भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कुछ माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक बार फिर से उन अफसरों के तबादले होना तय हो गया है, जो तीन सालों से एक ही स्थान पर जमे हुए थे। इस बार अहम बात यह है कि हटाए जाने वाले अफसरों में आबकारी विभाग को भी शामिल कर लिया गया है। हाल ही में जारी की गई भारत निर्वाचन आयोग की अफसरों की पदस्थापना को लेकर गाइडलाइन में इसका उल्लेख किया गया है। आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों को 30 जून 2024 तक एक ही जिले में तीन साल की पदस्थापना पूरी करने वाले अफसरों को हटाने के निर्देश दिए हैं। इस गाइडलाइन में पहली बार आबकारी महकमे को भी शामिल किया गया है। इससे उन आबकारी अफसरों का हटना तय है, जो कई सालों से एक ही स्थान पर अपने रसूख की वजह से जमे हुए हैं। अब इनका हटना तय माना जा रहा है। इनमें वे अफसर भी हटाए जाएंगे, जिन्हें एक स्थान पर तीन साल का समय हो गया है या होने वाला है, उन्हें हटाने के लिए कहा गया है। चुनाव आयोग ने ऐसे मामलों में अधिकारियों के तबादलों के संबंध में राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी से 31 जनवरी 2024 तक अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है। आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजे निर्देश में कहा है कि लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को खत्म हो रहा है। इसलिए आयोग ने निर्णय लिया है कि केन्द्र शासित राज्यों और राज्यों में गृह जिलों में पदस्थ अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई समय पर की जाए। आयोग ने कहा है कि चुनाव से सीधा संबंध रखने वाला कोई भी अधिकारी उस जिले में पदस्थ नहीं रहेगा, जो उसका गृह जिला होगा। इसके साथ ही अगर संबंधित अफसर ने पिछले चार साल के अंतराल में पदस्थापना वाले जिले में तीन साल पूरे कर लिए हैं या फिर 30 जून को उसके तीन साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे अधिकारियों को पोस्टिंग के वर्तमान जिले में बने रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी अधिकारी का प्रमोशन होने के बाद अगर संबंधित जिले में तीन साल पूरे हो रहे हैं तो उसे भी हटाया जाएगा।
भोपाल से ही होगी डेढ़ दर्जन की रवानगी
अभी तक चुनावों से आबकारी विभाग को दूर रखा जाता था। पुलिस और रेवेन्यु को लेकर ही आदेश जारी होते थे। पहली बार आयोग ने आबकारी विभाग के सब इंस्पेक्टर और उससे ऊपर के अधिकारियों को इसमें शामिल किया गया है। आयोग ने तीन साल से एक स्थान पर जमे अफसरों को हटाने के लिए कहा है। साथ ही साफ किया है कि तबादला एक ही एसी के आधीन नहीं किया जाए। छोटा जिला होने पर उसे अन्य जिले में भेजा जाए। साथ ही इनकी पदस्थापना गृह जिले में नहीं की जाए। आयोग के इस फरमान से आबकारी विभाग के अफसरों में हडक़ंप मचा हुआ है। कारण है कि प्रदेश का 90 फीसदी स्टॉफ इससे प्रभावित होगा। अधिकांश अफसर कई सालों से एक ही जिले में पदस्थ हैं। राजधानी भोपाल की बात करें तो यहां पर डेढ़ दजर्न से अधिक अफसरों को हटाया जाएगा। इसकी वजह से महज तीन-चार ही अफसर ऐसे रह जाएंगे जो तबादलों से प्रभावित नहीं होंगे।
06/01/2024
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