-पत्र वायरल होने के बाद लोकायुक्त ने दर्ज किया प्रकरण
भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। अफसर व नेता मिलकर किस तरह से गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं पर डांका डालते हैं इसका खुलासा सरकार में मंत्री रहे दीपक जोशी ने किया है। खास बात यह है कि यह मामला अहम इसलिए और हो जाता है क्योंकि यह पूरा मामला देवास जिले में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी की कर्मभूमि रहे बागली का है। यहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना में करोड़ों रुपए के घोटाला कर दिया गया है। इस घोटाले से जुड़े लोगों ने गरीबों के आवास के नाम पर राशि निकालकर उससे महंगी लग्जरी गाड़िय़ां और दूसरा विलासता का सामान खरीद डाला। इसकी वजह से बेचारे गरीबों को छत ही नसीब नहीं हो पायी है। स्व. जोशी के बेटे एवं पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तथ्यों के साथ शिकायत भेजकर जांच की मांग की है। पीएमओ को शिकायत किए जाने की भनक लगते ही लोकायुक्त ने बीते रोज ताबड़तोड़ तरीके से इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने अपने पत्र में पीएम मोदी को लिखा है कि बागली क्षेत्र उनके पिता की कर्मभूमि रही है। उन्होंने इस घोटाले को उचित पटल पर रखा, लेकिन सामूहिक लूट और सांठगांठ इतनी बड़ी है कि कुछ लोगों ने पूरे तंत्र को अपने प्रभाव में ले रखा है। उन्होंने इस पूरे मामले का घोटला करीब साढ़े सत्रह करोड़ का बताते हुए इसकी जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग की है। उन्होंने पत्र में यह मामला तीन नगर परिषदों से संबंधित बताया है। इस मामले में जोशी का आरोप है कि इस घोटाले को लेकर पहले भी वह शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन जैसे ही पीएमओ को शिकायत किए जाने की जानकारी वायरल हुई लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को मामले में एफआईआर दर्ज कर ली।
जोशी के विरोध में खोला मोर्चा
इस मामले में बागली के विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे ने जोशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि जोशी ने एक आदमी को 5 निकायों का प्रभारी बना रखा था। अब वे धीरे-धीरे कांग्रेसी होते जा रहे हैं। वे बार-बार बागली पर बयान दे रहे हैं पर हाटपिपल्या की बात नहीं करते, जबकि वहां भी गड़बड़िय़ां हुर्इं। उनके द्वारा लिखे गए पत्र में कहीं भी हाटपिपल्या का उल्लेख तक नहीं किया गया है। उनका कहना है कि जब यह भ्रष्टाचार हुआ तब वे खुद मंत्री थे। एक आदमी को उन्होंने पांचों नगरीय निकायों का प्रभारी बना रखा था। उनका कहना है कि वे जिस भ्रष्टाचार की बात कह रहे हैं, उसके खिलाफ मैंने सबसे पहले जनवरी 2022 में कलेक्टर को पत्र लिखा थ, जिसके बाद मामले की जांच
के मामला कलेक्टर द्वारा ईओडब्ल्यू को भेज दिया गया था।
मढ़ावता में पंचायत भवन लापता और सड़क भी मिली गायब
विदिशा जिले के लटेरी जनपद के तहत आने वाली मढ़ावता पंचायत में तो हद ही हो गई। पंचायच में किस कदर भ्रष्टाचार किया गया है, इससे ही समझा जा सकता है कि निर्माण कार्य के नाम पर 70 लाख रुपए की राशि निकालकर हजम कर ली गई। जब अफसर मौके पर पहुंचे तो न तो पंचायत भवन मिला और कुएं सड़क और टॉयलेट तक गायब मिले। हद तो यह हो गई प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राही की मजदूरी में मिलने वाले 15-15 हजार रुपए भी जीआरएस ने फर्जी खातों में डलवा दिए।
इन परिषदों का है नाम
पीएम आवास के पैसों से कांटाफोड़, सतवास और लोहारदा नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने लग्जरी गाड़ियां और अन्य सामान खरीदने में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। जोशी का आरोप है कि इस रकम का दुरुपयोग किया गया, 40 का सामान 400 रु. में खरीदा गया। 26 दिसंबर को लिखी ये चिट्ठी सामने आने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने बीते रोज बागली के कांटाफोड़, लोहारदा और सतवास के मकानों को लेकर 46 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। इसमें तीन पूर्व नप अध्यक्ष, 13 पूर्व सीएमओ, 2 नायब तहसीलदार व पूर्व प्रशासक, 3 पूर्व लेखापाल सहित अन्य कर्मचारी और इंदौर व देवास की फर्मों के संचालक हैं।
यह भी लगाए आरोप
जोशी का इस मामले में आरोप है कि देवास के कलेक्टर रहे चंद्रमौलि शुक्ला ने सतीश घावरी को पात्र नहीं होने पर भी सीएमओ बनाया था। उनकी भूमिका की जांच होना चाहिए। गरीबों के मकान अधूरे पड़े हैं। इस अन्याय पर राज्य शासन ने भी कुछ नहीं किया तो हताश होकर पीएम मोदी से न्याय की आस लगाई है। इस घोटाले में नौकरी से बर्खास्त होकर वापस बहाल होने वाले कुछ अफसर और पार्टी के ही कुछ नेता मिले हुए हैं।