पौधारोपण में हर साल करोड़ों का खेल

पौधारोपण
  • फर्जी मस्टर, खाद-कीटनाशक के नाम पर वन विभाग में भ्रष्टाचार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र को हरा-भरा बनाने के लिए सरकार द्वारा हर साल करोड़ों पौधे रोपे जाते हैं। इन पौधों को रोपने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। वन विभाग फर्जी मस्टर, खाद-कीटनाशक के नाम पर भारी भरकम बिल बनाता है, लेकिन रोपित पौधों में से आधे भी नहीं बच पाते हैं। प्रदेश में एक बार फिर से लगातार दो महीने तक बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चलेगा। अभियान का आगाज करने के साथ सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सजावटी ओर हेज प्लांट से पूरी तरह दूरी बनाई जाए। पौधारोपण में छायादार और औषधीय प्रजाति के पौधे ही रोपे जाएं। इस दौरान स्मृति वन, नक्षत्र वन और संस्कृति वन विकसित करने पर फोकस किया जाए।
प्रदेश के वन क्षेत्रों के साथ ही सभी नगरीय क्षेत्रों में 15 जुलाई से 15 सितम्बर तक व्यापक रूप से पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। दो महीने तक चलने वाले पौधारोपण में शहरी इलाकों में एक करोड़ 75 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य तय किया गया है। इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास विभाग से सभी कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। भोपाल और इंदौर नगर निगम में 15-15 लाख, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन नगर निगम में 10-10 लाख जबकि अन्य 11 नगर निगम में 5-5 लाख पौधे रोपे जाएंगे।  एक लाख या इससे अधिक जनसंख्या वाली 17 नगर पालिकाओं में एक-एक लाख पौधे रोपने का टारगेट तय किया गया है। एक लाख से कम जनसंख्या वाली 82 नगर पालिकाओं में 15-15 हजार, जबकि 298 नगर परिषदों में 10-10 हजार पौधे रोपे जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश हैं कि नगरीय निकाय की स्वयं की हरित क्षेत्र के लिए आरक्षित भूमि, अन्य शासकीय भूमि के साथ निजी कॉलोनियों में हरित क्षेत्र के लिए आरक्षित भूमि में पौधारोपण किया जाए।  
आधे भी नहीं बचा पाता वन विभाग
प्रदेश में हर साल 5 से 6 करोड़ पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन इनमें से 50 फीसदी से अधिक पौधे तो देखभाल के अभाव में लगाते ही नष्ट हो जाते हैं। करीब 50 फीसदी पौधे बच पाते है और इनके नाम पर भी फॉरेस्ट विभाग में संधारण के नाम पर फर्जी मस्टर और खाद-कीटनाशक के नाम पर भ्रष्टाचार किया जाता है। इस साल भी सरकार 5 करोड़ से अधिक पौधे लगाने जा रही है। वन विभाग ने वर्ष 2017 में एक दिन के भीतर 7 करोड़ पौधे लगाने का फर्जी रिकार्ड बनाया था। लगाए गए पौधों का सत्यापन करने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे उमंग सिंघार जब आसपास के जंगलों में गए तो उन्हें पौधों की जगह गढ्ढे ही नजर आए थे। विधानसभा में भी एक दिन में 7 करोड़ पौधे लगाने का फर्जी रिकार्ड बनाने का आरोप विपक्षी सदस्यों ने लगाया था। कोरोना काल के दौरान पौधे लगाने का काम धीमा हुआ, लेकिन तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह रोज स्मार्ट सिटी में पौधा लगाने का कार्य लगातार करते रहे। तत्कालीन एपीसीसीएफ वाय सत्यम ने एक दिन में 7 करोड़ पौधे लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर लिया था, लेकिन जब इस मामले की जानकारी सरकार ने विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए अफसरों से मांगी तो वे आज तक जवाब नहीं दे पाए हैं। इसके बाद से विभाग अब फूंक-फूंककर कदम रख रहा है।
इस साल भी लगाए जाएंगे 5.39 करोड़ पौधे
वन विभाग इस साल प्रदेश में 5 करोड़ 39 लाख 72 हजार 935 पौधे लगाने जा रहा है। इनमें से एक करोड़ 24 लाख 21 हजार पौधे वन विकास निगम लगाएगा और बकाया 4.15 करोड़ पौधे वन विभाग लगाएगा। इसके तहत बैतूल सर्किल में 18 लाख, भोपाल सर्किल में 41 लाख, छतरपुर सर्किल में 27 लाख, छिंदवाड़ा में 30 लाख, खंडवा में 36 लाख, ग्वालियर में 19 लाख, नर्मदापुरम में करीब 6 लाख, इंदौर सर्किल में 16 लाख, जबलपुर में 26 लाख, रीवा में 41 लाख, सागर में 35 लाख, सिवनी में 20 लाख, शिवपुरी में 35 लाख, शहडोल में 22 लाख तथा उज्जैन में 30 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। पूर्व छिंदवाड़ा में 13 लाख, पश्चिम छिंदवाड़ा में 10 लाख, दक्षिण में 6 लाख, रायसेन में 8 लाख, बड़वानी में 7 लाख, सेंधवा में 6 लाख, हरदा में 6 लाख, दक्षिण बैतूल में 7 लाख, उत्तर एवं पश्चिम में 5-5 लाख, औबेदुल्लागंज एवं भोपाल में 5-5 लाख, खंडवा, खरगोन में 6-6 लाख, हरदा में 5 लाख, कटनी में 11 लाख, बुआ में 7 लाख, पूर्व मंडला में 6 लाख, रीवा में 8 लाख, सीधी में 7 लाख, दक्षिण सागर में 18 लाख, दमोह में 9 लाख, उत्तर सागर में 8 लाख, शिवपुरी में 18 लाख, गुना में 12 लाख, उत्तर शहडोल में 9 लाख, उमरिया में 5 लाख, दक्षिण शहडोल में 5 लाख, देवास और नीमच में 9-9 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इतने पौधे लगाने के बाद जिंदा कितने बच पाते है, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन रेंज अफसर और डीएफओ के बारे-न्यारे जरूर हो जाते हैं।
 कलेक्टरों को निर्देश जारी
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी कलेक्टरों को इस संबंध ने निर्देश जारी कर कहा है कि अन्य विभागों के साथ मिलकर पौधरोपण अभियान चलाएं। बारिश के दौरान अधिक से अधिक पौधे रोपे जाएं। विभाग ने कहा है कि एक लाख एवं इससे अधिक जनसंख्या की 17 नगर पालिकाओं में एक-एक लाख, एक लाख से कम जनसंख्या वाली 82 नगर पालिका में 15-15 हजार और 298 नगर परिषद में 10-10 हजार पौधे रोपे जाने हैं। साथ ही जन-अभियान परिषद, स्वयंसेवी संस्थाओं, स्व-सहायता समूह, एनएसएस, एससीसी तथा स्कूल, कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी इस अभियान से जोड़ने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में नगरीय निकायों में अमृत 2.0 योजना अंतर्गत हरित क्षेत्रों का विकास कार्य प्रचलित है। पौधरोपण अभियान में वित्तीय व्यवस्था अमृत 2.0 योजना अंतर्गत उपलब्ध राशि, नगरीय निकाय में उपलब्ध स्वयं के स्त्रोत से तथा जन-सहयोग से की जायेगी।

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