सब्सिडी के लिए किसान नहीं करा पा रहे पंजीयन

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  • एमपीएफएसटीएस पोर्टल पड़ा ठप

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार ने उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए कई तरह की सब्सिडी की व्यवस्था की है। लेकिन विडंबना यह है कि सब्सिडी के लिए पंजीयन करने वाला पोर्टल पिछले कई दिनों से बंद पड़ा है।
इससे प्रदेश के लाखों किसान परेशान हो रहे हैं, लेकिन उद्यानिकी विभाग के अफसरों को इसकी सुध ही नहीं है। बता दें कि मप्र में उद्यानिकी फसलों का क्षेत्रफल 36 लाख हेक्टेयर है, इस पोर्टल के बंद होने से इन क्षेत्र में कृषि और किसानों हर स्तर पर शत-प्रतिशत प्रभावित होंगे। वहीं सरकार की किसान हितैषी विभिन्न योजना के तहत इस पोर्टल के माध्यम से कोल्ड स्टोरेज, ड्रिप, ड्रिप स्प्रिंकलर, पाली हाउस, शेडनेट हाउस, वाक इन टनल, ट्रैक्टर,जैसे कृषि उपकरणों के लिए सब्सिडी दी जाती है।
गौरतलब है की प्रदेश में सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में किसान इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी दिलाने वाला पोर्टल पिछले कई दिनों से बंद है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में किसानों की योजनाओं का क्रियान्वयन मप्र फॉर्मर सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम (एमपीएफएसटीएस) पोर्टल में पंजीयन के माध्यम से होता है। पोर्टल में किसानों का पंजीयन 7 जून से शुरू हुआ और 11 जून को पोर्टल बंद हो गया। जिससे किसान सब्सिडी के लिए पंजीयन से वंचित हो गए हैं। वहीं किसानों की फसल लेने की (बोवनी) की शुरुआत 20 जून से होती है, इसके बावजूद पोर्टल में पंजीयन चालू करने के कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
20 जून तक किसानों का चयन लाटरी के माध्यम से किया जाना है, लेकिन पोर्टल बंद होने से यह प्रक्रिया भी प्रभावित होगी। इस संदर्भ में कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा का कहना है कि मैंने पोर्टल बंद होने के बारे में अधिकारियों से कहा है कि वे इसकी पड़ताल करें और शीघ्र पोर्टल चालू कराएं।
सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम
(एमपीएफएसटीएस) के अंतर्गत किसान विभिन्न योजना में पंजीयन कराकर सब्सिडी का लाभ लेते हैं। इसके तहत मध्य प्रदेश सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने एवं किसानों को विभिन्न प्रकार की योजना के लाभ प्रदान करना है। इसके तहत कृषि उपकरण और सिंचाई उपकरण के माध्यम से किसान अपनी फसल को बेहतरीन कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरणों पर इस योजना के तहत सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। जून माह निकलने के बाद किसान अपने स्तर पर फसल की तैयारी कर लेता है, इसमें योजना के लाभ से किसान वंचित हो जाएगा और योजना का क्रियान्वयन, फसल अवधि खत्म होने के बाद खरीफ (नवंबर) के बाद ही सब्सिडी का लाभ ले पाएगा। प्रदेश में कई जिलों से यह शिकायतें मिली है। इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को उत्पादन, प्रसंस्करण, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, सिंचाई, यांत्रिकरण, क्षेत्र विस्तार के कार्य में उपयोग होने वाले उपकरणों पर डेढ़ से पौने दो लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है। उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह का कहना है कि पोर्टल बंद होने की शिकायतें मिली हैं। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द पोर्टल को चालू कराकर किसानों का पंजीयन कराएं।

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