंग से लेकर अन्य संबधित सभी तरह के अधिकार रहेंगेे। फेडरेशन एक स्वतंत्र संस्था के रुप में काम करेगा। सरकार का काम सिर्फ निगरानी करने का होगा।
होता है 70 हजार टन का उत्पादन
प्रदेश में अभी हर साल करीब 70 हजार टन मिलेट्स का उत्पादन होता है। इसमें आधा खाने का काम आता है और आधे की कृषि मंडियों में बिक्री की जाती है। वर्तमान में सरकार की ओर से मिलेट्स की खरीदी की कोई अलग से व्यवस्था नहीं है। फेडरेशन मिलेट्स की खरीदी को लेकर भी व्यवस्था बनाएगा। सरकार ने आने वाले वर्षों में मिलेट्स का उत्पादन एक लाख टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। मिलेट्स उत्पादन में मप्र का सातवां स्थान देश में मोटे अनाज उत्पादन के मामले में राजस्थान सबसे आगे है। मिलेट्स उत्पादन में मप्र का सातवां स्थान है। देश में कुल उत्पादित होने वाले मिलेट्स उत्पादन में मप्र की हिस्सेदारी महज 5.07 प्रतिशत की ही है। इसमें 16 प्रमुख किस्में हैं। इनमें ज्वार, बाजरा, रागी, लघु बाजरा, प्रांरो बाजरा, कोदे, कुटकी आदि शामिल हैं। मिलेट्स कैल्शियम, आयरन और फाइबर से भरपूर होता है। यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है।