मध्यप्रदेश के किसान बनेंगे आत्मनिर्भर

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  • मप्र कृषक कल्याण मिशन प्रारंभ करने की सैद्धांतिक स्वीकृति

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक किसानों के समन्वित विकास के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशु पालन एवं डेयरी विभाग, सहकारिता विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग में प्रचलित योजनाओं को एक मंच पर लाकर मध्यप्रदेश किसान कल्याण मिशन को प्रारंभ करने की सैद्धांतिक अनुमति दी गयी। सरकार की इस योजना से मप्र के किसान आत्मनिर्भर बनेंगे। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की नसीहत के बाद मिशन में हजार गांवों से रोज 50 लाख लीटर दूध खरीदी का लक्ष्य शामिल किया है। यह दूध सहकारी समितियों के जरिए सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड मिलकर खरीदेंगे। पहले यह लक्ष्य 24 लाख लीटर था, 13 अप्रैल को शाह ने नए लक्ष्य तय करने को कहा था। मिशन के तहत फसल बीमा कवरेज बढ़ाकर 50 फीसद करेंगे। अगले तीन साल में 3 लाख को सोलर पंप देने, 1000 हायरिंग सेंटर खोलने, एफपीओ 1000 करने, 3.35 लाख हेक्टेयर में सिंचाई विस्तार का लक्ष्य तय किया। 5 लाख हेक्टेयर में ड्रोन से कीटनाशक छिडक़ाव की क्षमता, उच्च उत्पादकता वाली किस्मों के 15 लाख क्विंटल बीज वितरण करेंगे। सिंचाई क्षमता 77.47 लाख हेक्टेयर करेंगे। मप कृषक कल्याण मिशन की साधारण सभा के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। मिशन क्रियान्वयन की कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। मिशन क्रियान्वयन जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में किया जायेगा। मप्र कृषक कल्याण मिशन का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, कृषि को जलवायु-अनुकूल बनाना, धारणीय कृषि पद्धतियों को अपनाना, जैव विविधता और परम्परागत कृषि ज्ञान संरक्षण, पोषण एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना है। कृषि तथा उद्यानिकी सस्टेनेबल कृषि पद्धतियां के अंतर्गत गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस (जीएपी) को अपनाना, जैविक, प्राकृतिक खेती क्षेत्र में बढ़ोतरी, जैविक एवं प्राकृतिक उत्पादों के लिए मार्केट लिंकेज का निर्माण तथा सुदृढ़ीकरण, जैविक एवं प्राकृतिक उत्पाद हेतु प्रमाण पत्र जारी करने तथा ट्रैसेबिलिटी सिस्टम को विकसित, किसानों की उपज के उचित मूल्य सुनिश्चित करना, मंडियों का आधुनिकीकरण एवं उन्नयन, मंडी कार्यों के प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग, मण्डी में पारदर्शी तथा निष्पक्ष नीलामी की प्रक्रिया को सुदृढ़ एवं मंडी के बाहर उपज बेचने की सुविधा को विकसित करना, जिन फसलों में वायदा अनुबंधों की अनुमति है, उनकी कार्य योजना तैयार करना है।
किसानों को मिलेंगी कई सुविधाएं
मिशन में 50 बड़े कार्य शामिल किए हैं। जैविक, प्राकृतिक खाद बनाने, फसल और मछलियों के 100 फीसदी बीज तैयार करने में आत्मनिर्भरता, कोल्ड चेन व नेटवर्क तैयार करने, मछली उत्पादन 10,288 टन करने, पालन करने वाले 1.47 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड देना शामिल है। किसानों आय में वृद्धि, खेती को जलवायु अनुकूल बनाना, सस्टेनेबल खेती पद्धति अपनाना, जैव विविधता और परंपरागत कृषि के तरीकों का संरक्षण, खाद्य सुरक्षा बनाए रखना और फसलों को उचित दाम दिलाना। मुयमंत्री ने कैबिनेट बैठक की चर्चा में कहा कि अगले पांच वर्ष में दूध का प्रतिदिन संग्रहण 2 करोड़ लीटर तक ले जाएंगे। उन्होंने इसके लिए पशुपालन मंत्री लखन पटेल को समूचित व्यवस्था बनाने संबंधी सुझाव भी दिए और कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अफसरों से चर्चा भी कर लें। गोवंश के लिए गोवंश विहार के साथ नगरीय ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ यूनिट शुरू होंगी। सडक़ों पर गोवंश की मौजूदगी शून्य करेंगे। नेटवर्क में सभी विभाग व सामाजिक संगठनों की जिमेदारियां तय होंगी।

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