चंबल में अखिलेश भी नहीं बचा सके सपा प्रत्याशियों की जमानत

अखिलेश यादव

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। समाजवादी पार्टी ने इस बार हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपनी ताल ठोकी थी और अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश की 74 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतार दिए थे। चार प्रत्याशियों के पर्चे निरस्त हो जाने के बाद 70 प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में रह गए थे, लेकिन समाजवादी पार्टी का जादू पूरे मध्य प्रदेश में बेअसर रहा। समाजवादी पार्टी एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी। समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार करते हुए अपने प्रत्याशियों की जीत को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन चंबल के भिंड जिले में अखिलेश यादव के प्रत्याशियों की जमानत तक नहीं बच सकी। भिंड जिले की तीन विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे समाजवादी प्रत्याशियों की जमानत ही जब्त हो गई, जबकि अखिलेश यादव खुद भिंड जिले में अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने पहुंचे थे। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने इस बार हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपनी ताल ठोकी थी और अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश की 74 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतार दिए थे। चार प्रत्याशियों के पर्चे निरस्त हो जाने के बाद 70 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी का जादू पूरे मध्य प्रदेश में बेअसर रहा। समाजवादी पार्टी एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी। अटेर से हारे बीजेपी के बागी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की सबसे बुरी हालत भिंड जिले में देखने को मिली, जहां उसके प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई। अटेर विधानसभा में बीजेपी से बगावत करके मुन्ना सिंह भदौरिया ने समाजवादी पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ा था। समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले मुन्ना सिंह भदौरिया के लिए वोट मांगने अखिलेश यादव खुद भिंड पहुंचे थे और यहां उन्होंने अपने पार्टी के प्रत्याशी के लिए वोट मांगे, लेकिन मुन्ना सिंह भदौरिया को महज 10288 वोट ही मिल पाए और इस तरह समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई।
भिंड में लगा करारा झटका
सबसे बुरा हाल तो भिंड विधानसभा में देखने को मिला, जहां समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रवि  जैन ने नामांकन दाखिल किया और चुनाव प्रचार भी किया। लेकिन नामांकन वापसी का समय निकल जाने के बाद वे बीजेपी में जाकर शामिल हो गए। यहां बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को करारा झटका दे दिया। हालांकि, इसके बावजूद भिंड विधानसभा की जनता ने उन्हें 237 वोट दिए। लेकिन इतने कम वोट मिलने से यहां भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। कुल मिलाकर अपने प्रत्याशियों की जीत का दावा करने वाले अखिलेश यादव के भिंड जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर एक भी प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सका। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि समाजवादी पार्टी की हालत कितनी खराब हो गई है।
गोहद में जमानत हुई जब्त
गोहद विधानसभा सीट से भी समाजवादी पार्टी ने डॉक्टर मोहनलाल माहौर को अपना प्रत्याशी बनाया था , लेकिन डॉक्टर मोहनलाल माहौर तो 500 वोटों तक का आंकड़ा भी नहीं छू सके। डॉक्टर मोहनलाल माहौल को महज 444 वोट ही मिल सके। इस तरह उनकी जमानत भी जब्त हो गई।

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