हर साल एक बड़े उद्योग में हो जाती है तालाबंदी

उद्योग

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की भाजपा सरकार भले ही यह दावा करती रही हो की राज्य की नीतियां उद्योग फ्रेंडली हैं, जिससे निवेशक बड़ी संख्या में मप्र आ रहे हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि बीते दो दशक में 29 बड़े उद्योग पूरी तरह से ताला बंदी करने को मजबूर हो गए हैं। इनमें एलजी समूह का भी एक उद्योग शामिल है। यह बात अलग है कि इन उद्योगों के बंद होने की अलग-अलग वजह बताई जा रही है। इन उद्योगों के बंद होने से प्रदेश में हजारों लोगों को रोजगार से भी हाथ  धोना पड़ा है। इनमें से अधिकांश उद्योगों के बंद होने की जो वजह बताई जा रही है उसके मुताबिक उद्योगों को होने वाला घाटा है। इसकी वजह से वे बैंक का कर्ज नहीं चुका पाए जिसकी वजह से उन्हें संपत्तियों तक का विक्रय करना पड़ा जिसकी वजह से उन्हें वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। वर्ष 2004 से अब तक मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड अंतर्गत कुल 222 बड़े उद्योग स्थापित हुए हैं, जिनमें से 29 बड़े उद्योग पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। इसके तहत सर्वाधिक उद्योग इंदौर क्षेत्र 126 उद्योग इंदौर क्षेत्र में 126 उद्योगों में स्थापित हुए, जिनमें से 21 बंद हो चुके हैं। इसी तरह से अगर भोपाल अंचल की बात की जाए तो यहां पर 55 बड़े उद्योग स्थापित हुए हैं, लेकिन उनमें से दो अब बंद हो चुके हैं। इसी तरह से रीवा अंचल में नौ में से तीन उद्योग बंद हो चुके हैं। इंदौर क्षेत्र में 126 उद्योगों में से 21 बंद हो गए। ग्वालियर अंचल में इसी अवधि में 13 उद्योगों में से तीन अब बंद हो चुके हैं। इस मामले में जबलपुर अंचल ही ऐसा है जहां पर स्थापित सभी 19 उद्योग अभी चल रहे हैं।  इस मामले में विभाग का कहना है कि रायसेन जिले में हैवी फेब्रिकेशन निर्माता कंपनी मेसर्स जीईआई पावर लिमिटेड और राइस प्रोसेसिंग वाली कंपनी मेसर्स एसएसए इंटरनेशनल द्वारा कर्ज का भुगतान ही नहीं किया गया, जिसके चलते बैंक ने उसका अधिग्रहण कर लिया। इसी तरह से भिंड जिले में मेसर्स लिमिहाटलाईन ग्लास की दो फैक्ट्रियां बंद पड़ी हुई हैं। इसी जिले में कलर्ड पिक्चर ट्यूब बनाने वाली मेसर्स एलजी हाटलाईन सीपीटी लिमिटेड, एनएसीएलटी द्वारा परिसंपत्तियों को बेंच दिया गया है।
वित्तीय कुप्रबंधन पड़ा भारी
इंदौर अंचल के धार जिले में इंडोरामा टेक्सटाइल लिमिटेड, दिव्य ज्योति, सोनी इस्पात लिमिटेड, वेरटेक्स टेक्नोसॉफ्ट, वरुण सीमेंट प्रालि, पाली लॉजिक इंडिया लिमिटेड, गिल्टपेक यूनिट-2, खरगोन जिले में पेरेंटल ड्रग्स प्रालि, मित्तल कॉर्प लिमिटेड, लक्ष्मी पाईप एंड फिटिंग, मेटल मेन पाइप मेन्युफ्रेक्चरिंग, परसरामपुरिया इंटरनेशनल लिमिटेड, भानु आयरन एंड स्टील कंपनी,  शाजापुर जिले में सिद्धार्थ ट्यूब्स प्रणाली वित्तीय कुप्रबंधन के कारण बंद हुई। धार जिले में सोनी इस्पात लिमिटेड प्रबंधकीय अक्षमता एवं गिरनार फाइबर लिमिटेड ऋण भुगतान न करने, नियो कार्य इंटरनेशनल लिमिटेड कच्चा माल संबंधी समस्या के कारण, सकोज इंडिगो प्रणाली एवं एडवांस सर्फेक्टेड इंडिया लिमिटेड विपणन संबंधी परेशानियों की वजह से बंद हो गईं।
अलग-अलग वजहों से हुई बंद
इंदौर जिले में स्टील ट्यूब आफ इंडिया लिमिटेड आर्थिक मंदी के कारण बंद हो गई। झाबुआ में नाभि इंडस्ट्रीज कच्चे माल की उपलब्धता एवं विपणन संबंधी समस्या के कारण बंद हुई। देवास जिले में देवास सोया लिमिटेड वित्तीय हानि होने के कारण बंद हुई। सतना जिले में मेसर्स भिलाई जेपी सीमेंट एवं स्पाज आयरन एमएस ब्लेड निर्माता कंपनी मेसर्स कमल स्पाज स्टील एंड पावर लिमि और रीवा जिले में सोयाबीन एवं सरसो का तेल बनाने वाली कंपनी मेसर्स जेपी रीवा सोया प्रोसेसिंग यूनिट बंद हो गई।

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