
- ओपन वन क्षेत्र में भी आयी कमी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। तमाम प्रयासों के चलते वन महकमे के कामकाज को लेकर एक अच्छी खबर सामने आयी है। यह है सघन वन क्षेत्र को लेकर। प्रदेश में बीते कई सालों से औसतन हर साल करीब 60 वर्ग किलोमीटर के दायरे में सघन वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। इसकी वजह है करीब छह साल पहले एक साथ लगाए गए छह करोड़ पौधे। जो अब पूरी तरह से विकसित होकर पेड़ का रुप लेने लगे हैं। अगर विभाग के आंकड़ों को देखें तो इस बार प्रदेश में अति सघन वनक्षेत्र के दायरे में 356.31 वर्ग किमी की वृद्धि दर्ज की गई है। दरअसल प्रदेश में लगातार बीते छह सालों के अंदर 21 करोड़ से अधिक पौधों को लगाया गया है, जिसकी वजह से यह सुखद आंकड़े सामने आए हैं। यही वजह है कि लगातार अब प्रदेश में बगैर पेड़ों वाली वन भूमि में भी कमी आ रही है। बीते छह सालों की मेहनत की वजह से पहली बार 420 वर्ग किमी के ओपन फॉरेस्ट में भी कमी आयी है। इससे यह तय हो गया है कि 420 वर्ग किमी के क्षेत्र में अब नया जंगल तैयार हो गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 94689 वर्ग किमी का वन क्षेत्र है। इसमें 61886 आरक्षित और 31098 वर्ग किमी का संरक्षित वन है। इस वन क्षेत्र को अति सघन वन, सामान्य सघन वन और खुले वन क्षेत्र में बांटा गया है। प्रदेश में साल 2019 में अति सघन वन क्षेत्र 6676 वर्ग किमी का था। साल 2021 में यह वनक्षेत्र 6665 वर्ग किमी का रह गया था। यानी अति सघन वन क्षेत्र भी कम हो गया था। अब अति सघन वन क्षेत्र चढक़र 7021.31 वर्ग किमी का हो गया है। यानी 356.31 वर्ग किमी का अति सघन वन क्षेत्र बड़ा है। साल 2019 से साल 2024-25 तक प्रदेश में 21 करोड़ 78 लाख से अधिक पौधारोपण हुआ। इस पौधारोपण का असर छह साल में नजर आया है, जब प्रदेश में अति समन वन क्षेत्र बढ़ गया और ओपन फरिस्ट कम हो गया है। साल 2024-25 में प्रदेश के वन क्षेत्र में 4 करोड़ 45 लाख से अधिक पौधारोपण हुआ था।
अगले पांच साल का लक्ष्य तय
वन विभाग द्वारा अगले पांच साल के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के मुताबिक 50 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र को हरा-भरा करना है। नेशनल मिशन फॉर ए ग्रीन इंडिया के तहत नया वनावरण तैयार किया जाना है। इसमें वनों पर आधारित 30 लाख परिवारों की आजीविका को सुधारने का भी लक्ष्य है। ग्रीन इंडिया मिशन अंतर्गत वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 200 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत हो चुकी है। इससे 29876 हेक्टेयर क्षेत्र को उपचारित कर 7037589 पौधों का रोपण किया गया है। जंगल के अलावा शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने नगर वन भी तैयार किए जा रहे है। इन नगर वनों में कई तरह के पौधे लगाए जा रहे है। प्रदेश में इस तरह के 100 नगर वन विकसित करने का लक्ष्य वन विभाग ने रखा है। 26 नगर वन तैयार हो चुके है और 29 नगर वन बनाए जाने का काम शुरू हो चुका है।